किस तरह के प्राकृतिक वातावरण और भौगोलिक परिस्थिति ने वू छांग शहर में ऐसे सुगंधित चावल के उत्पादन को संभव बनाया है, इसके बारे में वू छांग शहर के उप मेयर ने परिचय देते हुए कहाः
प्राकृतिक दृष्टि से इस शहर की भौगोलिक स्थिति, मिट्टी और जल ने बढ़िया चावल के उत्पादन को संभव बनाया है। वू छांग में उपजाऊ काली मिट्टी के परत की मोटाई लगभग एक मीटर से ज्यादा है तथा कुछ जगहों पर इसकी गहराई एक मीटर 30 सेंटीमीटर से भी ज्यादा है। यह विश्व के दुर्लभ काली मिट्टी क्षेत्रों में से एक है जो श्रेष्ठ किस्म के सुगंधित चावल की खेती के लिए अनुकूल है। वू छांग शहर के अधीनस्थ इलाके में 278 छोटी-बड़ी नदियां बहती हैं जिस के पानी में प्रचुर प्राकृतिक खनिज मिलते हैं। ऐसा कहा जा सकता है कि वू छांग में चावल की पैदावार खनिज जल से ही होती है। यहां पर आमतौर पर एक वर्ष में 2600 घंटा धूप पड़ता है जो कि चावल को बढ़ने में आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है। धान रोपाई की दृष्टि से, वू छांग हेइ लुंग चियांग में एक मात्र ऐसा शहर हैं जहां पर अल्ट्रा धान रोपाई तकनिक का प्रयोग किया जाता है। धान के पौधे के बीच की दूरी 6 से 9 इंच तक होती है जिससे कि धान के पौधे को पर्याप्त प्रकाश और खाद मिल सकता है।