तिब्बती औषधि का इतिहास 2300 वर्ष से भी अधिक पुराना है, यह चीनी परम्परागत चिकित्सा खजाने में एक चमकदार मोती के रूप में मशहूर है। लम्बे अर्से में चीन सरकार ने तिब्बती औषधि व्यवसाय के विकास को महत्व देते हुए कई उदार नीतियां अपनाई और पूंजी समर्थन भी जारी रखा।"ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना (वर्ष 2006 से 2010 तक)"के बाद से अब तक तिब्बती औषधि व्यवसाय का स्थिर विकास हुआ, और"बारहवीं पंचवर्षीय योजना(2011 से 2015 तक)"के दौरान इस व्यवसाय का तेज़ी से हो रहा है।
दोपहर के वक्त तिब्बत की राजधानी ल्हासा में फ़ूखांग नामक दवा की दुकान बहुत व्यस्त रहती है। दवा खरीदने वालों के अलावा, कई लोग विशेष तौर पर यहां आकर तिब्बती औषधियों के बारे में पूछने आते हैं। ल्हासा वासी श्री यांग कभी कभार तिब्बती दवा खरीदकर भीतरी इलाके में रहने वाले अपने माता पिता को भेजते हैं। उन्होंने कहा:"मेरे माता-पिता गठिया से पीड़ित हैं। किसी दुकान में अच्छी तिब्बती औषधि मिलने पर मैं जरूर खरीदकर उन्हें भेजता हूँ। दवा खाने के बाद माता पिता की स्थिति अच्छी होने लगी और उन्हें तिब्बती औधषि बहुत जादुई लगती है।"
तिब्बती औषधि कारखाना तिब्बत में तिब्बती औषधि तैयार करने वाला सबसे पहला कारखाना है। यहां तैयार कानलू ब्रांड की तिब्बती दवा देशी विदेश में प्रसिद्ध है। कारखाने के वर्तमान निदेशक कोंगगा नोर्बू ने कहा कि स्वायत्त प्रदेश की सरकार तिब्बती औषधि उद्योग के विकास को प्राथमिकता देती है। और वित्तीय कर वसूली, वैज्ञानिक व तकनीकी क्षेत्रों में उदार नीतियां अपनाकर समर्थन करती है। इस तरह तिब्बती औषधि कारखाने का जबरदस्त विकास हुआ है, उसने"कानलू"नामक मशहूर तिब्बती औषधि ब्रांड रचा। अब पूरे देश में 97 विशेष दुकानों और 228 विशेष कांउटरों में इस ब्रांड की दवाएं बेची जाती हैं। तिब्बती औषधि कारखाने के निदेशक कोंगगा नोर्बू ने कहा:"इधर के वर्षों में विभिन्न स्तरीय सरकारों की उदार नीतियों से हमारे कारखाने की वृद्धि दर 20 प्रतिशत पहुंच चुकी है। गत वर्ष हमारी नकद आय दस करोड़ युआन से अधिक रही और हमारा उद्योग तिब्बत में दस करोड़ युआन वाले उपक्रमों में से एक बन गया है।"
अप्रैल 2012 में तिब्बत नोर्डिखांग औधषि कंपनी तिब्बत के प्रथम खेप वाले 13 राष्ट्रीय मान्यता हासिल उच्च व नए तकनीक वाले उद्योगों में से एक बना। इस कंपनी ने चीनी औषधियों व जैव उत्पादों के मानकीकरण अनुसंधान केंद्र के साथ सहयोग कर जैविक उत्पादों से संबंधित अनुसंधान किया और उत्पादित वस्तुओं ने देश में इस प्रकार के उत्पादों के रिक्त स्थान को भर दिया। वर्तमान में इस कंपनी के पास स्वतंत्र बौद्धिक संपदा अधिकार वाले औषधियों एवं तकनीकी पेटेंटों की संख्या 30 से अधिक है। वर्ष 2011 में कंपनी की बिक्री एक अरब 10 करोड़ युआन पहुंची। नोर्डिखांग कंपनी के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश स्थित मुख्यालय के निदेशक वांग च्यांगपिन ने कहा:"स्वतंत्र बौद्धिक संपदा अधिकार को उपक्रमों के बीच प्रतिस्पर्द्धा करने की सबसे बड़ी श्रेष्ठता माना जाता है। हमारी कंपनी के पास कई राष्ट्र स्तरीय नई औषधियों के प्रमाण पत्र हैं, इस प्रकार की औषधियों की संख्या सारे स्वायत्त प्रदेश में ही नहीं, पूरे तिब्बती औषधि जगत में सबसे अधिक है।"
