ली चुन उत्तर पूर्वी चीन के ची लिन प्रांत के ल्याओ युआन शहर के रहने वाले हैं। जून 2010 में वे तिब्बत की सहायता करने वाले भीतरी इलाके के ल्याओ युआन कार्य दल के प्रधान के रूप में बर्फीले पठार गए। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की सागा कांउटी की प्राकृतिक स्थिति कठोर होने के बावजूद ली चुन यहां खुशहाल जीवन बिताते हैं और तिब्बत के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं। वे कभी-कभी कहते हैं कि तिब्बत की सहायता करने का अनुभव उनके साधारण जीवन में एक रंगबिरंगा इंद्रधनुष जैसा है।
ऐतिहासिक व प्राकृतिक कारणों से तिब्बत के आर्थिक व सामाजिक विकास का स्तर थोड़ा पिछड़ा है। चीन की केंद्र सरकार ने वर्ष 1995 में तिब्बत के विकास को गति देने के लिए तिब्बत की सहायता संबंधी परियोजना शुरू की, जिसमें भीतरी इलाके के विभिन्न प्रांतों के श्रेष्ठ युवा कर्मचारियों को तिब्बत में भेजना शामिल है। ये कर्मचारी तिब्बत में कई साल काम करने के बाद भीतरी इलाके वापस लौटते हैं।
जून 2006 में उत्तर पूर्वी चीन के ची लिन प्रांत के ल्याओ युआन शहर ने ली चुन के नेतृत्व में छह युवा कर्मचारियों से गठित एक कार्य दल तिब्बत की सागा कांउटी की मदद के लिए भेजा। दक्षिण पश्चिमी तिब्बत में स्थित सागा कांउटी शिकाज़े प्रिफैक्चर के उत्तर पश्चिमी भाग में बसा हुआ है, जो तिब्बत की सीमांत कांउटियों में से एक है। समुद्र तल से 4600 मीटर से अधिक ऊंचाई पर स्थित सागा कांउटी आने के बाद ली चुन को कम ऑक्सीजन के कारण पठारीय बीमारी से पीड़ित हो गए। उनका वज़न एकदम पांच किलो से कम हुआ। लेकिन उन्होंने मुश्किल प्राकृतिक स्थिति का मुकाबला करते हुए जल्द ही अपना काम शुरू किया। इसकी चर्चा में ली चुन ने कहा:
"यहां आते ही हमने काम करना शुरू किया और सागा कांउटी के कर्मचारियों व नागरिकों के साथ मेलमिलाप से रहने लगे।"
दोस्तो, वर्ष 1995 से चीन के भीतरी इलाके के विभिन्न प्रांतों द्वारा तिब्बत के विभिन्न स्थलों की सहायता संबंधी परियोजना लागू किए जाने के बाद कुल छह खेपों में 4700 से अधिक श्रेष्ठ युवा कर्मचारी तिब्बत गए। उन्होंने अपनी विशेषता दिखाकर तिब्बत के विभिन्न निर्माण कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ली चुन उनमें से एक हैं।
सागा कांउटी के उप प्रधान के रूप में ली चुन ने यहां आकर संबंधित स्थानीय कर्मचारियों के साथ सलाह मशविरे के बाद विकास परियोजना बनाई। उन्होंने ची लिन प्रांत के ल्याओ युआन शहर द्वारा तिब्बत की सहायता के लिए दी गई राशि का प्रयोग कर इस कांउटी में कार्यरत कर्मचारियों के लिए सेवा केंद्र व सौर ऊर्जा बिजली घर का निर्माण करने के अलावा इलेक्ट्रोनिक उपकरणों को किसानों व चरवाहों के पास पहुंचाने आदि आठ परियोजनाएं बनाईं। इन परियोजनाओं को मंजूरी मिलने पर वहां बड़ी राशि खर्च की जाएगी। ली चुन ने कहा कि वे तिब्बत की सहायता के कार्यकाल में इन परियोजनाओं को अच्छी तरह पूरा करने की कोशिश करेंगे। उनका कहना है:
"मैं सच्चे दिल से परियोजनाओं को पूरा करना चाहता हूँ। मुझे लगता है कि कदम ब कदम काम करना जरूरी है, एक के बाद एक परियोजना के कार्यान्वयन से अच्छा परिणाम मिलेगा।"
वर्ष 1995 से ही भीतरी इलाके के विभिन्न प्रांतों व शहरों के समर्थन और व्यापक कर्मचारियों की कोशिशों से तिब्बत में व्यापक विकास हुआ है। एक-एक खेप वाले तिब्बती सहायता कार्य जोरों पर चलते हैं, जो तिब्बत के आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। तिब्बत सहायता कार्य के एक अहम भाग के रूप में भीतरी इलाके के कर्मचारी की तिब्बत सहायता वाली व्यवस्था कायम हुई है, इसमें भाग लेने वाले व्यक्तियों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। इन कर्मचारियों ने भीतरी इलाके की नई विचारधारा व नए कार्य तरीके अपनाए हैं, उन्होंने तिब्बत के विभिन्न जातीय कर्मचारियों के साथ मिलकर विकास में अपना योगदान दिया है।
ली चुन ने हमारे संवाददाता से कहा कि रोज़मर्रा के कार्यों में वे तिब्बती जातियों के साथ एकजुट होकर अच्छे संबंध कायम करते हैं। उन्होंने कहा:
"यहां काम करना मेरे लिए अभ्यास का अच्छा मौका है। मैं दूसरे तिब्बतियों से सीख सकता हूँ। मुझे लगता है कि तिब्बती कर्मचारियों के पास अपनी श्रेष्ठता होती है और प्रबंधन के अपने-अपने विशेष तरीके भी , जो सीखने लायक हैं।"
वर्तमान में ली चुन भीतरी इलाके के कर्मचारी आमतौर पर तिब्बत के विभिन्न क्षेत्रों के पहले मोर्चे पर कार्यरत हैं। विशाल पठारीय घास मैदान में खराब मौसम और गंभीर भौगोलिक स्थिति में कोई भी कामयाबी हासिल करना भीतरी इलाके की तुलना में ज्यादा मुश्किल होता है, लेकिन वे यहां अपना निस्वार्थ योगदान देने में लगे हैं। ली चुन के विचार में तिब्बत की मदद के दौरान प्राप्त अनुभव उनके जीवन के लिए अनमोल खजाना है। उन्होंने कहा:
"बाद में अगर तिब्बत में प्राप्त अनुभवों को याद करूंगा, तो मुझे जरूर बड़ा गर्व महसूस होगा। यहां काम करने का अनुभव हमारे सामान्य जीवन में एक रंगबिरंगे इंद्रधनुष जैसा है।"