Web  hindi.cri.cn
हवा में खड़ा मंदिर
2013-07-08 09:12:26

इस मंदिर का निर्माण कार्य वाकई अनोखा है। यह मंदिर सीधी खड़ी चट्टान पर अटका सा खड़ा है। उसके ऊपर एक चट्टान का विशाल टुकड़ा बाहर की ओर आगे निकला हुआ एक विशाल छाते की भांति मंदिर को बरसात और पानी से नुकसान होने से बचाता है। यह मंदिर जमीन से 50 मीटर की ऊंची सतह पर खड़े होने से पहाड़ी घाटी में आने वाली बाढ़ से भी बचता है। मंदिर के चारों ओर घिरी पहाड़ियों की चोटियों से निकलती हुई तेज धूप से भी बचता हैं। कहा जाता है कि गर्मियों के दिनों में भी रोज महज तीन घंटों तक सुरज की किरणें मंदिर पर पड़ सकती है। इस कारण लकड़ी का यह मंदिर आज से 1500 साल पुराना होने पर भी अच्छी तरह सुरक्षित खड़ा है।

इस मंदिर की ख़ास बात यह है कि यह हवा में लटका हुआ सा लगता हैं। लोग समझते हैं कि इस मंदिर को दर्जन भर पतली-पतली लकड़ियों के सहारे टिका रखा हैं, पर सच्चाई यह है कि उन लकड़ियों पर मंदिर का भार नहीं है। मंदिर को मजबूती से टिकाने के लिए चट्टान के भीतर गड़ी हुई लोहे की कड़ियों में अच्छी किस्म वाली लकड़ियों को फँसाया हुआ हैं। उन लकडियों को विशेष तेल से सिंचित किया हुआ हैं, जिससे उनमें दीमक लगने और सडने या गलने की कोई संभावना नहीं रह जाती। मंदिर का तल्ला इसी प्रकार के मजबूत आधार पर रखा गया है। मंदिर के नीचे जो दर्जन भर लकड़ियां टिका रखी है, उसका भी काफी महत्व है, अर्थात वे समूचे मंदिर के विभिन्न भागों को संतुलित बनाते हैं।

1 2 3
आप की राय लिखें
Radio
Play
सूचनापट्ट
मत सर्वेक्षण
© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040