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जातीय आर्थिक विकास व सांस्कृतिक संरक्षण पर ध्यान
2012-07-08 18:55:26

कुछ दिन पहले चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा का वार्षिक पूर्णाधिवेशन पेइचिंग में आयोजित हुआ। देश के विभिन्न स्थलों से आए करीब 3 हज़ार प्रतिनिधियों ने एकत्र होकर राष्ट्र के विकास व समाज के विभिन्न जगतों में अपने ध्यानाकर्षक क्षेत्रों के विकास सवाल को लेकर सुझाव पेश किए। हमारे संवाददता की नज़र तिब्बत स्वायत्त प्रदेश से आए 20 प्रतिनिधियों में दो महिला अल्पसंख्यक जातीय प्रतिनिधियों पर चली। वे हैं मनपा और लोपा जाति की एकमात्र राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि पाइतान त्सोमो और श्याओ होंग हैं। चीन में मनपा और लोपा जातियों की जन संख्या बहुत कम है, लेकिन वे दोनों अपनी अपनी जाति के नागरिकों का प्रतिनिधित्व करते हुए देश के महत्वपूर्ण राजनीतिक जीवन में भाग लेकर अपने अधिकार का प्रयोग करती हैं और देश के विकास सवाल के लिए अपना सुझाव भी पेश करती हैं।

39 वर्षीय पाइतान त्सोमो मनपा जाति की एकमात्र राष्ट्रीय प्रतिनिधि हैं, वे तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की त्सोना कांउटी के माग्मांग टाऊनशिप की प्रमुख हैं। एक बुनियादी स्तरीय जन प्रतिनिधि के रूप में वे अकसर स्थानीय किसानों व चरवाहों के घर घर जाकर जांच अध्ययन करती हैं, ताकि उनकी ज्यादा मांग मालूम हो सके। स्थानीय किसानों व चरवाहों की आय को बढ़ाने के लिए पाइतान त्सोमो ने राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के मौजूदा वार्षिक पूर्णाधिवेशन में यह सुझाव पेश किया कि देश मनपा जातीय हस्त शिल्प के विकास पर ज्यादा समर्थन दे। इसकी चर्चा में उन्होंने कहा:

"हमारी जाति में हस्त शिल्प व्यवसाय में कार्यरत व्यक्तियों की संख्या कम है। तकनीक भी सरल है और अभी पैमाना नहीं कायम हुआ। इसलिए हम चाहते हैं कि देश इसी क्षेत्र में ज्यादा पूंजी लगाए।"

तिब्बत के दक्षिण पूर्व भाग की मोथो और त्सोना कांउटियों में रहने वाली मनपा जाति की जन संख्या 8 हज़ार से अधिक है। वे कृषि व पशुपालन के अलावा बांस से बनाए पदार्थों व लकड़ी से बनाए कटोरे आदि का व्यापार भी करते हैं। लेकिन प्रतिकूल यातायात और प्राकृतिक स्थिति होने के कारण वर्तमान में इस प्रकार के व्यवसाय का पैमाना बड़ा नहीं है। पाइतान त्सोमो ने आशा जताई कि संबंधित विभाग मनपा जाति के इस प्रकार की परम्परागत हस्तशिल्प के विकास का समर्थन करेगा, ताकि स्थानीय मनपा लोगों को लाभ मिल सके।

इस के अलावा पाइतान त्सोमो ने बुनियादी संस्थापनों का निर्माण सुधारने और पारिस्थितिकी संरक्षण मज़बूत करने से पर्यटन विकास को बढ़ाने के दो सुझाव भी पेश किए। इस वर्ष तक चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा में दस साल तक प्रतिनिधि रह चुकी पाइतान त्सोमो ने हमारे संवाददाता को बताया कि उन्होंने जो सुझाव पेश किए हैं, वह सभी जन जीवन से संबंधित हैं, मसलन् नहर से सिंचाई, गांव में सड़क निर्माण, ग्रामीण पन बिजली घर का निर्माण इत्यादि, जिन में 90 प्रतिशत को सरकार व संबंधित विभागों के जवाब मिले हैं और उन का कार्यान्वयन किया गया है । इससे माग्मांग टाऊनशिप के किसानों व चरवाहों का जीवन काफी सुधर गया है। इसके प्रति पाइतान त्सोमो को बहुत संतुष्ट हुआ। उनका कहना है:

