छींग मिंग त्यौहार चीन का परंपरागत त्यौहार हैं। 'छींग' का मतलब होता हैं 'साफ़' और 'मिंग' का मतलब 'उज्ज्वल'। इसे कई नामों से भी जाना जाता हैं जैसे शुद्ध चमक त्यौहार, साफ़ उज्ज्वल त्यौहार, पूर्वजों का दिन, कब्र सफाई का दिन आदि। यह त्यौहार आमतौर पर ग्रेगरी कैलंडर की 5 अप्रैल को आता हैं। इसके नाम से ही अंदाज़ा लगाया जा सकता हैं कि इस दिन चीनी लोग बाहर निकल कर वसन्त ऋतु की हरियाली का आनंद लेते हैं और दिवंगत लोगों की कब्र पर जाकर उनको याद करते हैं। छींग मिंग त्यौहार नियमित रूप से ताइवान, हांगकांग और मकाऊ में एक संवैधानिक सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाया जाता है। इसका पालन करते हुए वर्ष 2008 में मुख्य-भूमि चीन में एक राष्ट्रव्यापी सार्वजनिक अवकाश के रूप में बहाल किया गया।
छींग मिंग त्यौहार के दिन चीनी लोग अपने दिवंगत लोगों की कब्रों पर या कब्रिस्तान जाकर उनको याद करते हैं और उनकी कब्रों को साफ़ करते हैं और उन पर फूल-मालाएं चढाते हैं। यह त्यौहार हान शी त्यौहार से उत्पन्न हुआ हैं। इसे ठंडा भोजन का दिन भी कहा जाता हैं। यह चिऐ ज थोए की याद में मनाया जाता हैं।
चिऐ ज थोए का देहांत ईसा पूर्व 636 में चीन के वसंत और शरद काल में हुआ था। ड्यूक वेन का ड्यूक बन जाने से पहले वह ड्यूक वेन के कई अनुयायियों में से एक था। एक बार, वेन के 19 वर्ष के निर्वासन के दौरान, उनके पास खाना नहीं था तो चिऐ ने वेन के लिए कुछ मांस का सूप तैयार कर उनको दिया तब वेन को हैरानी हुई कि चिऐ को वह सूप कहाँ से प्राप्त हुआ। जब देखा तो मालूम हुआ कि चिऐ ने खुद अपनी जांघ से मांस का एक टुकड़ा निकाल कर सूप तैयार किया था। वेन इतने प्रभावित हुए कि चिऐ को एक दिन उसे इनाम देने का वादा कर दिया। हालांकि, चिऐ उस प्रकार का व्यक्ति नहीं था जो पुरस्कार पाने की तलाश में रहें। बजाय इसके, वह सिर्फ वेन को राजा बनने के लिए मदद करना चाहता था। एक बार जब वेन ड्यूक बन गया, तब चिऐ ने इस्तीफा दे दिया और उससे दूर हो गया। ड्यूक वेन उन लोगों को पुरस्कार बांटने लगे जिन्होंने उनकी मदद की थी, लेकिन किसी कारणवश वह चिऐ को भूल गए, तब के बाद चिऐ अपनी मां के साथ जंगल में चला गया। ड्यूक वेन जंगल में उसे ढूँढने के लिए गए, लेकिन चिऐ को ढूँढ नहीं सके। अपने अधिकारियों का सुझाव मानकर, ड्यूक वेन ने जंगल में आग लगवाने का आदेश दे दिया ताकि चिऐ मजबूरन जंगल से बाहर आ सके। हालांकि, चिऐ आग में मर गया और आत्म-ग्लानि और पश्चाताप की अग्नि में जलकर, ड्यूक वेन ने चिऐ की यादों को सम्मान दिए जाने का आदेश दिया। वो शहर जहाँ चिऐ की मृत्यु हुई थी, आज भी चिऐशिउ के नाम से जाना जाता हैं जिसका मतलब हैं वो जगह जहाँ चिऐ सदैव आराम करता हैं।