यह चाइना रेडियो इंटरनेशनल है, श्रोता दोस्तो, हाल ही में तिब्बती क्षेत्र में भिक्षुओं व भिक्षुणियों की आत्मदाह दुर्घटनाओं की चर्चा में चीनी तिब्बती विद्या अनुसंधान केंद्र के अनुसंधानकर्ता तानचंगलुनड्रुप और ल्येन श्यांग मिन ने पत्रकारों से कहा कि आत्मदाह हरकत तिब्बती लामा बौद्ध धार्मिक सिद्धांतों के खिलाफ है, शीघ्र ही बंद करना ही होगा। उन्होंने विभिन्न संबंधित जगतों के व्यक्तियों से अपील की है कि वे इसी प्रकार वाली घटनाओं की पुनरावृति की रोकथाम करने के लिये आगे खड़े हो जाये, न कि इस हरकत को उत्तेजित करें या उसे राजनीतिकरण का रुप दे।
ल्हासा के तिब्बती विद्या विद्वान तानचंगलुंगड्रुप ने इस आत्मदाह कार्यवाही के प्रति दुख और हमदर्दी प्रकट की। उन्होंने जोर देकर कहा कि आत्मदाह हरकत तिब्बती लामा बौद्ध धर्म के बुनियादी सिद्धांतों के उल्लंघन है, उसे तुरंत ही बंद करना चाहिये। तिब्बती विद्या विद्वान तानचंगलुंगड्रुप का कहना है:
"हमारी तिब्बती जाति तिब्बती लामा बौद्ध धर्म पर विश्वास करती है, तमाम भावनापूर्ण प्राणियों का बड़ा सम्मान करती है। इतिहास में इसी प्रकार वाली आत्मदाह कार्यवाही देखने को कभी भी नहीं मिली। आत्मदाह करने वाले जवान लोग बेगुनाह है, आशा है कि आत्मदाह दुर्घटना शीघ्र ही समाप्त होगी ।"
डाक्टर तांनचंगलुंगड्रुप पिछले अनेक सालों में तिब्बत के सामाजिक विकास पर अनुसंधान करने में कार्यरत हैं । उन का मानना है कि इसी प्रकार वाली आत्मदाह कार्यवाही को रोकने के लिये यह जरुरी है कि और ज्यादा भिक्षुओं व भिक्षुणियों को उकसावे में आने से रोकने के लिये कदम उठाया जाये और इसी प्रकार वाली आत्मदाह दुर्घना घटित होने से बचा जाये, संबंधित व्यक्तियों को नकारात्मक भूमिका के बजाये सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिये। उन्होंने कहा:
"इसी मामले का ख्याल रखने वाला कोई भी व्यक्ति इसी संदर्भ में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाना चाहता है , न कि उस का विस्तार कर विविधतापूर्ण विषयों या राजनीतिक विषय का रुप दिया जाये , इस से इसी प्रकार वाली घटना शीघ्र ही समाप्त होगी और तिब्बती लामा बौद्ध धर्म और आत्मदाह से जुड़ने वाले स्थलों में यथाशीघ्र ही सामान्य विकास व्यवस्था बहाल होगी।"
तिब्बती विद्या अनुसंधान विशेषज्ञ त्येन श्यांग मिन का विचार है कि तिब्बती क्षेत्र में भिक्षुओं व भिक्षुणियों की आत्मदाह दुर्घनाएं इसीलिये घटित हुई हैं, क्योंकि इस के पीछे कुछ व्यक्तियों का हाथ है। उन्होंने कहा:
"हमारा ध्यान इस बात पर गया हुआ है कि सछ्वान प्रात के तिब्बती क्षेत्र में आत्मदाह दुर्घटना घटित होने के तुरंत बाद कुछ बाहरी वेबसाइटों , विशेषकर दलाई गुट की कुछ वेबसाइटों , दलाई के तथाकथित प्रवक्ता और विदेशों में स्थित उन के कुछ प्रतिनिधियों ने इसी दुर्घटना का खूब प्रचार प्रसार करने की जी तोड़कर कोशिश की, यहांतक कि एक के बाद एक आत्मदाह दुर्घना घटित हो गयी। मेरा ख्याल है कि केवल इसी दृष्टि से देखा जाये, क्या उन्हें इसी आत्मदाह दुर्घटना की जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिये।"
तिब्बत में मठों की नेताओं की तस्वीरों, राष्ट्रीय ध्वजों, मार्गों, जल, बिजली , रेडियो व टीवी समेत निर्माणधीन परियोजनाओं की चर्चा करते हुए तानचंगलुंगड्रुप ने कहा कि ये परियोजनाएँ मठों के बुनियादी संस्थापनों को सुधारने और तिब्बत के आर्थिक व सामाजिक विकास बढाने के लिये मददगार सिद्ध होंगी।
ल्येन श्यांग मिन ने कहा कि साधारण बौद्ध मंठो व दूसरे धार्मिक अखाड़ों की तुलना में तिब्बती लामा बौद्ध मठ एक सामाजिक कम्युनिटी मालूम पड़ती हैं, यहां पर मठ आम तौर पर स्थानीय गांवों से जुड़ी हुई हैं, भिक्षु व भिक्षुणियां ही नहीं, आम लोग भी मेलमिलाप के साथ रहते आये हैं। तिब्बती लामा बौद्ध धार्मिक मठों में नेताओं की तस्वीरें लटकाना एक आम बात है। ल्येन श्यांगमिन का कहना है:
"मठ में प्रबंधन का काम कौन करेगा , आम तौर पर मठ की प्रबंधन कमेटी इसी मठ के मामलात का प्रबंध करती है , इस कमेटी के सदस्य भिक्षु ही नहीं , साधारण लोग और कुछ बुनियादी स्तरीय सरकारी कार्यकर्ता भी हैं । नेताओं की तस्वीरें यदि शाक्यमुनि या दूसरी बुद्ध मूर्तियों के भवनों में लगायी जायेंगी , तो स्पष्टतः अनुचित है , यदि ये तस्वीरें मठ प्रबंधन कमेटी की दफ्तर में लगायी जाये, तो यह बिलकुल समझ में आता है।"