घास मैदान रेशम मार्ग का रोड मैप
घास मैदान रेशम मार्ग पर मुख्य रूट मंगोलिया पठार के घास मैदान से शुरू होकर पश्चिम की दिशा में थ्येन शान पर्वत के उत्तरी भाग में ईली नदी घाटी जाता था, फिर मध्य एशिया के स्वेई ये से अन्य स्थलों तक पहुंचता था। यात्री मध्य चीन से इस मार्ग पर जा सकते थे, या गान सू के चांग येई क्षेत्र या शिनच्यांग के तुरपान बेसिन से थ्येन शान पर्वत को पार कर सकते थे। खानाबदोश जातियों ने इस लाइन के विकास के लिए महत्वपूर्ण योगदान किया था। ह शी गलियारे के बंद होते समय, उदाहरण के लिए थांग राजवंश के अंतिम काल(लगभग 9वीं शताब्दी) में तिब्बत के थू बो ने ह शी गलियारे पर कब्जा कर लिया. जिससे मध्य चीन और पश्चिमी क्षेत्रों व मध्य एशिया के बीच यातायात मुख्यतः उत्तरी घास मैदान एवं नख्लिस्तान के रेशम मार्ग पर निर्भर करता था।
दक्षिण पश्चिम रेशम मार्ग का रोड मैप
युनान प्रांत के ता ली को केंद्र बनाकर दक्षिण पश्चिम की ओर भारत जाने वाला व्यापारिक मार्ग दक्षिण पश्चिम रेशम मार्ग कहलाता था। दक्षिण पूर्व एशिया या तिब्बत से होकर भारत में प्रवेश करने वाला रोड भी दक्षिण पश्चिम रेशम मार्ग के दायरे में शुमार था। उत्तरी रेशम मार्ग की तुलना में दक्षिण पश्चिम रेशम मार्ग में ऊंचे ऊंचे पहाड़, नमी गर्म मौसम होता था और विभिन्न जातियां रहती थीं, जिससे पूरा मार्ग खुलना मुश्किल था। स्वेई व थांग राजकाल(ईस्वी 581---907) में नान जाओ राज्य ने युनान क्षेत्र को एकीकृत किया। युनान थांग राजवंश के नक्शे में शामिल हो गया। इससे दक्षिण पश्चिम रेशम मार्ग विकसित होने लगा।