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दिल और आंखों का सिनेमा
2013-01-16 10:44:41

पेइचिंग की शी शा हाई नाम की एक झील के उत्तरी किनारे पर एक पुराना मंदिर है। वांग वेई ली नाम के एक पुरूष अक्सर यहां पर नेत्रहीनों को फिल्म का विवरण सुनाते हैं। वह अक्सर अपने दोनों हाथों में माइक्रोफोन और दूरस्थ नियंत्रण उपकरण लेकर टी.वी देखते हुए नेत्रहीनों को फिल्म का विषय बताते हैं, जैसे कि अभी फिल्म में कौन है, उसका चेहरा किस तरह का है वो क्या कर रहा है वगैरह वगैरह। अक्सर एक दर्जन से अधिक अंधे इस तरह की कार्यवाही में भाग लेते हैं। वे गंभीरता से सुनते हैं और उन्हें इस तरह बहुत खुशी मिलती है। हर शनिवार पेइचिंग के हूंग तान तान नाम के शिक्षा और संस्कृति के आदान-प्रदान केंद्र के दिल और आंखों के सिनेमा में इस तरह की कार्यवाही आयोजित की जाती है।

47 वर्षीय छेन युए क्वो पश्चिम पेइचिंग के शी चिंग शान क्षेत्र में रहते हैं। हर शनिवार वह दिल और आंखों के सिनेमा में फिल्म सुनने यहां पर आते हैं। हालांकि हर बार दिल और आंखों के सिनेमा पहुंचने के लिए उन्हें दो घंटे का रास्ता तय करना पड़ता है, लेकिन फिल्म के लिये उन्हें ये रास्ता दुष्कर नहीं लगता क्योंकि उन्हें यहां आना बहुंत पसंद है।

उन्होंने कहा कि मुझे श्री ता वेई द्वारा सुनाई गई टाइगर नाम की फिल्म बहुत पसंद है। मुझे लगता है कि वह अच्छी तरह फिल्म की कहानी सुनाते हैं। वास्तव में मुझे विदेशी फिल्में बहुत पसंद नहीं हैं, क्योंकि उनकी भाषा मुझे मालूम नहीं है। लेकिन ता वेई की बात सुनने के बाद मुझे लगता है कि विदेशी फिल्में भी दिलचस्प होती हैं। शायद ता वेई द्वारा फिल्म सुनाई जाने की वजह से मुझे इस तरह की फिल्में भी पसंद आ रही हैं।

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