Web  hindi.cri.cn
छीशी फेस्टीवल
2013-08-19 09:06:02

इस त्यौहार को लड़कियां बड़े ही चाव से मनाती है। मंदिर में जाकर वे च्रिनू की पूजा भी करती है। इस दिन भेट के रूप में कागज़ से बनी चीज़े भी जलाई जाती है। अच्छे जीवनसाथी की कामना के लिए युवतियां पारंपरिक भजन भी गाती है। इस त्यौहार में युवितायां अपने घरेलू कौशल को प्रदर्शित करती है। पहले, लड़कियों के लिए ऐसी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता था, जिसमें वे अंगारों की रोशनी में या अर्धचंद्र जैसी कम रोशनी में सुई का काम करके अपना कौशल दिखाती थी। पर आजकल लड़कियां 7 कन्याओं के लिए प्रसाधन का सामान इकट्ठा कर, इस त्यौहार को मनाती है।

यह त्यौहार नवविवाहित जोड़ों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। पुराने समय में नवविवाहित दंपति आखिरी बार च्रिनू और न्यूलांग की पुजा करता था और हमेशा के लिए उन्हें अलविदा कहता था। इसे शुभ-विवाह का चिन्ह माना जाता था, और इससे यह प्रदर्शित होता था कि नवविवाहित बहु के ससुराल वाले उसे बहुत प्यार करते है।

इस त्यौहार में घर के आंगन को बंधनवार से सजाया जाता है। अविवाहित और नव-विवाहित लड़कियां फल, फूल, चाय, और पाउडर भेंट के रूप में च्रिनू और न्यूलांग को अर्पण करती हैं। पूजा के बाद आधे फेस-पाउडर को छत पर फेंक दिया जाता है और बाकी बचे आधे फेस-पाउडर को अविवाहित लड़कियों में बांटा जाता है। ऐसा करने से लड़कियां च्रिनू जैसी खूबसूरती पा सकती हैं। कहानियों के अनुसार अगर स्वर्ग में कोई रोता है, तो इस दिन बारिश आती है। कुछ कहानियों में ऐसा भी बताया गया है कि अगर इस त्यौहार की रात को अंगूर की बेल के नीचे खड़े हो, तो प्रेमी जोड़े की बातें सुनाई देती है।

1 2 3 4
आप की राय लिखें
Radio
Play
सूचनापट्ट
मत सर्वेक्षण
© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040