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तिब्बती-विद्या विशेषज्ञों ने स्विट्जरलैंड की यात्रा की
2013-06-11 14:55:11

3 से 5 जून तक चीनी तिब्बत-विद्या के विशेषज्ञों के प्रतिनिधि मंडल ने स्विट्जरलैंड की मैत्रीपूर्ण भाव के साथ यात्रा की। इसी दौरान प्रतिनिधि मंडल ने स्विट्जरलैंड के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों, बर्न विश्वविद्याल के शिक्षकों और विद्यार्थियों के साथ संगोष्ठी आयोजित की। चीनी तिब्बत-विद्या के विशेषज्ञों ने बड़ी मात्रा में तथ्यों और सामग्रियों से तिब्बत स्वायत्त प्रदेश और तिब्बती बहुल क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक विकास, संस्कृति और शिक्षा, धार्मिक विश्वास की स्वतंत्रता जैसे विषयों से अवगत कराया।

चीनी तिब्बत-विद्या के विशेषज्ञों के प्रतिनिधि मंडल की मौजूदा यूरोप यात्रा में स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रिया और इटली शामिल हैं। इन तीनों देशों में तिब्बत से संबंधित विषयों पर विशेषज्ञों का ध्यान केंद्रित है। स्विट्जरलैंड में 5 हज़ार से अधिक तिब्बती बंधु रहते हैं। चीनी तिब्बत-विद्या के विशेषज्ञों ने आशा जताई कि मौजूदा यात्रा में विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के बीच हुए आदान-प्रदान से ज्यादातर लोग तिब्बत की वास्तविक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इस तरह विशेषज्ञों के प्रतिनिधि मंडल में तिब्बत-विद्या के अनुसंधान के लिए विभिन्न क्षेत्रों से आए लोग शामिल हैं।

प्रतिनिधि मंडल के सदस्य चीनी शीपेई जातीय विश्विद्यालय के तिब्बती शास्त्र कॉलेज के प्रधान फ़ू छ्यानकू लम्बे समय तक तिब्बती संस्कृति और इतिहास के अनुसंधान में लगे हुए हैं, जिस ने कुछ विशेष पुस्तकों का संग्रह करके प्रकाशित किया। वहीं लान खहच्या एक तिब्बती औषधि के चिकित्सक हैं, जो छिंगहाई प्रांत के तिब्बती चिकित्सा अस्पताल के प्रमुख डॉक्टर हैं। तुनचू लाच्ये नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में ओस्लो विश्वविद्यालय से स्नातक हुए तिब्बती विद्वान हैं, जो तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के सामाजिक विज्ञान अकादमी के धर्म अनुसंधान केंद्र के अनुसंधानकर्ता हैं। इनके अलावा प्रतिनिधि मंडल की अध्यक्षा पी ह्वा तिब्बत मुद्दों पर अनुसंधान करने वाली विशेषज्ञ हैं, जो चीनी तिब्बत-विद्या प्रकाशन ब्यूरो की जनरल संपादक हैं। अपने प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों का परिचय देते हुए पीह्वा ने कहा:

"यूरोप के इन तीन देशों को तिब्बत के विषयों में रूचि है। इस तरह हमारे प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों में धर्म, संस्कृति, शिक्षा, तिब्बती चिकित्सा और सामाजिक आर्थिक विकास से जुड़े क्षेत्रों से आए विद्वान और विशेषज्ञ शामिल हैं। हम चाहते हैं कि हमारे द्वारा दिए गए परिचय से यूरोपीय लोग तिब्बत की वास्तविक स्थिति जानेंगे। हम तिब्बत स्वायत्त प्रदेश और तिब्बती बहुल क्षेत्र में हुई ताज़ा जानकारी उन तक पहुंचाते हैं। इस तरह के आदान प्रदान हमेशा सार्थक सिद्ध होते हैं।"