कई वर्षों के विकास के चलते तिब्बत में तिब्बती औषधियों का उत्पादन करने वाले काराबारों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2011 तक यह संख्या 18 तक पहुंच गई है, जिनमें 306 किस्मों की औषधियों को राष्ट्रीय मान्यता हासिल हो चुकी है। इन कारोबारों का सालाना उत्पादन मूल्य वर्ष 2005 के 45 करोड़ 80 लाख युआन से बढ़कर वर्ष 2011 के 71 करोड़ 30 लाख युआन तक पहुंच गया। 22 तिब्बती औषधियों के ब्रांडों ने मशहूर ट्रेडमार्क हासिल किया।"कानलू"और"श्यांगयुन"आदि ट्रेडमार्कों को सुप्रसिद्ध चीनी ट्रेडमार्क घोषित किया गया। जबकि"नोर्डिखांग"और"छीचङ"आदि ब्रांडों के उत्पादों को जेनेवा में आयोजित 26वें अंतरारष्ट्रीय आविष्कार व तकनीक मेले में स्वर्ण पदक हासिल हुआ, और ये अमेरिका, जापान व कोरिया गणराज्य समेत 20 से अधिक देशों व क्षेत्रों में बेचे जाते हैं।
उपभोक्ताओं की मान्यता और बिक्री की मात्रा तिब्बती औषधियों की कारगरता पर निर्भर रहती है। तिब्बती औषधि कारखाने के उप निदेशक स्तरीय चिकित्सक लोसांग डोर्चे ने कहा कि तिब्बती औषधि की सटीकता का श्रेय जादुई प्राकृतिक सामग्रियों को जाता है। तिब्बती औषधियों के जरिए कई तरह की लम्बी बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। उन्होंने कहा:"दूसरी दवाओं की तुलना में तिब्बती औषधियों का विशेष प्रभाव होता है। मसलन् कार्डियोवास्कुलर, गठिया, लिवर व पित्त और आंत-आमाश्य आदि रोगों के इलाज में।"
बर्फीले पठार के खजाने के रूप में तिब्बती औषधि तिब्बती संस्कृति का एक अहम भाग भी है। लम्बे समय में तिब्बती जनता ने रोगों के साथ संघर्ष के दौरान इलाज के अनुभवों को एकत्र कर परिपूर्ण, वैज्ञानिक व विशेष तिब्बती चिकित्सा व औषधि व्यवस्था कायम की।
पहले तिब्बती औषधि का प्रयोग सिर्फ़ कुलीन जगत का विशेष अधिकार था। लेकिन वर्ष 1951 में तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद आम लोग भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ ही तिब्बती औषधियों का औद्योगिकरण भी हो रहा है। अब यह औषधि साधारण नागरिकों के घर में प्रवेश कर रोगियों की शारीरिक स्थिति सुधार रही है। तिब्बती औषधियों के औद्योगिकरण व अनवरत विकास की चर्चा में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के उद्योग व सूचना ब्यूरो के उपभोक्ता वस्तु विभाग की प्रधान प्यानपा चोमा ने कहा कि परियोजना का बंदोबस्त करना और औद्योगिक ढांचे को श्रेष्ठ बनाना तिब्बती औषधियों की आपूर्ति की कड़ी ही है। उन्होंने कहा:" सबसे पहले हमने पूरे प्रदेश की जड़ी बूटी संसाधनों का सर्वेक्षण व जांच कर उनकी किस्मों, वितरण और भंडार से संबंधित जानकारी हासिल की। इसके बाद हम औषधियों व जड़ी बूटियों को उगाने का केंद्र स्थापित करेंगे।"
