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तिब्बती भाषा व लिपी का विरासत में ग्रहण व संरक्षण
2012-07-08 19:01:13

चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की शांतिपूर्ण मुक्ति को 60 साल हो चुके हैं। पिछले 60 सालों में चीन की केंद्रीय सरकार ने भारी मानवीय, भौतिक और वित्तीय शक्तियों को जुटाकर तिब्बत की श्रेष्ठ परम्परागत संस्कृतियों के संरक्षण और विकास को बढावा दिया है, जिन में तिब्बती भाषा व लिपी के विरासत में ग्रहण व संरक्षण में सब से उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल हो गयी हैं। तिब्बत विश्वविद्यालय के तिब्बती भाषा व साहित्य और तिब्बती भाषा विज्ञान आदि कोर्स चीनी शिक्षा मंत्रालय द्वारा अनुदित प्रथम खेप के विश्वविद्यालय कोर्सों में शामिल हुए हैं। तिब्बती भाषा व साहित्य कोर्स का अध्यापन दल प्रथम खेप की राष्ट्रीय स्तरीय शिक्षण टीम की गिनती में आ गया है। तिब्बती भाषा और साहित्य प्रथम खेप के राष्ट्रीय दर्जे वाला प्रमुख तिब्बती कोर्स भी बन गया है। कुछ समय से पहले हमारे संवाददाता ने तिब्बती भाषा व लिपि को विरासत में ग्रहण और संरक्षण के बारे में विशेष तौर पर चीनी शिक्षा मंत्रालय के अधिकारी फंग शिंग छी से साक्षात्कार कर लिया।

तिब्बती भाषा तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की प्रचलित आम भाषा और लिपी मानी जाती है और वह तिब्बती जनता का महत्वपूर्ण आदान प्रदान व सूचना वाहक है, उस ने तिब्बती जातीय इतिहास व संभ्यता का वहन कर लिया है, साथ ही वह चीनी राष्ट्रीय बहु सांस्कृतिक निधि का एक महत्वपूर्ण संगठित भाग भी है। वर्तमान आधुनिकीकरण की प्रक्रिया में चीन सरकार ने तिब्बती भाषा व लिपि के संरक्षण में तेजी लायी है। चीनी शिक्षा मंत्रालय के भाषा व साहित्य उपयोग प्रबंधन विभाग के उप डायरेक्टर फंग शिंग छी ने तिब्बत के सहायता निर्माण में भाग लिया, वे तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की तिब्बती भाषा कार्य कमेटी के कार्यालय और तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के अनुवाद ब्यूरो में भी कार्यरत थे। उन्होंने इस का परिचय देते हुए कहा:

"तिब्बती भाषा व लिपि कोई एक हजार वर्ष से अधिक पुरानी है। साथ ही इसी भाषा व लिपि के माध्यम से अत्यंत समृद्ध व शानदार संस्कृति व संभ्यता का सृजन किया गया है, पुराने इतिहास में विविधतापूर्ण सांस्कृतिक निचोड़ संजोये हुए हैं। ऐसा कहा जा सकता है कि वह हमारे समूचे चीनी राष्ट्र के असाधारण संस्कृति के संगठित भागों में से एक भी है। यदि हम ने विरासत में उस का ग्रहण व संरक्षण नहीं किया, तो भविष्य में वह इतिहास से अलग हो जायेगी।"

फंग शिंग छी ने कहा कि पांचवीं राष्ट्रीय जनगणना से पता चला है कि तिब्बत की कुल जनसंख्या करीब 26 लाख पहुंच गयी है। जिन में तिब्बती बंधुओं की संख्या 92 प्रतिशत है, जबकि अन्य अल्पसंख्यक जातिय़ों और हान जाति की कुल संख्या मात्र 7 से 8 प्रतिशत है। इसलिये कहा जा सकता है कि तिब्बती भाषा का प्रयोग करने वाला दायरा विस्तृत ही नहीं, बोलने वाले लोग भी बहुत ज्यादा हैं। वास्तविक महत्व की दृष्टि से इतने ज्यादा लोग तिब्बती भाषा का प्रयोग करते हैं और उसे सीखते हैं, इस से विरासत में इसी भाषा का ग्रहण करने के लिये एक अनुकूल भाषी वातावरण तैयार हो गया है।

