7. सोचने का नया नज़रिया- मैनें एक आर्टिकल पढ़ा था, जिसमें लिखा था कि अगर कोई इंसान एक से ज्यादा भाषा का ज्ञान रखता है, तो उसके सोचने की शक्ति काफ़ी प्रबल हो जाती है। वह एक बात को भिन्न-भिन्न प्रकार से अभिव्यक्त कर सकता है। जब एक बच्चा किसी एक शब्द का उपयोग करता है, तो वह शब्द उस बच्चे के मस्तिष्क पर जोर देता है, और अन्य दूसरी भाषा में भी सोचता है, जो वह जानता है। यह जग जाहिर है कि चीनी भाषा संसार की सबसे मुश्किल भाषा है, और इसे सीखने में दिमाग पर वाकई जोर पड़ता है, और इससे दिमाग की अच्छी ख़ासी कसरत हो जाती है।
8. प्रतिर्स्पधात्मक लाभ- भारत के स्कूलों के साथ-साथ अन्य देशों के स्कूलों में भी चीनी भाषा तेज़ी से बढ़ रही विदेशी भाषा है। मैं चाहता हूँ कि हमारे युवा लोगों को आगे बढ़ने के मौके मिलते रहें, और आज के प्रतिर्स्पधात्मक युग में बने रहने के लिए चीनी भाषा सीखना एक बेहतर मौका हैं।
9. हम क्यों नही- मंदारिन चीनी भाषा अंग्रेजी के बाद दूसरी सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली विदेशी भाषा है। यूएस, जापान, दक्षिण कोरिया, पाकिस्तान, यूरोप के कई देशों में चीनी भाषा का बोलबाला है। सभी देशों ने चीनी भाषा पर अपना फोकस बनाये हुए है। मंदारिन भाषा इण्टरनेट पर सबसे ज्यादा उपयोग होने वाली भाषा है। हम भारतीय इस भाषा से क्यों अछूते रहें। हमें भी समय की मांग को देखते हुए चीनी भाषा सीखनी चाहिए।
10. दोस्त और फैमली - चीनी लोग सेवाभाव और मित्रता के लिए जाने जाते है। वे संबंध निभाने में बड़े पक्के होते है। मेरा खुद का अनुभव है कि अगर आप चीनी लोगों से दोस्ती करते हैं, तो वे भी आपके साथ निस्वार्थ मित्रता निभाते है। वे आमतौर पर स्वभाव से सीधे और सरल होते है। अगर आप उनके साथ उनकी भाषा में बातचीत करना शुरू कर दें, तो वे आपसे इतने प्रभावित हो जाते है कि फिर वे आपको अपने सर-आखों पर बिठा लेते हैं। उनके साथ चीनी भाषा में बातचीत करना काफी अच्छा रहता है। यदि आप चीनी समुदाय के बीच रहते है, तो उनके साथ चीनी भाषा बोलना बड़ा फायदेमंद रहता हैं। चीनी भाषा बोलना न सिर्फ बिजनस के लिहाज़ से बढिया है, बल्कि दोस्त और रिश्ते बनाने के लिए भी अच्छा है। इस भाषा से उनके साथ संबंध जोड़ सकते हैं।