पश्चिमी झील का सौंदर्य
पश्चिमी झील एक कविता, एक कुदरती चित्र और एक मर्मस्पर्शी कहानी की तरह है। चाहे वर्षों से यहां रहने वाले स्थानीय निवासी हो या थोड़े समय के लिए यहां ठहरने वाले यात्री हो, सभी इस प्रकार के अनुपम अद्भुत सौंदर्य से बरबस मोहित रहते हैं।
"संसार में 36 पश्चिमी झील हैं, उन में से सब से श्रेष्ठ हांगचो की पश्चिमी झील।" सदियों में पश्चिमी झील की सुन्दरता ने न जाने कितने देश विदेश के लोगों को आकर्षित कर दिया है। पश्चिमी झील की ही वजह से लोगों में ऐसा असीम लगाव पैदा हुआ है जो हांगचो को छोड़ कर चले जाने को भी भुला देता है। लोग अक्सर हांगचो की पश्चिमी झील को स्वीट्जर्लैंड के जेनेवा की लेमन झील के साथ दुनिया के पूर्वी व पश्चिमी दो चमकदार पर्ल मानते हैं। 13वीं शताब्दी में इटालवी यात्री मार्को पोलो हांगचो को"दुनिया में सब से सुन्दर व वैभव शहर"कहकर पुकारता था। पश्चिमी झील के कारण पर्यटन क्षेत्र में हांगचो का महत्वपूर्ण स्थान तय हुआ है।
पश्चिमी झील की हर जगह दर्शनीय व रमणीय स्थल हैं। दक्षिण सुंग राजकाल में नामांकित"पश्चिमी झील के दस दर्शनीय स्थल"सब से प्रसिद्ध हैं, यानीकि सू तटबंध पर वसंती प्रभात-वेला, खमीदा आंगन में हवा में कमल के फूल, शरद में शांत झील पर चांदनी, टूटे पुल पर बची बर्फ़, विलो वन में पक्षियों की चहक, ह्वा बंदरगाह में मछली की क्रीड़ा, लेइ फेंग पगोडा पर सूर्यास्त लाली, गगनचूंबी द्विचोटियां, शाम को नान फिंग पर्वत में घंटा बजने की आवाज़ और पश्चिमी झील में त्रिकुंभ में चांदनी। पश्चिमी झील के दस दर्शनीय स्थलों की अपनी अपनी विशेषता है, जिन्हें मिलाकर प्राचीन पश्चिमी झील के उत्तम दर्शनीय स्थलों का प्रतिनिधित्व किया जाता है। इसलिए देश विदेश के पर्यटक इन की प्रशंसा करते अथकते हैं और वे तुरंत वहां से चले जाने का मन नहीं करते हैं।