दक्षिण-पश्चिमी चीन के सछ्वान प्रांत के आबा तिब्बती और छ्यांग जातीय स्वायत्त प्रिफेक्चर ने अपनी स्थापना की 60वीं वर्षगांठ मनाई। स्थानीय तिब्बती, छ्यांग, ह्वेई और हान समेत विभिन्न जातियों के लोगों ने रंग-बिरंगे वस्त्र पहनकर त्योहार की खुशियां मनाईं।
आबा तिब्बती और छ्यांग जातीय स्वायत्त प्रिफेक्चर सछ्वांग प्रांत में दूसरा बड़ा तिब्बती बहुल क्षेत्र ही नहीं, बल्कि देशभर में छ्यांग जातियों का प्रमुख स्थल भी है, जिसका क्षेत्रफल 84 हज़ार 200 वर्ग किलोमीटर है और यहां की जनसंख्या 9 लाख 14 हज़ार है। आबा तिब्बती और छ्यांग जातीय स्वायत्त प्रिफेक्चर का प्राकृतिक दृश्य बहुत सुन्दर है, इसके कारण तिब्बती और छ्यांग जातियों की संस्कति भी अधिक रंग बिरंगी है।
आबा प्रिफेक्चर ने चीन में लोकतांत्रिक क्रांकि के दौरान महत्वपूर्ण योगदान किया था। चीनी लाल सेना ने लंबे मार्च में सबसे कठिन और सबसे खतरनाक अभियान इसी प्रिफेक्चर में पूरा किया था, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति ने इस प्रिफेक्चर में 5 बार पोलित ब्यूरो सम्मेलन आयोजित किया, चीनी लाल सेना ने इसी प्रिफेक्चर में 4 हज़ार मीटर की ऊंचाई वाले 8 पर्वतों को चढ़ाई की और यहां चीनी अल्पसंख्यक जातियों द्वारा गठित सबसे पहली क्रांतिकारी सत्ता स्थापित की। इनके अलावा आबा प्रिफेक्चर में विभिन्न जातियों के लोगों ने चीनी लाल सैनिकों की सहायता के लिए बेशुमार याक और जौ देकर अपना सहयोग जताया। कई तिब्बती और छ्यांग जातीय युवाओं ने जन्मस्थान से विदाई लेकर लाल सेना में भाग लिया और महान क्रांतिकारी कार्य में हिस्सा लिया। सछ्वान प्रांत के शीर्ष नेता वांग तोंगमिंग ने कहा:
"आबा तिब्बती और छ्यांग जातीय स्वायत्त प्रिफेक्चर एक महान भूमि है, जिसने लोकतांत्रिक क्रांति और समाजवादी निर्माण में जातीय मुक्ति और देश की समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। वर्ष 1953 में इस प्रिफेक्चर की औपचारिक स्थापना हुई, जिससे आबा जनता के इतिहास का नया अध्याय जुड़ा हुआ है और यहां भू-दास समाज से समाजवादी समाज तक हज़ार वर्ष की लंबी ऐतिहासिक यात्रा साकार हुई।"
वर्ष 1953 में अपनी स्थापना से लेकर आजतक के पिछले 60 वर्षों में आबा तिब्बती और छ्यांग स्वायत्त प्रिफेक्चर ने राजनीतिक सत्ता की स्थापना, लोकतांत्रिक सुधार, विद्रोह का सामना, उत्पादन विकास, भूकंपरोधी, भूकंप के बाद पुनर्निर्माण और जनजीवन में सुधार जैसे तमाम दौर को देखा और विकास की राह अपनाई। पिछले साठ वर्षों में लगातार विकास से इसी प्रिफेक्चर में फलदायी उपलब्धियां प्राप्त हुईं। इसकी चर्चा करते हुए आबा तिब्बती और छ्यांग जातीय स्वायत्त प्रिफेक्चर के शीर्ष नेता ल्यू चोमिंग ने कहा:
"आबा प्रिफेक्चर ने नए औद्योगिकीकरण, शहरीकरण, कृषि और पशुपालन के आधुनिकीकरण को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाया। इसके साथ ही पारिस्थितिकी कृषि, आधुनिक वन संपदा उद्योग, आधुनिक पशुपालन उद्योग, ऊर्जा विकास और पर्यटन जैसे क्षेत्रों के विकास पर भी जोर दिया। वर्तमान में हमारा प्रिफेक्चर पश्चिमोत्तर में पारिस्थितिकी आर्थिक विकास का आर्दश क्षेत्र बनाया जा रहा है। साठ वर्षों के विकास के चलते आबा का आर्थिक पैमाना लगातार विस्तृत हो रहा है, मिश्रित आर्थिक शक्ति भी पहले की तुलना में अधिक शक्तिशाली हो गई हैं। वर्ष 2012 में सारे प्रिफेक्चर का उत्पादन मूल्य वर्ष 1952 से 66 गुना बढ़ा है, जिसका देश भर के 30 अल्पसंख्यक जातीय स्वायत्त प्रिफेक्चरों में 17वां स्थान रहा है।"
सूत्रों के अनुसार, पिछले 60 वर्षों में आबा तिब्बती और छ्यांग जातीय स्वायत्त प्रिफेक्चर के आर्थिक और सामाजिक विकास में भारी छलांग साकार हुई है। वर्ष 2012 में संपूर्ण प्रिफेक्चर का उत्पादन मूल्य 20 अरब 37 करोड़ 40 लाख युआन था, जो प्रिफेक्चर की स्थापना के शुरुआत की तुलना में 66 गुना बढ़ा है। वर्ष 2012 के अंत में पूरे प्रिफेक्चर में 12 हज़ार 864 किलोमीटर लंबे मार्गों का निर्माण किया गया है, हर जिले तक एस्फाल्ट मार्ग, हर गांव तक सीमेंट की बनी हुई सड़क और हर परिवार तक हार्डनिंग रोड का जाल बुनियादी तौर पर बखूबी आंजाम दिया गया है। वर्ष 2012 में आबा प्रिफेक्चर में 2 करोड़ 20 लाख देसी-विदेशी पर्यटकों ने यात्रा की है, जिससे 18 अरब 10 करोड़ 30 लाख युआन की पर्यटन आय प्राप्त हुई। वर्ष 2012 में इसी प्रिफेक्चर की वित्तीय आय 2 अरब 58 करोड़ 20 लाख युआन थी, शहरों और कस्बों के नागरिकों की औसतन आय 21 हज़ार 168 युआन रही। जबकि किसानों और चरवाहों की शुद्ध आय 6770 युआन थी।