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क्या आप नग्न शादी कर सकेंगे ?
2012-04-12 10:11:02

चंद्रिमाः यह चाइना रेडियो इन्टरनेशनल है। आप का पत्र मिला कार्यक्रम सुनने का हार्दिक स्वागत है। मैं हूं आप की दोस्त, चंद्रिमा।

विकासः और मैं हूं आप का दोस्त, विकास। हमारा प्यार भरा नमस्कार।

चंद्रिमाः श्रोता दोस्तो, आजकल पेइचिंग में हवा बहुत तेज है।

विकासः जी हां, वसंत का आगमन हो चुका है लेकिन मौसम अभी इतना ठंढ़ा नहीं है, पर मुझे तेज हवा भी पसंद नहीं है।

चंद्रिमाः मुझे भी, विकास जी। तेज हवा में बाहर घूमना तकलीफदेह है। इसलिये हमारे विभाग की वसंत कालीन यात्रा स्थगित कर दी गयी है।

विकासः क्या बात है, कैसी यात्रा है यह। मुझे पता भी नहीं चला और स्थगित भी हो गया। क्या इस यात्रा में मैं शामिल हो सकता हूँ। मुझे तो यात्रा करना बहुत पसंद है।

चंद्रिमाः अच्छा, अगर आप के पास समय है, तो आप ज़रूर हमारे साथ यात्रा कर सकते हैं। पर अभी तक यात्रा का ठोस समय व स्थान पक्का नहीं है।

विकासः चंद्रिमा जी, अगर यात्रा निश्चित हो, तो मुझे ज़रूर बताइये, मैं आप लोगों के साथ घूमना बहुत पसंद करता हूं। हर बार हम बहुत आनंद उठाते हैं। ठीक है न?

चंद्रिमाः जी हां, विकास जी, मैं आप को और हेमा व अनिल तथा हमारे नये भारतीय कर्मचारी पंकज को ज़रूर बताऊंगी। आशा है आप लोग हमारे साथ वसंत के सुन्दर दृश्य का मज़ा ले सकेंगे। तो इसी के साथ अब हम कार्यक्रम में वापसी करते हैं और श्रोताओं के पत्रों को पढ़ते हैं।

विकासः ठीक है। पहला पत्र है ढ़ोली सकरा, बिहार के दीपक कुमार दास का। हर बार की तरह इस बार भी उन्होंने पत्र बहुत लंबा लिखा है और हमारे कार्यक्रम की चर्चा की। इस बार उन्होंने आज का तिब्बत कार्यक्रम के बारे में लिखा है कि सी.आर.आई. के विशेष कार्यक्रम के तहत तिब्बत के विकास पर पत्रकारों, उदघोषकों और श्रोताओं के प्रश्न व उत्तर सुना, बहुत रोचक व ज्ञानवर्धक है। इस के अलावा उन्होंने यह भी लिखा है कि हेमा द्वारा प्रस्तुत भारतीय युवाओं की चीन की मैत्री यात्रा सुनी। हमें याद है कि चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ ने वर्ष 2006 में अपनी भारत यात्रा में यह कहा था कि पांच वर्षों में भारतीय युवाओं को चीन यात्रा पर बुलाया जाएगा।

चंद्रिमाः दीपक जी, आपने बिल्कुल ठीक कहा। वर्ष 2006 से 2010 तक हर साल चीन व भारत के एक सौ युवाओं को एक दूसरे देशों की यात्रा करने का मौका मिला। और वर्ष 2011 से युवा प्रतिनिधियों की संख्या बढ़ाकर पांच सौ कर दी गयी है। उसी साल में भारत के पांच सौ युवाओं ने चीन की यात्रा की। और वर्ष 2012 यानि इस साल में चीन के पांच सौ युवा प्रतिनिधियों ने भी भारत की यात्रा की। हमने इस के बारे में कई विशेष रिपोर्ट दी, और आगे भी कुछ रिपोर्ट दी जाएगी। दीपक जी, अगर इस में आप का रुचि है, तो हमें पत्र लिखकर ज़रूर बताइये।

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