लिलीः पुरानी आदतें आसानी से नहीं जाती हैं। तभी तो म्यूजिक डायरेक्टर प्रीतम चक्रवर्ती ने 2008 में हेल्थ खराब होने की वजह से स्मोकिंग छोड़ दी थी। हालांकि वह लंबे समय तक खुद पर कंट्रोल नहीं रख पाए और दोबारा सिगरेट पीना शुरू कर दिया। यहां तक कि वे एक दिन में 60 सिगरेट तक पी जाते थे। लेकिन अब फिर से उन्होंने सिगरेट को हाथ नहीं लगाने की ठान ली है। पिछले एक महीने से उन्होंने एक सिगरेट तक नहीं सुलगाई है।
अनिलः इस बारे में आगे बात करेंगे अभी सुनते हैं प्रोग्राम का अगला सांग, ब्लैकमेल फिल्म से, पल-पल दिल के पास तुम रहती हो। इसे स्वर दिया है किशोर कुमार ने।
अनिलः पल-पल दिल के पास तुम रहती हो गीत से पहले हम बात कर रहे थी, पुरानी आदतों की, स्मोकिंग करने की। सुना है कि प्रीतम चक्रवर्ती को स्मोकिंग छोड़ने के लिए प्रेरित किया एक किताब ने, जो उनकी वाइफ स्मिता ने उन्हें गिफ्ट दी थी। प्रीतम बताते हैं , ' यह सही है कि पिछले एक महीने में मैंने स्मोकिंग छोड़ दी है। इसके लिए स्मिता ने मुझे गिल पॉल की बुक ' स्टॉप स्मोकिंग ' दी थी और इसके थर्ड चैप्टर को पढ़ते हुए मैंने डिसाइड कर लिया था कि मैं सिगरेट पीना छोड़ दूंगा। अब मुझे लगता है कि स्मोकिंग सबसे बेकार एडिक्शन है। मैंने पहले भी इसे छोड़ने की कोशिश की थी , लेकिन एक महीने से ज्यादा मुझे इसमें सफलता नहीं मिली।
अनिलः आज के प्रोग्राम में चर्चा यही तक। अब लीजिए प्रोग्राम के आखिर में सुनिए इश्किया फिल्म का सांग, गीत के बोल हैं दिल तो बच्चा है जी, इस सांग को सुनने की फरमाईश की है मंदार श्रोता संघ बांका बिहार से कुमोद नारायण सिंह, बाबू, गीतांजली, शिवो, मो. आशिक व कृश भूटानी आदि श्रोताओं ने।
अनिलः दोस्तो हमें आपके फरमाइशी पत्रों का इंतजार रहेगा, आपको ये प्रोग्राम कैसा लगता है, हमें जरूर लिखिएगा, आपके लिए पत्र या हमारी वेबसाइट दोनों ऑप्शन उपलब्ध हैं, उम्मीद है कि आप अगले पोग्राम के अपनी पसंद के सांग जल्द ही हमें भेजेंगे, तो अब देर किस बात की है, उठाईए पैन या फिर सीधे जाइए सीआरआई की वेबसाईट पर, और लिख भेजिए अपनी पसंद के सांग। लेकिन इस उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी समय, इसी दिन आपसे फिर मुलाक़ात होगी। तब तक के लिए, हमें इज़ाजत दें...बाय-बाय, नमस्ते, शब्वा खैर, अलविदा।