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चीनी उद्यमों द्वारा विदेशों में पूंजी निवेश
2012-10-15 16:23:24

चीनी जन प्रतिनिधि सभा के प्रतिनिधि और पावर कंपनी के जनरल मैनेजर मा चुंग लिन का मानना है कि वर्तमान में निजी कंपनियों का विदेशों में निवेश के लिए अभी भी बड़ी चुनौति मौजूद है। देश को इन कंपनियों को कानून के माध्यम से सहायता देने का जरूरत है। उन्होंने कहा कि मुख्य तौर पर सबसे पहले लक्षित देशों में निवेश के बारे में संबंधित कानूनों को जानने की जरूरत है। देश को इससे संबंधित जानकारी और मंच अवश्य प्रदान करना चाहिए, साथ में संबंधित देशों की संस्कृति रीति-रिवाज आदी की जानकारी भी उपलब्ध करानी चाहिए। यह जानकारी बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि मध्यम और लघु स्तर के उद्योगों का अंतरराष्ट्रीयकरण और परिवहन में इस तरह के विशेषज्ञों की भी जरूरत है। इसलिए सरकार को इससे संबंधित जानकारी और सहायता प्रदान करना चाहिए।

वहीं चियांग सु के मंग लान ग्रुप के निदेशक और चीनी जन प्रतिनिधि सभा के प्रतिनिधि छिएन युए पाओ ने कहा कि, वर्तमान में निजी उद्योगों का विदेशी निवेश कानून अभी तक पूरा नहीं हुआ है, आशा है कि इससे संबंधित कानून जल्द ही लागू होगा।

निजी कंपनियों के विकास और विदेशी निवेश मे प्रोत्साहन संबंधित नया अनुच्छेद 36 समाचार में देखा था। लेकिन वास्तविक कानून अभी भी सामने नहीं आया है। बहुत सारे प्रतिनिधियों का कहना है कि एक ठोस और वास्तविक कानून की जरूरत है। निजी कंपनियों ने जब यह कानून देखा तो उपयोगी नहीं लगा। अवसर मौजूद है लेकिन हाथ में नहीं है।

बतौर निजी उद्योग और चीनी जन प्रतिनिधि सभा के प्रतिनिधि के रूप में बोस्टन कंपनी के निदेशक काओ द खांग का मानना है कि, निजी कंपनियों का विदेशी निवेश में प्रोत्साहन के लिए सरकार ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं देगी। जैसे-निर्यात पर कर में वृद्धि। उन्होनें आगे कहा कि विदेशी निवेश जरूरत है। आप यह नहीं कह सकते हैं कि हमारे पास विदेशी मुद्रा बहुत ज्यादा है। अभी हमारे पास आधार तैयार करने का अवसर है, रणनीतिक तौर पर इस पर ध्यान देने की जरूरत है। आशा है कि निर्यात कर में वृद्धि की जाएगी जिससे निजी कंपनियों को निवेश के प्रति विश्वास और मजबूत हो।


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