शरद में शांत झील पर चांदनी
यह परिदृश्य कुशान पर्वत के दक्षिण पूर्व छोर में और बाहरी झील के सामने स्थित है।"हज़ारों योजन लम्बी झील आईना की भांति शांत व पारदर्शी है। बारहों माह में शरत् चांदनी सब से रूपवान है।"कविता के इस पद ने सजीव ढंग से यहां की प्राकृतिक सुन्दरता का वर्णन किया है। घुमावदार गलियारा सादी व सुरुचिकर डिजाइन में फैली है। तीनों ओर झील के पानी से घिरा चबूतरा दक्षिण की ओर जल सतह पर स्थित है, जहां का दृश्य-पथ बहुत विस्तृत है। धूप के दिन में हो या बारिश के दिन, यहां से पश्चिमी झील को निहारने में हमेशा अनोखे नजारे नजर आते हैं। ख़ास तौर पर मध्य शरद में चमकदार चांदनी की रात को हल्की हवा चलती है और झील का पानी हिलोरे लेते हुए लहराता है। चबूतरे पर बैठे चाय पीते हुए आकाश में चमकते चांद और झील में चांद की परछाई देखते हैं। तो आकाश व झील में दो वृत्ताकार चांद एक दूसरे को शोभा देते हुए दिखाई देते हैं। साल भर में कृत्रिम पहाड़ियों पर खिले फूलों व पेड़ों का लुत्फ लेते हुए कविता की सी मज़ा लेने वाला पर्यटन स्थल बनता है।