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क्या आप नग्न शादी कर सकेंगे ?
2012-04-12 10:11:02

चंद्रिमाः अब मेरे पास और एक पत्र है, जो चांदनी चौक, दिल्ली के रानी रेडियो लिस्नर्स कल्ब की अध्यक्षा राधा रानी खण्डेलवाल ने लिखा है। सब से पहले उन्होंने सी.आर.आई. हिन्दी विभाग के सभी कर्मचारियों को दिपावली की शुभकामनाएं दीं। और कहा है कि उन्हें हमारे कार्यक्रम विशेष तौर पर अच्छे लग रहे हैं।

विकासः बाद में उन्होंने दहेज की आलोचना की। उन के ख्याल से भारतीय लोगों को न दहेज लेना चाहिए न दहेज देना चाहिए। क्योंकि यह लड़की के परिवार के लिये एक बड़ा बोझ है। हालांकि मैं एक लड़का हूं, पर मैं भी राधा रानी खण्डेलवाल की बातों से सहमत हूं। विवाह के लिये सब से महत्वपूर्ण बात यह है कि लड़का सचमुच लड़की को प्यार करता है, न कि लड़की के साथ दिए गए दहेज को।

चंद्रिमाः विकास जी, आपने बिल्कुल ठीक कहा। भारत के विपरीत चीन में वर पक्ष बहु पक्ष को दहेज देता है। पर यह तो पुरातन समय की बात है। आधुनिक समाज में ऐसा नियम नहीं है। यहां तक कि कुछ लड़के व लड़कियां बिना पैसे के भी शादी कर सकते हैं। ऐसी शादी को चीनी भाषा में लुओ हुन कहा जाता है जिसका मतलब नग्न शादी होता है। वे केवल सरकार से एक विवाह प्रमाण पत्र लेने के साथ शादी के बंधन में बंध जाते हैं। शादी के लिये कोई रस्म नहीं चाहिए, कोई हनीमून नहीं चाहिए। चीन में एक टी.वी. श्रृंखला भी नग्न शादी से जुड़ा है। विकास जी, क्या आप ऐसा विवाह स्वीकार कर सकते हैं?

विकासः देखिए नग्न शादी की परंपरा सिर्फ चीन में ही नहीं है, यह परंपरा भारत में भी है। भारत में खासकर किसी विशेष मौके पर कई युगल जोड़े एक साथ विवाह के पवित्र बंधन में बंध जाते हैं। वहां पर न तो किसी जाति का सवाल होता है ना ही किसी दहेज का दबाव। लड़का और लड़की स्वतंत्र रूप से अपने मनचाहे प्रेमी या प्रेमिका से शादी कर लेते हैं। चंद्रिमा जी आपकी शादी कैसे हुई है क्योंकि नग्न शादी तो चीन में अभी-अभी शुरू हुआ है।

चंद्रिमाः हालांकि मेरी शादी नग्न शादी नहीं है। पर मैं उन लोगों की प्रशंसा करती हूं, जिनमें नग्न शादी करने का साहस होता है। कम से कम वे सभी लोगों को यह दिखाते हैं कि उन का प्रेम बहुत पवित्र है, इस में कोई अधिकार या पैसा शामिल नहीं है। अब हम इस गीत के द्वारा सभी नग्न शादी करने वालों को शुभकामनाएं देते हैं। आशा है उनके बीच यह पवित्र प्रेम हमेशा रहेगा।

विकासः अच्छा, समय के अभाव से आज का कार्यक्रम यहीं तक समाप्त होता है। अगले हफ्ते हम यहां फिर मिलेंगे।

चंद्रिमाः आज का कार्यक्रम आपको कैसा लगा हमें बताइये। हमारा पता हैः हिन्दी सेवा, सी.आर.आई.-7, चाइना रेडियो इन्टरनेशनल, पी.ओ.बोक्स 4216, पेइचिंग, चीन, पिनकोड 100040.

विकासः मैं एक बार फिर से दोहराता हूं, हमारा पता हैः हिन्दी सेवा, सी.आर.आई.-7, चाइना रेडियो इन्टरनेशनल, पी.ओ.बोक्स 4216, पेइचिंग, चीन, पिनकोड 100040.

चंद्रिमाः अगर आप ई-मेल भेज सकते हैं, तो हम भी आप के ई-मेल का हार्दिक स्वागत करते हैं। हमारा ई-मेल पता हैः hindi@cri.com.cn , या आप सीधे से हमारे वेब पर आप का पत्र मिला कार्यक्रम के नीचे कुछ कॉमेंट भी लिख सकते हैं।

विकासः चलें हम अगले कार्यक्रम का मज़ा लेंग आप की आवाज़ ऑन लाइन का।


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