ह्वा थ्वो पूर्वी चीन के अनह्वोई प्रांत के रहने वाले थे। वे एक साधारण स्रज़ू परिवार में जन्मे थे। सन् 208 में तत्कालीन सरकार ने उन्हें मृत्यु दण्ड़ दे दिया था। कहा जाता है कि ह्वा थ्वो बहुत स्वस्थ शरीर के स्वामी थे। 100 वर्ष की आयु में भी वे काफ़ी स्वस्थ और निरोगी थे। इतिहास के पन्नों में उल्लेख है कि ह्वा थ्वो को कई बार सरकारी अधिकारी बनने की पेशकश की गई थी, किन्तु हर बार उन्होंने मना कर दिया था।
एक बार की बात है, जब तत्कालीन राजा छ्याओ शाओ के सर में काफ़ी तेज़ दर्द हुआ, तो ह्वा थ्वो को इलाज के लिए बुलाया गया। उन्होंने तुरंत ही राजा के रोग का सफल इलाज कर दिया था, और उन्हें विवश होकर छ्याओ शाओ के निजी चिकित्सक का पद स्वीकार करना पड़ा। कुछ समय के बाद, ह्वा थ्वो ने राजा छ्याओ शाओ से कहा कि उनकी पत्नी बीमार है, और देखभाल करने के लिए उन्हें जाना है। इस प्रकार ह्वा थ्वो ने छुट्टी लेकर वहां से चले गये। हालांकि छ्याओ शाओ ने बाद में ह्वा थ्वो को कई बार बुलवाया, फिर भी वे राजा के पास वापस नहीं लौटे। इसलिए, छ्याओ शाओ ने गुस्से मे आकर उन्हें गिरफ्तार करवा कर जेल में डाल दिया और अंत में मृत्यु दण्ड़ दे दिया।