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    जीवन भर ह्वारेई तिब्बती लोकगीत गाते हैं तिब्बती वृद्ध
    2014-04-13 18:30:59 cri

    सोनान छाईरांग जीवन भर ह्वारेई तिब्बती लोकगीत गाते हैं और सिखाते हैं। उन्होंने कहा कि यह लोकगीत मेरे रक्त में भी बहता रहता है और ये मेरे जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है। उनका कहना है:"एक जाति की अपनी जातीय आदतें और संस्कृति होती है, जिनका विरासत के रूप में आगे विकास किया जाना चाहिए। हमारी पीढ़ी ही नहीं, भावी पीढ़ी के लोग, पीढ़ी दर पीढ़ी इसका विकास करना चाहिए। मुझे लगता है कि संस्कृति एक जाति का बहुत रंगारंग विषय होता है। यह जनता के लिए अच्छी बात है और आगे इसका विकास किया जाना चाहिए। मेरी तरफ़ से मैं हमारी तिब्बती जाति के ह्वारेई लोकगीत के विकास को आगे बढ़ाने को तैयार हूँ।"


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