गोलाकार पूजा-मंच के उत्तर में परमेश्वर भवन आता है। वह एक तल्ला वाला छोटा-सा गोलाकार भवन है। आम दिनों में उसमें स्वर्ग देवताओं के पूजा तख्ते रखे जाते हैं। परमेश्वर भवन की चारों ओर वृताकार दीवार घिरी हुई है। यह दीवार ध्वनि विज्ञान के प्रयोग से बनायी गई मशहूर प्रतिध्वनि वाली दीवार है। यदि आप दीवार के किसी हिस्से पर दबी आवाज में कुछ कहोगे, तो उसके सामने दूसरी तरफ की दीवार पर आवाज साफ साफ सुनाई देती है।
स्वर्ग मंदिर की पूजा में प्रयुक्त होने वाला दूसरा निर्माण स्वर्ग प्रार्थना भवन है। यह छज्जों वाला तीन मंजिला गोलाकार विशाल भवन है, जो तीन तल्लों वाले शिलाधार पर खड़ा है। प्रार्थना भवन एक ऐसा स्थान है, जहां सम्राट हर गर्मियों के मौसम में शानदार फसलों की प्रार्थना करते थे। इसलिए प्रार्थना भवन के निर्माण का कृषि संस्कृति से संबंध था। भवन में फर्श से भीतरी छत तक चार ऊंचे लम्बे खंभे खड़े है। कहा जाता था कि ये खंभे वसंत, ग्रीष्म, शरद और सर्दी का प्रतिनिधित्व करते थे। प्राचीन चीन की मान्यता के अनुसार दिन के 12 वक्त होते है, इसलिए पहले तल्ले के छज्जे को टिकाने वाले 12 खंभे दिन के 12 वक्तों का प्रतिनिधित्व करते थे। बीच के तल्ले के छज्जे को टिकाने वाले 12 खंभे साल के बारह माहों का प्रतिनिधित्व करते थे। उनकी कुल संख्या 24 थी, जो चीनी पंचांग के अनुसार साल के 24 कृषि-ऋतुओं का प्रतीक माना जाता था।