Web  hindi.cri.cn
चीनी माता नदी के उद्गम स्थल की रक्षा
2013-01-18 15:51:33

यदि आप चीनी संस्कृति के नाम से नामी माता नदी पीली नदी और छांगच्यांग नदी की ऊपरी घाटियों की ओर चले जाते हैं, तो आप पाताय्येनकाला पर्वत के घेरे में खड़े छिंगहाई तिब्बत पठार के भीतरी क्षेत्र तक पहुंच जाते हैं। यहां पर न सिर्फ हवा में फहराती हुई रंगविरंगे प्रार्थना झंडियां, मानी पत्थर सूत्र और प्राचीन संभ्यता देखने को मिलती है, बल्कि यहां पीली नदी, छांगच्यांग या यांगत्सी नदी और लानछांग च्यांग नदी का उद्गम स्थली है, छिंगहाई प्रांत में स्थित इस विशेष स्थल को तीन नदियों का उद्गम स्थल को कहलाया जाता है। इतना ही नहीं, यह स्थल चीनी जल टावर और पृथ्वी के गुर्दे के नाम से भी जाना जाता है, अतः उस की पारिस्थितिकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।

तीन नदियों के इस उद्गम स्थल की पारिस्थितिकी स्थान की चर्चा करते हुए छिंगहाई प्रांत के गवर्नर लो ह्वी निंग ने कहा:"हमारे प्रांत में स्थित यह स्थल छांगच्यांग यानी यांगत्सी नदी, पीली नदी और लानछांग नदी का उद्गम स्थल ही है, उस का कुल क्षेत्रफल 9 लाख 35 हजार वर्गकिलोमीटर विशाल है, इतने बड़े क्षेत्रफल वाले इलाके में बिखरी हुई बेशुमार नद नदियों, झीलों और हिम नदियों का कुल क्षेत्रफल एक हजार 8 सौ वर्गकिलोमीटर से अधिक है, उक्त तीनों नदियों की घाटियों में समूचे देश की दो तिहाई भाग की जनसंख्या रहती आयी है, छिंगहाई प्रांत हर वर्ष में मध्यम व नीचली घाटियों को करीब 60 अरब घन मीटर से अधिक बढिया गुणवत्ता वाला मीठा पानी मुहैया करता है, इसलिये यह स्थल चीनी जल टावर और पृथ्वी के गुर्दे के रुप में जाना जाता है। तीनों नदियों के इस उद्गम स्थल का संरक्षण समूचे चीन के निरंतर विकास और भूमंडलीय जलवायु परिवर्तन के मुकाबले के लिये अपरिहार्य भूमिका निभाता है।"

छिंगहाई प्रांतीय कमेटी के स्थाई सदस्य और प्रचार प्रभारी चितिमाका ने पृथ्वी के तीसरे ध्रुव के रुप में इस स्थल का वर्णन किया। उनका कहना

है:"पीली नदी का 49 प्रतिशत पानी, छांगच्यांग नदी का 26 प्रतिशत पानी और लानछांगच्यांग नदी का 16 प्रतिशत पानी छिंगहाई प्रास से निकल कर बाहर बह जाता है, इस के अलावा इस उद्गम स्थल में महत्वपूर्ण जैव विविधता बरकरार रही है। अब पूरे उद्गम स्थल का पारिस्थितिकी स्थान ने अपनी विशेष पहचान बना ली है, छिंगहाई तिब्बत पठार भी दक्षिणी ध्रुव और उत्तरी ध्रुव को छोड़कर पृथ्वी का तीसरा ध्रुव के नाम से विख्यात है।"

पिछले अनेक सालों में छिंगहाई प्रांत ने तीन नदियों के उद्गम स्थल की पारिस्थितिकी सुरक्षा को बनाये रखने का दायित्व और मिशन निभा लिया है और केंद्रिय सरकार के समर्थन में सिलसिलेवार संरक्षण नीतियां निर्धारित की हैं । छिंगहाई प्रांत के गवर्नर लो निंग ह्वी ने कहा:"चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय कमेटी और राज्य परिषद ने तीन नदियों के इस उद्गम स्थल के पारिस्थितिकी संरक्षण और निर्माण को बड़ा महत्व दिया है, 2005 में राज्य परिषद ने तीन नदियों के उद्गम स्थल के पारिस्थितिक व संरक्षण की आम योजना को अनुमोदित कर दिया है, 2008 में तीन नदियों के उद्गम स्थल में राष्ट्रीय पारिस्थितिकी संरक्षण वाला बहुदेशीय प्रयोगात्मक क्षेत्र स्थापित करने का निर्णाय लिया, गत वर्ष के अंत में राज्य परिषद ने इस प्रयोगात्मक क्षेत्र का समग्र खाका पुष्ट कर दिया, यह इस बात का द्योतक है कि तीन नदियों के इस उद्गम स्थल का निर्माण विधिवत रुप से राष्ट्रीय रणनीतिक दायरे में प्रविष्ट हो गया है। 2005 में हम ने तीन नदियों के उद्गम स्थल के पारिस्थितिकी संरक्षण के निर्माण की प्रथम चरण परियोजना को मूर्त रुप दिया है, अगले वर्ष में हम इस निर्माण की दूसरी चरण परियोजना को पूर्ण रुप से अमल में लायेंगे। 80 वाले दशक से लेकर अब तक हम ने क्रमशः तीन नदियों के उद्गम स्थल में घास मैदान और वृक्षारोपण के बारे में सिलसिलेवार कमद उठा दिये हैं और अपने प्रांत के विकास के लिये पारिस्थिकी संरक्षण की रणनीति सुनिश्चित की है।"