"आजकल हमारे यहां का परिवर्तन बहुत बड़ा है। दस साल पूर्व किसानों व चरवाहों का मकान अच्छा नहीं था, लकड़ी से बनाई गई छत से वर्षा के वक्त पानी बाहर से कमरे के अंदर आ सकता था। लेकन आज छत फौलादी चादर से बनाई जाती है। वर्ष 2005 में तिब्बत में आवास परियोजना लागू की जाने के बाद से लेकर अब तक हमारे टाऊनशिप में सभी परिवार नए मकान में रहने लगे। पानी, बिजली, सड़क , दूर संचार व इन्टरनेट सब उपलब्ध हो गए हैं।"

पाइतान त्सोमो के बराबर श्याओ होंग तिब्बती प्रतिनिधि मंडल में एक अति अल्पसंख्या वाली जाति की सदस्या हैं। लोपा जाति की जन संख्या मात्र 3100 है। तिब्बती भाषा में लोपा का मतलब दक्षिणी लोग है। लोपा जाति के लोग मुख्य तौर पर तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के दक्षिण पूर्व भाग में स्थित लिनची प्रिफैक्चर की मिलिन व मोथो कांउटियों में बसे हुए हैं। पाइतान त्सोमो से भिन्न है कि श्याओ होंग इस वर्ष अपनी जातीय संस्कृति के संरक्षण व विकास पर ज्यादा ध्यान देती हैं। उन्होंने कहा:

"हमारी लोपा जाति के पास भाषा की लिपि नहीं होती है। कई प्रकार की श्रेष्ठ संस्कृति वृद्धों की श्रुति से पीढ़ी दर पीढ़ी प्रचलित होती आयी है। विशेष कर हमारी भाषा, जाति की उत्पत्ति और उस के इतिहास के बारे में कोई संबंधित विडियो रिकॉर्ड नहीं किए गए । मैं समझती हूं कि जातीय वस्त्र एक जाति की संस्कृति का अहम भाग है। जब हम ने अपना पहला जातीय पर्यटन सांस्कृतिक उत्सव आयोजित किया था और अपने लोगों को जातीय वस्त्र पहनने को कहा। तो पूरे जिले में सिर्फ़ चार सूट मिले।"

इधर के वर्षों में लोपा जाति बहुल मिलिन कांउटी के अधीनस्थ नाई लोपा जातीय जिले को पर्यटन विकास के लिए मुख्य जिला बनाया गया। स्थानीय पानी, बिजली और यातायात आदि बुनियादी संस्थापनों की पूर्ण सुविधा प्राप्त हो गयी। बहुत ज्यादा किसान व चरवाहे पर्यटन विकास करने लगें और प्रति व्यक्ति की सालाना आय 7441 य्वान तक पहुंच गयी है और जीवन स्तर बड़ा उन्नत हुआ। लेकिन इस जिले में सिर्फ चार सूट जातीय वस्त्र मिलने की घटना से श्याओ होंग को बहुत दुख हुई। इस वर्ष में चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के वार्षिक पूर्णाधिवेशन में उन्होंने लोपा जाति की परंपरागत संस्कृति को संरक्षित करने के लिए विशेष कोष स्थापित करने का सुझाव पेश किया।

इस वर्ष चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के वार्षिक पूर्णाधिवेश में प्रधानमंत्री वन च्यापाओ द्वारा दी गई सरकारी कार्य रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया कि केंद्र सरकार अल्पसंख्यक जातियों व जातीय क्षेत्रों के विकास को समर्थन देने वाली नीतियों व कदमों का अच्छी तरह कार्यान्वयन करने की भरसक कोशिश करेगी, अति कम संख्या वाली जातियों के विकास को महत्व देगा और अल्पसंख्यक जातीय क्षेत्र से संबंधित विभिन्न कार्यों के विकास को बढ़ाएगी। इस कार्य रिपोर्ट सुनकर लोपा जाति की जन प्रतिनिधि श्याओ होंग को भविष्य के प्रति बहुत आशाप्रद हुआ है। उनका कहना है:

"प्रधानमंत्री वन च्यपाओ ने अपनी कार्य रिपोर्ट में विशेष तौर पर अति अल्पसंख्यक जाति के विकास और सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण के क्षेत्र में ज्यादा पूंजी लगाने की चर्चा की। इसे सुनकर मुझे बेहद खुशी हुई। क्योंकि संस्कृति मानव जाति का आध्यात्मिक घर है। श्रेष्ठ संस्कृति व परम्परा एक जाति का खून है, जो लगातार बहता रहेगा । मुझे विश्वास है कि भविष्य में हमारा जीवन जरूर ज्यादा सुखमय होगा।"

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