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तिब्बती गांववासी इन्टरनेट के माध्यम से दुनिया के साथ और घनिष्ठ संबंध कायम
2013-07-08 12:49:31

तिब्बत में इण्टरनेट की लोकप्रियता के साथ, तिब्बत में इण्टरनेट को जानने वाले किसानों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही हैं, और उसका उपयोग भी करते हैं। इण्टरनेट के उपयोग करने से बाहरी दूनिया की जानकारी मिलती हैं, और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार आता हैं।

यह स्नातक का मौसम हैं। ल्हासा, और स्थानीय क्षेत्रों में हाई स्कुल के कई तिब्बती जाति के किसान छात्रों की राष्ट्रीय स्तर की परिक्षा समाप्त हो चुकी हैं, और वे अपने गांव या घर लौट आये हैं। यांगचोंग तिब्बत के शिकाज़े प्रिफैक्चर की च्यांगची काउंटी की रहने वाली हैं, अत:ल्हासा शहर के मिडिल स्कुल में पढ़ती है। उसने अभी-अभी राष्ट्रीय स्तर की परिक्षा दी है, और परिक्षा में 390 अंक प्राप्त किये है। तिब्बत के अल्पसंख्यक जाति के लोगों का केन्द्र बिन्दु विश्ववद्यालय में प्रवेश पाने के लायक स्कोर लाना है, जो कि 290 अंक चाहिए होते हैं। यांगचोंग ने 100 अंक अधिक प्राप्त किया है। वह अपने घरवालों के साथ विचार-विमर्श करने की तैयारी में है। तिब्बती लड़की यांगचोंग ने कहा:

"पहले की बात थी कि मेरे पास परिक्षा देने के बाद तुरन्त घर लौटने के अलावा कोई और विक्लप नहीं था, और घरवालों के साथ बात करने के अलावा भी कोई और चारा नहीं था, क्योंकि घर शहर से काफी दूर था, और इण्टरनेट की सुविधा भी नहीं थी। पर अब की बात करें, तो गांव में नेट कर सकते है। स्कुल और काँलेजों की भी मांग होने लगी है कि आँनलाइन फार्म भरा जाए, और काफ़ी अच्छा हो गया है कि घर में सलाह-मशविरा करके फार्म भरा जाए।"

तिब्बत में"गांव-गांव में इण्टरनेट"परियोजना का लाभ न केवल उच्च विद्यालय के छात्रों को है, बल्कि गांवों-देहातों में, संगीत के शौकिन तिब्बती जाति लोगों को भी है। पहले, नया गाना सुनने के लिए हमेशा लोगों को ल्हासा जाकर सीडी खरीदनी पड़ती थी। गांव में नेट के आ जाने से लोगों को नेट करना आ गाया है, और अब नेट पर सर्च, डाउनलोड, और हर तरह के गाने भी सुन सकते है। तिब्बत के नाछ्यु प्रिफैक्चर की नाछ्यु कांउटी के निवासी तानपा त्सेरन ने संवाददाता को अपने फोन पर डाउनलोड किए गए गाने दिखाये, जिनमें विश्व प्रसिद्ध'गंगनाम स्टाइल'गाना भी शामिल है।

"चरवाहे गीत के अलावा, हमें लोकप्रिय गाने सुनना बहुत पसंद है। हम सभी दोस्त कभी-कभार गंगनाम स्टाइल गाना भी गाते है। यह गाना काफ़ी मज़ेदार है। हलांकि इस गाने के बोल समझ में तो नहीं आते, परन्तु गाने के स्टेप अच्छे लगते है।"

इण्टरनेट धीरे-धीरे पठार के लोगों की आदतें और रहन-सहन में बदलाव ला रहा है। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा के अधीन छ्युश्वे कांउटी के छापालांग गांव के गांववासी छोंगता ने नेट के माध्यम से समृद्धि प्राप्त की। पहले उसका जीवन बैल पालने पर निर्भर रहता था, इतना समृद्ध नहीं था। लेकिन एक दिन उसने इन्टरनेट पर अच्छी तरह बैल पालने से संबंधित जानकारी देखी। इसकी चर्चा में उन्होंने कहा:

"पहले गांव में टीवी, कम्प्यूटर आदि नहीं हुआ करते थे। उस समय हम अज्ञानी के तरह थे, क्योंकि हमारे पास जानकारी बहुत कम थी। बाद में, गांवों में कम्प्यूटर के आ जाने से, पशु पालन में काफ़ी सुधार आया है। पहले हमारे घर में पले हुए बैल को केवल 5 सौ युआन का ही बेच पाते थे, पर बैल पालने के तरीके में सुधार किए जाने के बाद साल में 3 हजार से 5 हजार युआन तक बेच सकते है।"

जानकारी के अनुसार, वर्ष 2011 से तिब्बत में'तिब्बत स्वायत प्रदेश ग्रामीण सामान्य सूचना सेवा केन्द्र'की स्थापना को बढ़ावा दिया है। अनुमान है कि वर्ष 2015 तक 3000 ग्रामीण सामान्य सूचना सेवा केन्द्र स्थापित करने की योजना है। समय आने पर, आम लोग कृषि, रोज़गार, मेडिकल, बाजार आदि क्षेत्रों से संबंधित सूचनाएं प्राप्त कर सकेंगे।

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