ट्रक हमारे पास रुक गया, सोनाम चोज़ोम सब से पहले ट्रक से नीचे कुद पड़ी , फिर बड़ी कुशलता के साथ ट्रक से लकड़ी उतारने लगी । बड़ी मेहनत से श्रम करने की वजह से उस की बाल चोटी बिखर गयी और पसीने की बड़ी बूंद बूंद बालों से बाहर निकल आयी, पर उस के चेहरे पर चमकदमक मुस्कान फिर भी बरकरार रही।
व्यस्तता खत्म होने के बाद हम सोनाम चोज़ोम के साथ घर के गेट के पास एक खुले क्षेत्र आये। जब हम ने वीडियो कैमरे और टेपरिकार्डर समेत सभी साज सामान ठीक ठाक लगाये, तो उस ने शर्मिन्दागी से साफ कपड़े बदलने के लिये दस मिनट का समय मांग लिया।
थोड़ी देर के बाद सोनाम चोज़ोम खूब सजधज होकर कमरे से बाहर निकल आयी । उसने सुंदर जातीय पोशाक पहनी ही नहीं, बाल काफी सुव्यवस्थिर रुप से संवार दिया और हाथ मुंह भी धोया, दो बड़ी बड़ी आंखें और भी चमक दमक नजर आयीं। उसने हमें बताया कि अपनी शादी गत वर्ष में हुई , पति अब माग्मांग टाऊनशिप से सौ किलोमीटर दूर लुंग ची कांऊटी में परिवहन का काम संभालते हैं। व्यस्तता और घर से दूर होने की वजह से पति बहुत कम वापस आते हैं। इसलिये सोनाम चोज़ोम न सिर्फ गृहस्थी का सभी बोझ उठाती है, बल्कि आजीविका के लिये वह टाऊनशिप भी जाती है। इस के अलावा वह कभी कभार मकान के निर्माण में लग जाती है, कुछ समय सड़क की मरम्मत में भी भाग लेती है, जो काम मिलता है, तो वह हमेशा बड़ी खुशी के साथ काम करने जाती है। यदि हर रोज पैसा कमाने का मौका मिलता है, तो माह में वह एक हजार 8 सौ य्वान कमा सकती है।
हालांकि इसी प्रकार वाला काम करने से पैसा कमाया जाता है, पर फिर भी इधर उधर दौड़ धूप करनी पड़ती है और कोई स्थिर ठिकाना नहीं रहा है। इस के मद्देनजर सोनाम चोज़ोम ने अपनी सहलियों के साथ पैसा कमाने का अलग रास्ता चुनने का निर्णय कर लिया। उन्होंने कुछ स्थानीय अनुभवी महिलाओं से परम्परागत बांस बुनाई शिल्पकला सीख लिया। सोनाम चोज़ोम ने इस का परिचय देते हुए कहा कि बांस बनाई का काम एक हस्तशिल्प कला है, यह काम भारी शारीरिक परिश्रम की तुलना में काफी आराहदेह ही नहीं, बल्कि घर पर बैठकर बुनाई का काम भी किया जा सकता है।
"यदि सुबह से ही बुनाई का काम शुरु किया जाता है, तो पूरे दिन में एक बांस कृति तैयार की जाती है, आम तौर पर एक बांस कृति 50 य्वान में बेची जाती है, इस तरह एक माह में 15 सौ या 16 सौ य्वान कमाया जाता है। इस हस्तशिल्प कला पर महारत हासिल करने से पारिवारिक आय में वृद्धि ही नहीं, शारीरिक काम करने के लिये बाहर जाने की कोई जरुरत भी नहीं है।"
सोनाम चोज़ोम की जन्मभूमि लोपूको टाउनशिप में बांस जंगलों की भरमार होती है, स्थानीय निवासियों में बांस से रोजमर्रे में आने वाली वस्तुओं को बुनने की परम्परा है। सोनाम चोज़ोम ने कहा:
"इसी प्रकार वाली बांस कृतियों की विशेषता यह है कि खाद्य पदार्थ उस में रख कर आसानी से नहीं सड़ जाते हैं, और तो और बांस बनाई कृतियां टिकाऊ ही नहीं, हल्की भी हैं, लकडी काटते या खेतीबाड़ी करते समय उसे ले जाने में अत्यंत सुविधाजनक है।"