चीनी उद्यमों का विदेशों में निवेश सफल हो रहा है, लेकिन, चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के सदस्य और चियांग शी स्टील उद्योग के निदेशक के विचार में, अभी चीनी कंपनियों का निजी तौर पर गतिविधि ज्यादा है, लेकिन सरकार को एक विशेष विभाग की स्थापना करना चाहिए जहां पर निवेश की निती, लक्षित देश, निवेश करने वाले उद्योग और निवेश प्रक्रिया के बारे में अनुसंधान किया जाए। उन्होंने कहा कि उदाहरण के तौर पर, जब विदेशी कंपनियों ने देश में निवेश शुरू किया था तब हमारे पास निवेश कंपनियों और क्षेत्रों का एक तालिका था। अब जब हमारे देश की कंपनियां विदेशों में निवेश कर रही है तो सरकार को इसके बारे में भी एक तालिका बनानी चाहिए जिसमें लक्षित देश, लक्षित उत्पाद, लक्षित उद्योग और सरकारी सहायता संबंधी नीतियां हों। यह हमारे देश के विकास नीति से भी मेल खाता है।
चीनी उद्योग का विदेशों में अभिग्रहण और विलयन में आयी तेजी ने चीन खतरनाक है, यह तथाकथित कथन भी प्रचलित हो रहा है। राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के प्रतिनिधि और छांग चियांग वायु परिवहन ग्रुप के निदेशक लियु शी हान ने कहा कि विश्व के 500 सबसे शक्तिशाली उद्योग अगर विकास करते हैं तो पूरा विश्व विकास करता है। चीनी उद्योगों ने अभी विदेशी निवेश शुरू ही किया है तो खतरा दिखने लगा। उद्योग का विकास, अर्थव्यवस्था के विकास में देशी-विदेशी का भेदभाव नहीं होना चाहिए। साथ ही जिस उद्योग का विकास हो रहा हो उसे वैश्विक अर्थव्यवस्था के परिप्रेक्ष्य में और विकास करना चाहिए। इसलिए मेरा मानना है कि चीन खतरनाक है, यह कथन सिर्फ राजनीतिक वाकपटुता है।
वर्ष 2010 में चीनी राज्य परिषद ने नया अनुच्छेद 36 निकाला। इस अनुच्छेद के अनुसार नयी उद्योगों को विदेशी निवेश के लिए प्रोत्साहित और निर्देशित करना है। इस अनुच्छेद ने विदेशों में निवेश, बाजार का विस्तारीकरण, अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्द्धा आदी मामलों में नये कानून पेश किए हैं लेकिन ठोस रूप से अभी यह कानून व्यवहारिक नहीं है। इस साल के फरवरी अंत में, राष्टीय सुधार और विकास विभाग ने संबंधित 45 विभागों को इस संबंध में कानून को जारी करने की जिम्मेदारी सौंपा है, और जून से पहले इस कार्य को पूरा करने की गारंटी भी दिया है। चीनी उप वित्त मंत्री ने हाल ही में कहा कि विदेशी निवेश से संबंधित कानून बहुत जल्द व्यवहारिक तौर पर लोगों के सामने आ जाएगा।