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तिब्बती-विद्या विशेषज्ञों ने इतालवी लोगों से अवगत कराया तिब्बत को
2013-06-13 15:37:07

प्रतिनिधि मंडल की अध्यक्ष पी ह्वा संगोष्ठी में

तिब्बती चिकित्सक लान खहच्या परिचय देते हुए

संगोष्ठी में ध्यान से सुन रहे इटालवी छात्राएं

मौजूदा युरोप यात्रा कर रहे चीनी तिब्बत-विद्या विशेषज्ञों का प्रतिनिधि मंडल में चीन में तिब्बत-विद्या के अनुसंधान के लिए विभिन्न क्षेत्रों से आए लोग शामिल हैं। प्रतिनिधि मंडल की अध्यक्षा, चीनी तिब्बत-विद्या प्रकाशन ब्यूरो की जनरल संपादक पी ह्वा के अलावा, प्रतिनिधि मंडल के सदस्य चीनी शीपेई जातीय विश्विद्यालय के तिब्बती शास्त्र कॉलेज के प्रधान फ़ू छ्यानकू लम्बे समय तक तिब्बती संस्कृति और इतिहास के अनुसंधान में लगे हुए हैं, जिसने कुछ विशेष पुस्तकों का संग्रह करके प्रकाशित किया। वहीं लान खहच्या एक तिब्बती औषधि के चिकित्सक हैं, जो छिंगहाई प्रांत के तिब्बती चिकित्सा अस्पताल के एक प्रमुख डॉक्टर हैं। तुनचू लाच्ये नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में ओस्लो विश्वविद्यालय से स्नातक हुए तिब्बती विद्वान हैं, जो तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के सामाजिक विज्ञान अकादमी के धर्म अनुसंधान केंद्र के अनुसंधानकर्ता हैं।

इटली की राजधानी रोम के तीसरे विश्वविद्यालय में आयोजित"तिब्बती भाषा और औषधि"विषय वाली संगोष्ठी में प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने अपने अनुसंधान में खुद के अनुभवों और उपलब्धियों से अवगत कराया और तिब्बत स्वायत्त प्रदेश और तिब्बती बहुल क्षेत्रों में संस्कृति, तिब्बती भाषा और तिब्बती औषधि जैसी जानकारी दी। रोम के तीसरे विश्वविद्यालय में चीनी भाषा पढ़ाने वाली प्रोफेसर रोसा लम्बर्दी ने कहा कि इस प्रकार की संगोष्ठी से विश्वविद्यालय के विद्यार्थी और अध्यापक चीनी संस्कृति के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल कर सकेंगे। यह बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा:

"हमारे विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों के पास तिब्बत के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। उन्हें इस प्रकार की गतिविधियों से ज्ञान बढ़ाने की जिज्ञासा होती हैं। यह एक बहुत अच्छी शुरूआत है। मुझे आशा है कि वे तिब्बती संस्कृति, तिब्बती भाषा, स्थानीय साहित्य, कला और औषधि के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल कर सकेंगे।"

गौरतलब है कि इटली की यात्रा के पूर्व चीनी तिब्बत-विद्या विशेषज्ञों के प्रतिनिधि मंडल ने क्रमशः स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रिया की यात्रा की। प्रतिनिधि मंडल की अध्यक्षा पी ह्वा ने कहा कि इन तीन देशों के लोग तिब्बत से जुड़े विषयों पर ध्यान देते हैं। अधिक लोगों को तिब्बत और तिब्बती बहुल क्षेत्रों में विकास की स्थिति से अवगत कराना मौजूदा यात्रा का उद्देश्य है। उनके विचार में मौजूदा यात्रा फलदायी है। उन्होंने कहा:

"उन लोगों ने तिब्बत और तिब्बती बहुल क्षेत्रों की वर्तमान आर्थिक और सामाजिक विकास का सक्रिय आकलन किया। मतलब है कि इधर के सालों में हमारा कार्य फलदायी है। इसके साथ ही तिब्बत और चीन में दूसरे तिब्बती बहुल क्षेत्रों में भौतिक जीवन स्तर की उन्नति के साथ-साथ धार्मिक विश्वास की स्वतंत्रता, सांस्कृतिक विकास और परम्पराओं के संरक्षण जैसे क्षेत्रों में मानसिक शांति पर भी ध्यान दिया जाता हैं। हमारे परिचय से अधिक लोगों को ज्ञान प्राप्त हुआ हैं। मुझे लगता है कि इस यात्रा का मकसद उन्हें कदम-ब-कदम एक वास्तविक तिब्बत के बारे मे बतलाना है। अकादमिक क्षेत्र में कहा जाए, तो चीन में तिब्बत-विद्या का लगातार विकास हो रहा है। अधिक से अधिक अकादमिक आदान-प्रदान से चीन और पश्चिमी देशों के बीच तिब्बत-विद्या क्षेत्र में और मेल-मिलाप हो गया है। इसके अलावा यात्रा के दौरान हमने कुछ मीडिया संस्थाओं का इन्टरव्यू लिया। हमने अपनी समझ से उन्हें तिब्बत की स्थिति से अवगत कराया। मुझे लगता है कि यह पश्चिमी मीडियाओं के लिए तिब्बत को जानने का एक अलग रास्ता और एक अलग आवाज़ है।"


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