कर्मा त्सेरिंग ने कहा कि काष्ठ कटोरा बनाने की चार क्रियायं होती हैं , उपयोगी लक्कड़ चुनने के अलावा रूप आकार , मजबूत ढांचा और प्रोसेसिंग किया जाना भी आवश्यक है । उन का विचार है कि लक्कड की पोलिश और काष्ठ कटोरे का मजबूत ढांचा करना सब से जटिल क्रिया कला ही है ।
"मजबूत ढांचा बनाने के लिये दो क्रियाएं होती हैं, सब से पहले ढांचे की बाह्य दीवार की पोलिश की जाती है, फिर ढांचे की भीतरी दीवार की पोलिश होती है। बढ़िया काष्ठ कटोरा बनाने के लिये तेज चाकू की सख्त जरूरत भी है, यदि चाकू का सिर नोकदार है, तो वह पोलिश लगाने का बड़ा काम देता है। इस के अलावा शिल्पकार के लिये अपना धैर्यधारी हृदय बनाये रखना अत्यावश्यक भी है, इस से सुंदर बढ़िया कटोरा बनाया जा सकता है।"
उच्च कोटि की शिल्पकला को छोड़कर मनपा जाति द्वारा तैयार काष्ठ कटोरे इसीलिये लोकप्रिय भी हैं, क्योंकि कटोरों पर चढ़ाये जाने वाला रंग रोगन शुद्ध प्राकृतिक रंग का है। कर्मा त्सेरिंग ने कहा:
"इसी प्रकार वाले रंग का कच्चा माल एक स्थानीय वनस्पति से तैयार हुआ है। लेकिन ऐसी किस्म वाली वनस्पति बहुत कम उगी हुई है, और तो और साल में केवल अगस्त में उस की कटाई की जाती है, साथ ही उस की कटाई की अवधि मात्र 15 दिन है, कटाई अवधि समाप्त होने के बाद वह लुप्त हो जाती है, कहीं भी जगह पर उस की खोज करना नामुंमकिन है। हम चाहते हैं कि सभी काष्ठ कटोरों पर इसी वनस्पति से तैयार रंग चढाया जाये, पर कम मिलने की वजह से सिर्फ मक्खन चाय पीने वाले काष्ठ कटोरों पर इसी प्रकार वाला प्राकृतिक रंग चढाया जाता है, इसी प्राकृतिक रंग से शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुंच सकता।"
कर्मा त्सेरिंग ने कहा कि एक साधारण काष्ठ कटोरा बनाने में काफी ज्यादा समय नहीं लगता, पर यदि एक बेहतर सूक्ष्म काष्ठ कटोरा बनाने के लिये बढ़िया लक्कड़ ही नहीं, सुंदर लकीर वाली लकड़ी की जरुरत भी है। बढ़िया लक्कड़ मिलने के बाद उस का प्रोसेसिंग करने पर बेहद सावधान रहना भी जरूरी है, ताकि लकड़ी की सुंदर प्राकृतिक लकीरें हू ब हू सुरक्षित रह सके। काष्ठ कटोरा तैयार करने के बाद रंग रंगाना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है, रंग की रंगाई के बाद काष्ठ कटोरा देखने में खूब सूरत व चमकदार ही नहीं, उस की प्राकृतिक लकीरें भी साफ साफ दिखाई देना भी आवश्यक है। एक साधारण काष्ठ कटोरा व सूक्ष्म काष्ठ कटोरा बनाने के लिये लगभग बराबर लकड़ियों व रंगों का इस्तेमाल किया जाता है, पर उन की कीमत में बड़ा अंतर है, कभी कभार कीमत में एक गुने, यहांतक कि कई गुनों का अंतर देखा जा सकता है।