हाल के वर्षों में दोनों देशों की समान चेष्टा चीन-भारत संबंध का स्वस्थ और स्थिर विकास हो रहा है। दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय आवाजाही लगातार जारी है और दोनों देशों के नेताओं ने द्विपक्षीय संबंध और समान रुचि वाले मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया। इस वर्ष मार्च में चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने ब्रिक्स देशों के 5वें शिखर सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भेंट की, दोनों नेताओं ने कई क्षेत्रों और मुद्दों पर सहमती जताई।
चीनी जन वैदेशिक मैत्री संघ के उपाध्यक्ष फ़ङ चोखु ने कहा कि युवा लोग भविष्य की प्रमुख शक्ति हैं, विभिन्न प्रकार की गैर सरकारी आवाजाही से युवाओं में आवाजाही का महत्वपूर्ण स्थान होता है। वर्ष 2009 के मई में चीनी जन वैदेशिक मैत्री संघ और पेइचिंग विश्वविद्यालय ने संयुक्त रूप से पहला चीनी और भारतीय विश्वविद्यालय छात्र मंच का सफल आयोजन किया, जिसे तत्कालीन प्रधानमंत्री वन च्यापाओ का उच्च मूल्यांकन प्राप्त हुआ। इस आधार पर "चीन-भारत का भविष्य तैयार करे: हमारे अवसर और चुनौतियां" शीर्षक दूसरा मंच आयोजित किया गया। मौजूदा मंच से चीन और भारत के बीच गैर सरकारी आवाजाही की मज़बूती विशेषकर दोनों देशों के युवाओं के बीच आदान-प्रदान के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया गया। मंच में उपस्थित विश्वविद्यालय विद्यार्थियों ने दूसरे देश के युवाओं को अपने देश की संस्कृति दिखाई जिससे आपसी समझ बढ़ी।
हाल के वर्षों में भारत सरकार चीनी और भारतीय युवाओं के बीच मित्रवत आवाजाही को महत्व देती है। चीन स्थित भारतीय शिक्षा काउंसिलर विनायक चव्हान ने उद्घाटन समारोह में भाषण देते हुए कहा:
"चीनी और भारतीय विश्वविद्यालय छात्र मंच एक बहुत अच्छा मंच है, इससे दोनों देशों के युवाओं के बीच सीधे तौर पर आवाजाही का मौका मिलता है, साथ ही दोनों देशों के विश्वविद्यालयों को भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न मुद्दों पर गहन रूप से विचारों का आदान प्रदान लाभदायक है। भारत और चीन के बीच मैत्री का इतिहास बहुत पुराना है। मुझे विश्वास है कि द्विपक्षीय युवाओं के बीच मैत्रीपूर्ण आवाजाही से भारत-चीन संबंधों को जरूर आगे बढ़ाया जाएगा और हम एक और उज्ज्वल भविष्य बनाएंगे।"