16 नवम्बर 2011 को प्रधान मंत्री वन च्चा पाओ की अध्यक्षता में हुए राज्य परिषद के नियमित सम्मेलन में छिंगहाई के तीन नदियों के उद्गम स्थल की पारिस्थितिकी संरक्षण के बहुदेशीय प्रयोगात्मक क्षेत्र के आम खाका का अनुमोदन किया गया है, साथ ही स्पष्टतः पेश किया गया है कि और दस सालों के प्रयासों के जरिये तीन नदियों के इस उद्गम स्थल को समूचे देश के पारिस्थिकी व संभ्यतापूर्ण क्षेत्र का रुप दिया जायेगा।

छिंगहाई प्रांत के हाइनान तिब्बती स्वशासन प्रिफेक्चर की कुंगहो कांऊटी के शाचूयू टाऊनशिप तीन नदियों के उद्गम स्थल में अवस्थित है, यह क्षेत्र पहले छिंगहाई प्रांत में सब से गम्भीर मरुस्थलीकरण क्षेत्रों में से था। गत सदी के 70 वाले दशक से पूरे टाउनशिप में क्रमशः 130 किलोमीटर से अधिक लम्बी रक्षा वन पंक्ति स्थापित की गयी , जिस से कारगर रुप से स्थानीय पारिस्थितिकी पैटर्न सुधर गया है। कुंगहो कांऊटी के वातावरण संरक्षण व जंगलात ब्यूरो के उप प्रधान वांग तुंग प्याओ ने इस का परिचय देते हुए कहा:"हमारे यहां के स्थानीय वासियों के बीच यह कहावत प्रचलित है कि सुबह जहां कृषि योग्य भूमि है, शाम को वहां रेगिस्तान नजर आता है। न जाने कहां पर घर बसने लायक है। यहां के गांवों को रेतों भरी हवाओं की वजह से तीन बार स्थानांतरित करना पड़ा। इधर सालों में हम खेतों पर वृक्षारोपण और चरागाहों पर घास लगाकर रेतों को मूल रुप से स्थिर बनाने में सफल हुए हैं। रक्षा वन बड़े होने के बाद स्थानीय वासी निश्चिंत रुप से यहां रह सकते हैं, रक्षा वन कृषि पैदावार बढाने और जल भूमि की रक्षा करने में बड़ी भूमिका भी निभाता है। करीब पांच साल के बाद यहां के रेतों को पूर्ण रुप से स्थिर बनाया जायेगा।"

मातो कांऊटी छिंगहाई प्रांत के सब से ऊंचे स्थान पर खड़ी हुई है और यह कांऊटी इसी प्रांत की सब से कम आबादी वाली कांऊटी ही है, तीन नदियों के उद्गम स्थल का संरक्षण काम इसी कांऊटी में लम्बे समय में किया जा रहा है। मातो का अर्थ तिब्बती भाषा में पीली नदी का उद्गम स्थल ही है, यहां के स्थानीय वासी माता नदी की रक्षा करने में बहुत कर्तव्यपराण हैं। मातो कांऊटी के उप प्रधान कान श्वे पिन ने कहा:"मातो कांऊटी राष्ट्रीय प्राथमिकता प्राप्त पारिस्थितिकि संरक्षित कांऊटी ही है, घास मैदान के निर्माण और मरुस्थलीकरण के सुधार और दलदल भूमि की रक्षा आदि मुद्दों को अमल में लाने के बाद हमारे यहां जल उद्गम स्थल के पानी की गुणवत्ता धीरे धीरे बहाल हो गयी है, घास मैदान सिकुड़ने की प्रवृति पर रोक भी लगायी गयी है, खासकर इतिहास पर मातो की हजारों झीलों का आश्चर्यजनक दृश्य फिर प्रकाश में आया है, जैव विविधता भी क्रमशः बहाल हो गयी है, जंगल जानवरों और वनस्पति की किस्में भी साल ब साल बढ़ती जाती है, चरवाहों और किसानों का उत्पादन और जीवन स्तर भी साथ साथ सुधर गया है।"

मातो कांऊटी तीन नदियों के उद्गम स्थल के पारिस्थितिकी संरक्षण और निर्माण परियोजनाओं में प्राप्त उपलब्धियों का एक नमूना है, वर्तमान में तीन नदियों के उद्गम स्थल का पारिस्थितिकी प्रणाली की समग्र ढांचागत स्थिति सुधरने के चलते घास मैदान सिकुड़ने की प्रवृति पर प्रारम्भिक रुप से रोक लगायी गयी है और दलदल भूमि की पारिस्थितिकी भूमिगा भी धीरे धीरे उन्नत हो गयी है, झीलों का जल क्षेत्रफल भी स्पष्टतः विस्तृत हो गया है , जल भूमि का संरक्षण भी सफल हो गया है, पारिस्थितिकी संरक्षण आम तौर पर उपलब्ध हो गया है और बेहतर चक्रिय विकास के पथ पर चल निकला है।

संदर्भ आलेख
आप की राय लिखें
सूचनापट्ट
• वेबसाइट का नया संस्करण आएगा
• ऑनलाइन खेल :रेलगाड़ी से ल्हासा तक यात्रा
• दस सर्वश्रेष्ठ श्रोता क्लबों का चयन
विस्तृत>>
श्रोता क्लब
• विशेष पुरस्कार विजेता की चीन यात्रा (दूसरा भाग)
विस्तृत>>
मत सर्वेक्षण
निम्न लिखित भारतीय नृत्यों में से आप को कौन कौन सा पसंद है?
कत्थक
मणिपुरी
भरत नाट्यम
ओड़िसी
लोक नृत्य
बॉलिवूड डांस


  
Stop Play
© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040