गौरतलब है कि 12 वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान, तिब्बत ज्यादा से ज्यादा तिब्बती जड़ी बूटियों व औषधियों के उत्पादों को राष्ट्र मापदंड के मुताबिक उत्पादित करेगा। स्वायत्त प्रदेश के खाद्य पदार्थ व औषधि निगरानी प्रबंधन ब्यूरो के पंजीकरण विभाग से जुड़ी चांग य्वेअ ने कहा कि तिब्बत स्वायत्त प्रदेश तिब्बती औषधियों की गुणवत्ता का मापदंड उन्नत कर संबंधित संरक्षण कार्य पर जोर देगा। उन्होंने कहा:"हम राष्ट्र स्तरीय मापदंड में शामिल न किए जाने वाली तिब्बती जड़ी-बूटियों, औषधियों व समाप्त उत्पादित दवाओं को इकट्ठा कर उनका संग्रहण किया। इसके बाद हमने इन औषधियों की किस्मों की जांच व सर्वेक्षण के लिए संबंधित विशेषज्ञों व विद्वानों को बुलाया। फिर वे औषधियों की गुणवत्ता के मापदंड मसौदा बनाकर संबंधित अनुसंधान कार्य करेंगे।"
बारहवीं पंचवर्षीय यौजना के दौरान तिब्बत स्वायत्त प्रदेश ने हर वर्ष तिब्बती औषधि के विकास के लिए एक करोड़ युआन की विशेष राशि जारी की है। और साथ ही कर वसूली के क्षेत्र में उदार नीतियां भी अपनाई हैं। इन कदमों के जरिए तिब्बती औषधियों से संबंधित उपक्रमों के अनवरत विकास में प्रेरणात्मक शक्ति मिली है।
《तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के 12 वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान तिब्बती औषधि व्यवसाय के विकास कार्यक्रम》में इन पांच सालों में तिब्बती औषधि व्यवसाय का उत्पादन मूल्य दो गुना बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए तिब्बत स्वायत्त प्रदेश संरक्षण व विकास के साथ साथ तिब्बती औषधियों से संबंधित सामग्रियों की आपूर्ति पर ध्यान देगा। वहीं एकीकृत बंदोबस्त, बेहतर व्यावसायिक ढांचे का निर्माण आदि भी मज़बूत किया जाएगा। इस बारे में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के उद्योग व सूचना ब्यूरो के उपभोक्ता वस्तु विभाग की प्रधान प्यानपा चोमा का विचार है कि विभिन्न क्षेत्रों के मानविकी व संसाधान श्रेष्ठता का प्रयोग कर अनवरत विकास के सिद्धांत का पालन करते हुए संसाधनों का अच्छी तरह बंटवारा करना और औद्योगिक ढांचे का ज्यादा सुव्यवस्थित करना चाहिए। उन्होंने कहा:"ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान हमारे स्वायत्त प्रदेश में तिब्बती औषधि व्यवसायों का कुल उत्पादन मूल्य 65 करोड़ युआन पहुंचा। हम बारहवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान इसे एक अरब 30 करोड़ युआन पहुंचाने की कोशिश करेंगे, सालाना वृद्धि दर 14 प्रतिशत से अधिक होने की योजना है। उत्पादों की प्रदर्शनी, सूचना सेवा, औषधि सामग्रियों के प्रसारण, चिकित्सीय अनुसंधान व विकास, औद्योगिक उत्पादन और लोजस्टिक्स थोक आदि मिश्रित औद्योगिक समूह स्थापित करेंगे। ताकि तिब्बती औषधि उत्पादन का औद्योगिक पैमाना विस्तृत करते हुए विकसित हो सके।"