लेग्पो क्षेत्र दक्षिण पश्चिम चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के लोका फिफेक्चर की चोना कांऊटी में स्थित है। पहाड़ों, नद नदियों, जंगलों और घास मैदानों से घिरे इस क्षेत्र का प्राकृतिक दृश्य अपनी विशेष पहचान बना लेता है, इस अद्भुत दर्शनीय क्षेत्र में मनपा और तिब्बती दोनों अल्पसंख्यक जातियां पीढ़ी दर पीढ़ी मेलमिलापपूर्वक साथ साथ रहती आयी हैं। इस लेख में जन्मभूमि के प्रति तिब्बती युवती सोनाम चोज़ोम के प्रेमभाव से जुड़ी कहानी सुनाई जाएगी।
तिब्बती युवती सोनाम चोज़ोम से हमारी मुलाकात तिब्बती दादी मां पादमा यांगजेन से इंटरव्यू करते समय हुई। इंटरव्यू के दौरान वह अपनी सहलियों के साथ हमारे पास बैठकर बड़े चाब के साथ हमारी बातचीत सुन रही थी, किसी दिलचस्प बात को सुनते सुनते उसे हंसी भी आयी।
इस वर्ष सोनाम चोज़ोम की उम्र 22 वर्ष हो गयी है । उस के गोलाकार चेहरे पर दो बड़ी बड़ी चमकदार आंखें और हंस मुख लोगों के बीच अत्यंत आकर्षित है। उस ने हमें बताया कि दादी मांग पादमा यांगजेन की बेटी डेचेन त्सोमो अपनी अच्छी सहली है। जब उसे डेचेन त्सोमो से यह खबर मिली कि हम पादमा यांगजेन से इंटरव्यू करने आये, तो वह इंटरव्यू देखने के लिये तुरंत ही दादी मां पादमा यांगजेन के घर आयी। इंटरव्यू की समाप्ति पर उसने हमें दूसरे दिन की शाम को अपने घर जाने पर आमंत्रित कर दिया।
उसने इसीलिये हमें शाम को अपने घर पर बुलाया, क्योंकि उसे दिन में लकड़ी काटने पर्वत जाने की जरूरत है। अब ठीक स्थानीय सरकार द्वारा निश्चित लकड़ी काटने का समय ही है, अतः इधर दिनों में वह अपने घर के लिये पर्याप्त लकड़ी काटने में सुबह से शाम तक अपने मां बाप का हाथ बटाने में व्यस्त है।
दूसरे दिन जब हम निश्चित समय पर सोनाम चोज़ोम के घर के गेट के पास पहुचे, तो हम ने देखा कि लकड़ियों से भरा एक ट्रक तेजी से हमारी ओर आ रहा था, ट्रक पर सोनाम चोज़ोम, अपने माता पिता और अपनी अच्छी सहली डेचेन त्सोमो जैसे दूसरे परिवारजन बैठे हुए थे।