तिब्बती भाषा के संरक्षण के लिये सर्वप्रथम तिब्बती भाषा के प्रशिक्षण को लोकप्रिय बनाना निहायत जरुरी है। 1959 से पहले तिब्बत में सिर्फ तीन जागीरदारों और इने-गिने भिक्षुओं व भिक्षुणियों को तिब्बती भाषा सीखने का हक था, जबकि व्यापक मेहनतकश जनता तिब्बती भाषा सीखने के अधिकार व स्वतंत्रता से वंचित थी। उस समय समूचे तिब्बत में ल्हासा शहर में तीन चार प्राइवेट स्कूलों को छोड़कर कोई विधिवत नियमित स्कूल नहीं था, तिब्बत में निरक्षरता दर 95 प्रतिशत तक पहुंच गयी थी। 1959 में तिब्बत में जनवादी सुधार के बाद व्यापक मेहनतकश जनता को सीखने का मौका मिल गया, जिस से तिब्बती जनता को शिक्षा दिलाने का क्षेत्र भी निरंतर विस्तृत होता गया है। वर्तमान तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में सर्वांगीर्ण रुप से 6 वर्ष की अनिवार्य शिक्षा प्रणाली लागू हो गयी है, इतना ही नहीं , पूरे तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में 63 कांऊटियों ने 9 वर्ष की अनिवार्य शिक्षा प्रणाली को कार्यांवित करने में पहल कर लिया है, प्राइमरी स्कूल उम्र वाले बच्चों की भरती दर 98 प्रतिशत से अधिक है, जबकि मिडिल स्कूल भरती दर 90 प्रतिशत से भी ज्यादा है। 18 से 50 उम्र वाले युवा वयस्कों की निरक्षरता दर इतनी बड़ी हद तक घट गयी है कि सौ व्यक्तियों में 95 अनपढों से घटकर पांच रह गये हैं। तिब्बत की वर्तमान शिक्षा स्थिति की चर्चा करते हुए फंग शिंग छी ने कहा:

"अब यह निश्चित है कि तिब्बत में बाल बच्चों को प्राइमरी स्कूल से हाई स्कूल तक तिब्बती भाषा सीखाई जाती है । तिब्बत में 6 उच्च शिक्षण प्रतिष्ठान स्थापित हुए हैं। इन उच्च शिक्षण प्रतिष्ठानों में तिब्बती भाषा की पढाई अनिवार्य है। अतः मेरा विचार है कि शिक्षा के क्षेत्र में तिब्बती भाषा की पढ़ाई, विशेषकर विरासत में तिब्बती भाषा का ग्रहण व्यापक तिब्बतियों की मांग को पूरा करने में समर्थ है।"

समूचे तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में अनिवार्य शिक्षा प्रणाली को लोकप्रिय बनाने से निरक्षरता दर स्पष्टतः घटी ही नहीं, तिब्बती भाषा पर महारत हासिल करने वाले व्यक्तियों के प्रशिक्षण में बड़ी प्रगति भी हो पायी है। वर्तमान तिब्बत विश्वविद्यालय, केंद्रीय जातीय विश्वविद्यालय जैसे उच्च शिक्षण प्रतिष्ठानों और तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के संपादन व अनुवाद ब्यूरो में तिब्बती भाषा के दक्ष अनुवादकों का प्रशिक्षण किया जाता है, तिब्बती भाषा जगत में अब उच्च कोटि वाले विशेष अनुभवी तिब्बती भाषा सुयोग्य व्यक्ति कार्यरत हैं। फंग शिंग छी ने इस का परिचय देते हुए कहा:

"तिब्बत, कानसू और छिंगहाई समेत हमारे बहुत ज्यादा जातीय विश्वविद्यालयों, खासकर केंद्रीय जातीय विश्वविद्यालय में विशेष तौर पर तिब्बती भाषा कोर्स का बंदोवस्त हुआ है, यह केंद्रीय जातीय विश्वविद्यालय बड़ी तादाद में सुयोग्य अनुवादकों को प्रशिक्षित करने में सफल हुआ है। और अन्य कुछ सुयोग्य अनुवादक अपनी मेहनत से प्रकाश में आये हैं।"

तिब्बती भाषा व साहित्य में जुटे ज्यादा कर्मचारियों के प्रयास के जरिये तिब्बती जनता का सांस्कृतिक जीवन समय के साथ साथ विविधतापूर्ण नजर आता है। फंग शिंग छी ने कहा:

