कर्मा त्सेरिंग ने हमें बताया कि माग्मांग टाउनशिप की काष्ठ कटोरा प्रोसेसिंग मिल का नया वर्गशाप अब निर्माणधीन है, यह नया वर्गशाप अपनी दकान के बगल में है, गत अगस्त में वर्गशाप का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। नया वर्गशाप पुराने वर्गशाप से कोई दस गुने से अधिक बड़ा है, जिस से वे अपने अन्य कई शिल्पकार दोस्तों के साथ निश्चिंत रुप से नये हवादार व रोशनीदार वर्गशाप में काष्ठ कटारा बना लेते हैं। इतना ही नहीं, टाउनशिल के सरकारी कर्मचारियों ने उन्हें बताया कि आइंदे उनके द्वारा तैयार काष्ठ कटोरों की बिक्रि के लिये नये बाजार की खोज की जायेगी।
तिब्बत के पर्यटन कार्य के विकास के चलते लेग्पो क्षेत्र का दौरा करने वाले पर्यटक दिन ब दिन बढ़ते गये हैं, कर्मा त्सेरिंग का व्यापार भी फलता फलता नजर आया है। सुना गया है कि आइंदे माग्मांग टाउनशिप का पर्यटन कार्य को प्रधानता पर देने का इरादा है, कर्मा त्सेरिंग के विचार में यह खबर अपने काष्ठ कटोरा व्यापार के लिये एक कीमती मौका प्रदान कर देगी, अब वे किस तरह अधिक से अधिक विविधतापूर्ण आकर्षित काष्ठ कटोरे बनाने की सोच में हैं, ताकि अधिकाधिक सभी पर्यटकों की मांग पूरी की जा सके।
"मुझे उम्मीद है कि काष्ठ कटोरों की और विविधतापूर्ण नयी किस्मों का आविष्कार किया जायेगा और अलग ढंग वाले बढ़िया सूक्ष्म काष्ठ कटोरे भी तैयार किये जाएंगे।"
कर्मा त्सेरिंग ने कहा कि काष्ठ कटोरों से प्राप्त लाभ उत्तरोत्तर ज्यादा हो गया है, इस से अब अपनी पत्नी भी उन का पूरा समर्थन करने लगी है, अब उन्हें कोई चिन्ता नहीं है । अपने बच्चे स्कूल में आराम से पढ़ते ही नहीं, बल्कि उन्हें स्कूल में खाने पीने और रहने की सुविधाएं भी उपलब्ध हुई हैं, इस तरह वे सपरिवार के साथ कोई चिन्तित नहीं हैं और बड़े लगन से काष्ठ कटोरा बनाने में संलग्न हुए हैं।
कर्मा त्सेरिंग हमें बिदाई देने के बाद फिर अपने छोटे वर्गशाप में लौट गये और शीघ्र ही मशील पर बड़ी कुशलता के साथ काष्ठ कटोरा बनाने में लग गये।
अच्छा दोस्तो, अभी आपने सुनी तिब्बत की मनपा जाति के काष्ठ कटोरा बनाने में निपुर्ण हस्त शिल्पकार कर्मा त्सेरिंग की कहानी। आज का चीन का तिब्बत कार्यक्रम समाप्त होता है। अब श्याओ थांग को आज्ञा दें, नमस्कार।