स्विट्जरलैंड की यात्रा के दौरान चीनी तिब्बत-विद्या के विशेषज्ञों ने विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के साथ संगोष्ठी आयोजित की, बर्न विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों के साथ प्रत्यक्ष बातचीत की। इस के अलावा उन्होंने यहां रहने वाले तिब्बती बंधुओं के साथ मैत्रीपूर्ण कार्रवाई भी आयोजित की। प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने तिब्बत-विद्या के अनुसंधान में स्वयं द्वारा प्राप्त उपलब्धियां और अनुभव बताते हुए तिब्बत स्वायत्त प्रदेश और चीन में दूसरे तिब्बती बहुल क्षेत्रों में सामाजिक आर्थिक विकास, संस्कृति, शिक्षा और धार्मिक विश्वास की स्वतंत्रता जैसे विषयों से अवगत कराया। इनके अलावा उन्होंने चीन की नए सत्र की सरकार द्वारा तिब्बत में जन-जीवन के सुधार को लेकर अपनाए गए कदमों का भी परिचय दिया। बर्न विश्विद्यालय में हुई संगोष्ठी में प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने अध्यापकों और विद्यार्थियों के संवेदनशील प्रश्नों का उत्तर दिया, जिनमें चीन की केंद्र सरकार और दलाई लामा के बीच संपर्क और वार्ता, तिब्बती बौद्ध धर्म में जीवित बुद्ध के अवतार जैसे मुद्दे शामिल हैं। इसके साथ ही उन्होंने भविष्य में तिब्बत की स्थिरता पर बर्न विश्वविद्यालय के अध्यापकों और छात्रों की चिंता को दूर करने के लिए समझाया। संगोष्ठी में उपस्थित बर्न विश्वविद्यालय में चीनी भाषा पढ़ाने वाले प्रोफेसर अंटोन लाचनर ने कहा:

"मुझे लगता है कि चीन और स्विट्जरलैंड के बीच इस प्रकार की ज्यादा गतिविधि आयोजित की जाएगी, तो बहुत अच्छा रहेगा। अधिक संपर्क होने से दोनों पक्षों के बीच हुई बातचीत में ज्यादा विषय शामिल किये जा सकेंगे, इससे पारस्परिक समझ बढ़ेगी। मैं इस प्रकार की गतिविधियों को बहुत महत्वपूर्ण मानता हूं।"

स्विट्जरलैंड के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों का मानना है कि चीनी तिब्बत-विद्या के विशेषज्ञों का परिचय बहुत सार्थक है। उन्होंने तिब्बत के विकास में प्राप्त उपलब्धियों का सकारात्मक आकलन किया और आशा जताई कि भविष्य में तिब्बत के विकास में भौतिक जीवन स्तर की उन्नति के साथ-साथ मानसिक शांति पर भी ध्यान दिया जाएगा। स्विट्जरलैंड में रह रहे चीनी तिब्बती बंधुओं ने तिब्बत के विकास के लिए सकारात्मक सुझाव पेश किए और कहा कि वे देश और जन्मभूमि के विकास और निर्माण में योगदान देने को तैयार हैं।

चीनी तिब्बत-विद्या की विशेषज्ञ, प्रतिनिधि मंडल की अध्यक्षा पी ह्वा लम्बे समय से तिब्बत-मुद्दे पर अनुसंधान में संलग्न हैं। उनके विचार में बाहरी दुनिया को तिब्बत स्वायत्त प्रेदश और चीनी तिब्बती बहुल क्षेत्रों का परिचय देना और विदेशी लोगों को तिब्बत की वास्तविक स्थिति बताना अनिवार्य है और इस कार्य में समय लगेगा। उन्होंने कहा:

"वास्तविक तौर पर कहा जाए, एक या दो बार के परिचय से लोगों के विचार बदलना और तिब्बत स्वायत्त प्रदेश और तिब्बती बहुल क्षेत्रों के बारे में समझाना असंभव है। लेकिन लम्बे अरसे तक इस तरह की आवाजाही से धीरे-धीरे उनकी समझ बढ़ेगी और उन्हें एक वास्तविक तिब्बत की जानकारी मिलेगी। कुछ मुद्दों पर हमारे और विदेशी लोगों के विचार अलग हैं। लेकिन हमारे परिचय से उनके पूर्व विचार को ठीक किया जा सकता है।"

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