चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा यानी एनपीसी के तिब्बती प्रतिनिधिमंडल ने कुछ दिनों पहले न्यूयॉर्क पहुंचकर वहां रह रहे चीनियों, प्रवासी चीनियों और तिब्बती बंधुओं के साथ एक बैठक आयोजित की और पत्रकार सम्मेलन का भी आयोजन किया। उन्होंने व्यापक रूप से तिब्बत में आर्थिक और सामाजिक विकास, धार्मिक विश्वास की स्वतंत्रता, प्राकृतिक पर्यावरण के संरक्षण समेत कई बातों के बारे में जानकारी दी।
एनपीसी के प्रतिनिधि, तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की कमेटी के उप-सचिव, तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की एनपीसी की स्थाई कमेटी के अध्यक्ष बाए मा छी लिन के नेतृत्व वाले तिब्बती प्रतिनिधिमंडल ने न्यूयॉर्क की यात्रा के दौरान वहां रह रहे चीनियों और प्रवासी चीनियों, खास तौर पर तिब्बती बंधुओं के साथ प्रत्यक्ष रूप से बातचीत की। इस अवसर पर उन्होंने संवाददाताओं के सवालों का जवाब भी दिया।
महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रतिनिधिमंडल ने इस यात्रा के दौरान कनाडा और अमेरिका में कई बार इन देशों में रह रहे तिब्बतियों, विशेषकर नई पीढ़ी के तिब्बती बंधुओं से संपर्क बनाए रखा। बाए मा छी लिन ने उन्हें समय समय पर तिब्बत देखने के लिये और घर वापस आने पर उनके स्वागत की बात कही। उन्होंने कहा:
"आज मैंने तिब्बती भाषा से उन लोगों के साथ बातचीत की और उन्हें आज के तिब्बत के बारे में बहुत कुछ बताया। मैंने उनसे कहा कि अगर आप लोग घर वापस लौटना चाहें, तो तिब्बत में जब आना चाहें खुशी से आ सकते हैं। अगर तिब्बत में रहना चाहें, तो वापस आ सकते हैं। हमारा द्वार हमेशा खुला है और हम आप लोगों का स्वागत करते हैं।"
बाए मा छी लिन ने परिचय देते हुए कहा कि वर्तमान में लगभग 2 लाख तिब्बती बंधु विश्व के विभिन्न जगहों में रह रहे हैं, उनमें भारत, नेपाल, कनाडा, स्विजरलैंड और अमेरिका जैसे देश शामिल हैं। हाल के कई वर्षों में विदेश में रह रहे बहुत से तिब्बती बंधुओं ने स्वदेश वापस लौटने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा:
"वर्तमान में बहुत सारे तिब्बती बंधु मातृभूमि में वापस लौट चुके हैं, और उनमें से अधिकतर लोग वृद्ध हैं लेकिन युवा पीढ़ी के कम ही लोग शामिल है। पर तिब्बती युवाओं ने यह भी कहा है कि वे स्थिति के अनुसार अपना विचार बदलेंगे।"
बाए मा छी लिन ने कहा कि विदेश में रह रहे तिब्बतियों के विचार और उनकी स्थिति को जानना हमारे लिये बहुत महत्वपूर्ण है। इस लिहाज से देखा जाए तो यह भी इस यात्रा में उनकी एक उपलब्धि है। उन्होंने कहा:
"अब हम जानते हैं कि विदेश में रह रहे चीनियों, प्रवासी चीनियों और तिब्बती बंधुओं से जुड़े कार्यों को हम कैसे अच्छी तरह से चला पाएंगे और कैसे एक साथ देश की समृद्धि को विकसित करेंगे। भविष्य में हम विदेश में रह रहे तिब्बती बंधुओं के जीवन पर अधिक ध्यान देंगे।"
न्यूयॉर्क तिब्बती प्रतिनिधिमंडल की यात्रा का अंतिम पड़ाव है। इससे पहले प्रतिनिधिमंडल ने कनाडा के टोरंटो और ओटावा और अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन की यात्रा की थी। इन स्थलों में दस से ज्यादा गतिविधियों का आयोजन किया गया। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने व्यापक रूप से सरकारी अधिकारियों, सांसदों, थिंक टैंक के विद्वानों समेत उत्तर अमेरिकी समाज के विभिन्न क्षेत्रों के व्यक्तियों से संपर्क किया। प्रतिनिधिमंडल के अध्यक्ष, तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की एनपीसी की स्थाई कमेटी के अध्यक्ष बाए मा छी लिन के अनुसार इस तरह के सीधे आदान-प्रदान का अवसर बहुत कम मिलता है। इसका उत्तरी अमेरिका के विभिन्न लोगों ने भी स्वागत किया। उनका कहना है:
"मुझे अनुभव हुआ है कि आपस में इस प्रकार की आवाजाही से हम चीन से बाहर रहने वाले चीनियों और तिब्बती बंधुओं को चीन के बारे में बहुत कुछ बता सकते हैं। हमने मन की बातें उन लोगों को बताईं। उन लोगों ने सीधे और सपाट सवाल पूछे और हमने उनके सवालों का अच्छी तरह जवाब दिया। हमने खुले दिल से उनके साथ विचारों को सुना और अपनी बातों को बहुत ही मैत्रीपूर्ण तरीके से उनके सामने रखा।"