"एक हजार एक रात समेत विश्वविख्यात रचनाओं का अनुवाद तिब्बती भाषा में किया जा चुका है । तिब्बती भाषा में अनूदित इन मशहूर रचनाओं ने तिब्बती जाति के आम लोगों को सीखने और अपने चरित्र को सुधारने में बड़ी भूमिका निभायी है। एक वर्ष में जब मैं किसी काम के लिये तिब्बत में था, मेरा बेटा मुझ से मिलने तिब्बत गया। एक दिन उस ने एक पुस्तक दुकान में हैरी पाँटर का तिब्बती संस्करण देखा। सच कहूं, अब तिब्बत में जो तिब्बती संस्करण पढ़ने को मिलते हैं, वे स्थानीय तिब्बतियों के लिये राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक सूचनाओं को प्राप्त करना पर्याप्त हैं।"

तिब्बती भाषा को आधुनिक विकास की जरुरतों को पूरा करने देने के लिये देश के संबंधित विभागों और तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की तिब्बती कार्य कमेटी के पूरे समर्थन तले तिब्बत विश्वविद्यालय , उत्तर पश्चिम जातीय काँलेज और छिंगहाई नार्मल विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों और विद्वानों ने 1993 से ही तिब्बती भाषा से अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय मानक कोडों के अध्ययन में भाग लिया, तिब्बती भाषा और सूचना प्रौद्योगिकी मानक विशेषज्ञों ने समान प्रयास के जरिये आखिरकार तिब्बती भाषी राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मानक कोड तैयार कर लिये हैं। फंग शिंग छी ने इस का उल्लेख करते हुए कहा:

"कहा जा सकता है कि सूचनाकरण के क्षेत्र में तिब्बती भाषा विविध जातीय भाषाओं व लिपियों में अग्रसर है। इस का श्रेय केंद्रीय सरकार के ख्याल , वैज्ञानिक अनुसंधान प्रतिष्ठानों समेत संबंधित भीतरी प्रांतों व शहरों के समर्थन को जाता है। लगभग 2000 वर्ष से विभिन्न संबंधित विभागों, विशेषकर सूचना उद्योग मंत्रालय ने इस काम को जबरदस्त समर्थन दिया है। उन्होंने चीनी भाषा और तिब्बती भाषा का साथ साथ प्रयोग करने लायक वर्ण सेट और आँपरेटिंग सिस्टम का अध्ययन कर दिया है, यह सूचनाकरण के क्षेत्र में सचमुच एक कमाल की बात है। मुझे याद है कि 2007 व 2008 में इसी संदर्भ में उन्होंने जो दसेक प्रौद्योगिकी उपलब्धियां हासिल की हैं, उन में से कुछ देश के भीतर, यहां तक कि अंतर्राष्ट्रीय जगत में अव्वल दर्जे वाले भी हैं।"

इधर सालों में तिब्बत ने देश के कुछ संबंधित विभागों के समर्थन में कुछ तिब्बती सोफ्टवेयरों का सृजन कर दिया। इन सोफ्टवेयरों ने देश के संबंधित विभागों की पुष्टि पाकर अंतर्राष्ट्रीय जगत में अपना स्थान बना लिया है, अब वे प्रयोग में लाये जा रहे हैं । तिब्बती विनडोस आँपरेटिंग सिस्टम का अध्ययन काम भी सुचारु रुप से पूरा हो गया है। तिब्बती इनपुट पद्धति के जन्म के साथ साथ नाना प्रकार वाली तिब्बती वेबसाइट भी एक के बाद एक सामने आयी हैं। अब तिब्बती लोग तिब्बती भाषा से कंप्युटर का मुक्त रुप से प्रयोग करते हैं, नेटवर्क सूचना प्राप्त कर लेते हैं और मोबाइल फोन से तिब्बती संदेश भेजने और प्राप्त करने में समर्थ भी हैं, इतना ही नहीं, तिब्बती लोग मोबाइल फोन से विभिन्न प्रकार वाली तिब्बती वेबसाइटों पर शीघ्र ही सूचनाएं जुटा लेते हैं।

बताया जाता है कि वर्ष 2010 में तिब्बत विश्वविद्यालय के टीचर लोचांग द्वारा आविष्कृत प्रथम तिब्बती, चीनी व अंग्रेजी इलेक्ट्रोनिक शब्दकोश प्रकाशित हुआ है , इस शब्दकोश में तिब्बती , चीनी और अंग्रेजी इन तीनों भाषाओं के बीच एक दूसरे का अनुवाद किया जा सकता है, साथ ही पूरे शब्दकोश में 25 शिक्षण ई पुस्तकों का संग्रह किया गया है। जिन में तिब्बती चिकित्सा, तिब्बती औषघियों, तिब्बती लामा बौद्ध धर्म और तिब्बती रहन सहन आदि विषयों समेत 12 तिब्बती शिक्षण ई पुस्तकें भी शामिल हैं।

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