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विदेश में साग्या मठ के बौद्धिक सूत्र जन्मस्थान वापस आया
2013-07-15 15:48:55

बौद्धिक सूत्र《त्रिपट्टिका》बौद्ध धर्म के महत्वपूर्ण सूत्रों में से एक है। लेकिन पहले इस बौद्धिक सूत्र के कुछ भाग खो गए थे, पर वो विदेश में मिले हैं। हाल में पेइचिंग स्थित तिब्बती संस्कृति संग्रहालय ने विदेश में रखे हुए《त्रिपट्टिका》के एक भाग को चीन वापस लाने की रस्म आयोजित की। चीनी जन प्रतिनिधि सभा यानी एनपीसी की 10वीं राष्ट्रीय समिति के उपाध्यक्ष रेती, 11वें पंचन अरडेनी च्वोग्यीग्याकॉ, चीनी राष्ट्रीय धार्मिक ब्यूरो, राष्ट्रीय सांस्कृतिक अवशेष ब्यूरो और तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के संबंधित नेताओं ने इस रस्म में हिस्सा लिया।

बौद्धिक सूत्र《त्रिपट्टिका》बौद्ध धर्म के महत्वपूर्ण सूत्रों में से एक है। यह तिब्बती बौद्ध धर्म का ही नहीं, चीनी राष्ट्र के इतिहास और संस्कृति के अनुसंधान के लिए भी मूल्यवान है। इस बार स्वदेश वापिस आए सूत्र《त्रिपट्टिका•कांग्यूर》में से एक है, जो वर्ष 1368-1644 तक तत्कालीन चीन के मिंग राजवंश में तिब्बती बौद्ध धर्म के साग्या संप्रदाय के महायान राजा के काल में रचित किया गया मूल्यवान प्राचीन ग्रंथ है। इस बौद्धिक सूत्र के मूल्य को निश्चित करने के लिए चीनी तिब्बती शास्त्र अनुसंधान केंद्र ने गत 20 मई को सांस्कृतिक अवशेषों का मूल्यांकन करने वाले विशेषज्ञों की एक टीम गठित की गई। विशेषज्ञ दल के सदस्य चो वेई ने संबंधित जानकारी देते हुए कहा:

"हमारे विशेषज्ञ दल के तमाम सदस्यों का मानना है कि यह बौद्धिक सूत्र《त्रिपट्टिका》का एक भाग है, जिसका उच्च ऐतिहासिक और धार्मिक मूल्य है। हमारे देश में तिब्बती भाषा वाले कीमती प्राचीन ग्रंथ के रूप में यह बहुत मूल्यवान सांस्कृतिक अवशेष भी है।"

स्वदेश वापस आए यह बौद्धिक सूत्र चीनी हाईहांग ग्रुप के बोर्ड अध्यक्ष छङ फ़ङ द्वारा विदेश से लाया गया हैं। वह खुद गैर-सरकारी संगठन चीनी तिब्बती संस्कृति संरक्षण और विकास संघ की स्थाई समिति के सदस्य भी हैं। तिब्बती संस्कृति प्रेमियों और तिब्बती संस्कृति के संरक्षण और विकास पर ध्यान देने वाले लोगो ने इस संघ की स्थापना की थी। इस बार की गतिविधि की चर्चा करते हुए छङ फ़ङ ने कहा:

"एक देशभक्ति उद्यमी के रूप में, राष्ट्रीय और जातीय संस्कृति के लिए योगदान करने वाले चीनी नागरिक के नाते मुझे लगता है कि मेरा इस बौद्धिक सूत्र को स्वदेश वापस लाने का दायित्व बनता है। भविष्य में मैं तिब्बत के विकास के लिए अपना योगदान करता रहूंगा।"

चीनी तिब्बती संस्कृति संरक्षण और विकास संघ के उपाध्यक्ष चांग ईचोंग छङ फ़ङ की इस प्रकार की कार्रवाई के प्रशंसक हैं। उन्होंने आशा जताई कि ज्यादा से ज्यादा लोग तिब्बती संस्कृति के संरक्षण और विकास में योगदान देंगे, ताकि तिब्बत की परंपरागत संस्कृति और विकास को हासिल किया जा सकें।

साग्या मठ तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के साग्या कांउटी में पनपो पर्वत पर स्थित है, जो तिब्बती बौद्ध धर्म के साग्या संप्रदाय का प्रमुख मठ है। इसकी स्थापना से लेकर अब तक साग्या मठ का इतिहास 9 सौ से अधिक वर्ष पुराना है। मठ में सुरक्षित तिब्बती सांस्कृतिक अवशेष प्रचुर हैं, जिनमें बौद्धिक सूत्र सबसे मशहूर है। मौजूदा रस्म में उपस्थित तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के सरकारी प्रतिनिधि कोंगपाओ चाशी ने कहा:

"साग्य मठ के आंशिक बौद्धिक सूत्र खो गए थे और विदेश में मिले हैं। इन सांस्कृतिक अवशेषों पर हमारा ध्यान भी केंद्रित है। हम खोए हुए सांस्कृतिक अवशेषों को तिब्बत में और मातृभूमि में पुन:वापसी के लिए कोशिश करते रहते हैं। इस बार खोए हुए बौद्धिक सूत्र की वापसी से तिब्बती जनता के प्रति विभिन्न सामाजिक जगतों के लोगो की गहरी भावना जाहिर हुई। हम अपनी जान से बढ़कर इन सांस्कृतिक अवशेषों और बौद्धिक सूत्रों का संरक्षण करने को तैयार हैं।"

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