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दिल और आंखों का सिनेमा
2013-01-16 10:44:41

68 वर्षीय छेन ह न्ये पेइचिंग के उपनगर छांग फिंग क्षेत्र में रहते हैं और उनका घर दिल और आंखों के सिनेमा से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर है। लेकिन वह भी हर शनिवार को दिल और आंखों के सिनेमा में फिल्म सुनते आते हैं। वह इस तरह की कार्यवाही की बड़ी प्रशंसा करते हैं और उन्होंने कहा था कि उन्हें कुछ समय पहले ही इस बात की जानकाली मिली, अगर शुरुआती दिनों से इसके बारे में मालूम होता तो, तो अच्छी बात होती।

उन्होंने कहा कि श्री ता वेई द्वारा फिल्म सुनाये जाने से मुझे लगता है कि मैं सही रूप से अपनी आंखों से फिल्म देखता हूं, न सिर्फ इसे सुनता हूं। मुझे थांग शान भूकंप नाम की फिल्म बहुत पसंद है। पहले मैंने भूकंप के बारे में सुना था, लेकिन वास्तव में मुझे इसके बारे में मालूम नहीं था। इस फिल्म को सुनने के बाद मुझे लगता है मैं भूकंप महसूस कर रहा हूं।

ता शिन क्षेत्र के च्यू कुंग से आई ली क्वी ची भी अक्सर फिल्म सुनती हैं। वो यहां आने और घर वापस जाने के लिए 5 या 6 घंटे का रास्ता भी तय करती हैं। लेकिन ता वेई के लिए ये हार्दिक आभारी हैं, क्योंकि यहां आने से न केवल ये फिल्म सुनती हैं, बल्कि यहां पर फिल्म सुनने के साथ साथ ये समाज से ज्यादा अच्छी तरह जुड़ती हैं और इन्हें जीवन के दूसरे पक्षों की जानकारी भी मिलती है।

ली क्वी ची ने कहा कि मैं अभी समाज में रहती हूं और मुझे लोगों के साथ संपर्क करने का अच्छा तरीका मालूम नहीं है। ता वेई ने गंभीरता से मुझे इसके बारे में बताया। मुझे इनके माध्यम से बहुत जानकारी मिली है।

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