चीन में चाय सिर्फ पीने की एक चीज़ नहीं है, बल्कि यह एक विशेष सांस्कृतिक उपक्रम है। प्राचीन काल से आज तक चीन के विभिन्न जगहों में चाय पीने के लिए रेस्तरां और चायघर उपलब्ध होते रहे हैं। पेइचिंग शहर में सबसे समृद्ध छियानमन सड़क के किनारे अनेक चायघर नज़र आते हैं। लोग वहां चाय पीते, खाना खाते और प्रदर्शन देखते हुए आराम करते रहते हैं। दक्षिणी चीन में ऐसे चायघर भी हैं जिन्हें विशेष तौर पर मनोहर दृश्यों वाली जगह पर बनाया जाता है, ताकि पर्यटक चाय पीते समय सुन्दर दृश्यों का भी आन्द उठा सकें। पर चीन में सब जगह चाय पीने की आदतें अलग अलग हैं। विभिन्न जगहों के लोग विभिन्न किस्मों की चाय पीना पसंद करते है। मिसाल के तौर पर पेइचिंग वासियों को फूलों वाली चाय पीना पसंद है। पर शांघाई वासियों को हरी चाय पीना पसंद है। दक्षिणी चीन के फूचैन प्रांत में लोगों को काली चाय का शौक है। दक्षिणी चीन के हूनान प्रांत में लोगों को चाय में नमक डालने की आदत है। नमक के अलावा वे चाय में अदरक, सोयाबीन और तिल आदि भी डालते हैं। चाय पीने के बाद उन्हें इन सभी चीज़ों को मुंह में रखकर चबाना पसंद है। इसलिए इन क्षेत्रों में चाय पीना नहीं, बल्कि चाय खाना कहने का चलन है।
चीन में चाय बनाने के अलग-अलग ढंग हैं। पूर्वी चीन में लोग बड़े बरतन में चाय रखते हैं। जब अतिथि घर आते हैं, तब मेज़बान उस चाय के बरतन में चाय के साथ पानी डालकर उसे आग के ऊपर रखकर उबालते हैं और फिर वे छोटे-छोटे कपों से चाय पीते हैं। चीन के दूसरे क्षेत्रों में चाय पीने का ढ़ंग कुछ अलग ही निराला है। दक्षिणी चीन के फूचैन प्रांत में लोग कूंफू नामक चाय पीते हैं। पर यह कूंफू चाय फिल्मों में दिखाये गये कूंफू से बिल्कुल अलग है। वास्तव में यहां कूंफू चाय पीने की एक विशेष कला के रूप में जाना जाता है।
चीन के विभिन्न क्षेत्रों में चाय पीने का रिवाज़ भी अलग-अलग है। राजधानी पेइचिंग और उत्तरी चीन के कुछ क्षेत्रों में अगर मेज़बान अतिथि को हाथ से चाय सौंपने आते हैं, तो अतिथि को तुरंत ही उठकर दोनों हाथों से चाय का कप लेना चाहिये और धन्यवाद बोलना चाहिये। दक्षिणी चीन के क्वांगतुंग और क्वांगशी प्रातों में मेज़बान अतिथि के सम्मान में चाय देते समय उंगलियों से मेज़ पर तीन बार खटखट करते हैं। चीन के दूसरे क्षेत्रों में अगर अतिथि ज्यादा चाय पीना चाहता हैं, तो उन्हें अपने कप में थोड़ी चाय सुरक्षित छोड़नी पड़ेगी नहीं तो मेज़बान उनके चाय कप में और चाय नहीं डालेंगे। अगर अतिथि ने कप की सारी चाय खत्म कर दी है तो मेज़बान के विचार में अतिथि और चाय नहीं पीना चाहता हैं।