भारतीय प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष भारतीय आयात-निर्यात संयुक्त संघ के उप-महानिदेशक देलदत्ता नंदवानी ने जानकारी देते हुए कहा कि कुल 86 भारतीय कारोबारों ने मौजूदा मेले में भाग लिया। मेले में भारतीय हस्तकला द्वारा निर्मित वस्तुएं, परम्परागत वस्त्र, कालीन और आभूषण जैसी वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं।
इस बार का मेला भारतीय व्यापारियों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भारतीय वस्तुओं के लिये चीनी बाजार खोलने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। भारतीय व्यापारी श्याम घनशानी ने कहा कि इन दिनों में चीनी यात्रियों ने हमारे उत्पादों पर बहुत ध्यान दिया है। अन्य भारतीय व्यापारियों को भी ऐसा महसूस होता है। हम यहां पर बाजार खोलने पर गंभीरता से विचार करेंगे।
युन्नान जातीय विश्वविद्यालय के हिन्दी भाषा विभाग के अनेक विद्यार्थियों ने इस बार के मेले में स्वयंसेवक का काम किया। यिए छान य्वान उन में से एक हैं। उन्होंने कहा कि हिन्दी भाषा सीखने वाले विद्यार्थी के रूप में इस बार का मेला हमारे लिए एक अच्छा मंच है। इसमें स्वयंसेवक का काम करने की प्रतिक्रिया हमारे लिए ज्ञान प्राप्त करने का एक अवसर है, जिससे भविष्य में काम ढूंढने के लिए हमें कुछ जानकारी मिल सकती है।
चीन-दक्षिण एशिया मेले से दोनों पक्षों की जनता के बीच समझ, आदान-प्रदान और सहयोग आगे बढ़ सकता है।