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पाकिस्तान की अध्यापिका गुलशन का चीन से प्रेम
2013-09-03 10:55:27

वर्ष 2004 सरकारी विनिमय छात्र के रूप में गुलशन ने ईरान की राजधानी तेहरान में फ़ारसी भाषा सीखी थी। वहां पर उसे फ़ारसी भाषा सीखने वाले अनेक चीनी छात्र मिले थे।

उसने कहा कि वे चीनी छात्र शांगहाई विदेशी भाषा विश्वविद्यालय के फ़ारसी भाषा विभाग के छात्र थे, वे कुल 9 छात्र थे। उन 9 छात्रों को फ़ारसी भाषा के साथ साथ अंग्रेजी भी आती है। आम तौर पर हम फ़ारसी भाषा या अंग्रेजी भाषा में बात करते थे। उन छात्रों ने मुझे चीन के बारे में अनेक जानकारी दी।

गुलशन ने कहा कि ईरान में फ़ारसी भाषा सीखने के दौरान चीनी छात्रों के साथ आवाजाही करते समय में उसे चीन के बारे में अनेक जानकारी मिली और उस दौरान वो चीनी भाषा सीखना चाहती थी। इस तरह पाकिस्तान वापस लौटने के बाद फ़ारसी भाषा विभाग से स्नातक होने के बाद गुलशन ने अपने पाकिस्तानी राज्य भाषाई विश्वविद्यालय में चीनी भाषा सीखना शुरू किया था, इससे चीन के साथ उसका घनिष्ठ संबंध भी शुरू हुआ।

वर्ष 2006 के नवंबर में गुलशन और चीनी भाषा विभाग के अन्य 18 छात्रों को पाकिस्तान की यात्रा करने वाले चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ को बातचीत करने और समान रूप से चीनी गीत गाने का मौका मिला। गुलशन ने कहा कि उस समय श्री हू चिन थाओ ने हमें अच्छी तरह चीनी भाषा सीखने के लिए चीन की और ज्यादा जानकारी पाने का सुझाव दिया।

गुलशन ने कहा कि राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ की बात बहुत उचित है, क्योंकि केवल एक भाषा की संस्कृति को मालूम होने के बाद इस भाषा का अच्छी तरह उपयोग किया जा सकता है। जिससे मुझे चीन में शिक्षा पाने की इच्छा और मजबूत हुई, क्योंकि चीन में एक कहावत है कि एक बार देखना सौ बार सुनने से बेहतर है। अगर मैं चीन में शिक्षा पा सकती हूं, तो मुझे और अच्छी तरह चीन की जानकारी मिल सकती है और मेरी चीनी भाषा का स्तर भी उन्नत हो सकता है।

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