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भीतरी चीन में तिब्बतियों का आवागमन
2012-04-16 16:29:50

अंतरराष्ट्रीय समुदाय में ऐसी बात प्रचलित है कि चीन सरकार हान जाति के लोगों को एकतरफा तौर पर तिब्बत में स्थानांतरित होने की प्रेरणा देती है और तिब्बत के संसाधन व रोजगार के मौके छीन लेती हैं ,जो तिब्बती संस्कृति के प्रति गंभीर खतरा बन गया है ।इस कारण चीन सरकार से हान जाति के लोगों का तिब्बत में प्रवेश करने को नियंत्रित करने की अपील की जाती है ।

यह बात इस की अनदेखी करती है कि चीन में सुधार व खुलेपन के बाद देश के भीतर चीनी नागरिकों के मूवमेंट की स्वतंत्रता को कानूनी गारंटी मिली है ।चीन के कई भीतरी शहरों में अधिकाधिक अल्पसंख्यक जातियों के लोग नजर आ रहे हैं,जिन में तिब्बती लोग शामिल हैं ।

चीनी तिब्बत शास्त्र अनुसंधान केंद्र ने जून 2011 में भीतरी इलाके में तिब्बती लोगों के आवागमन का अध्ययन किया था।प्रारंभिक आंकडों के अनुसार अब पेइचिंग ,शांग हाइ व क्वांग चाओ जैसे बडे शहरों में विभिन्न तबकों के तिब्बती बसे हैं ।दक्षिण पश्चिमी चीन का छंग तु शहर उदाहरण के लिए अब छंग तु शहर में रजिस्टर हुए तीस हजार तिब्बती हैं और रजिस्ट्रेशन के बिना स्थाई रूप से वहां बसे तिब्बतियों की संख्या 1 लाख 50 हजार और 2 लाख के बीच है ।प्रतिवर्ष तिब्बत व अन्य प्रांतों के तिब्बती इलाकों के 10 लाख से ज्यादा लोग छंग तु शहर में आते जाते हैं ।

बहुजातीय देशों के आपस में विभिन्न जातियों की मैत्रीपूर्ण आवाजाही व शांतिपूर्ण सहअस्तित्व का आधार समानता ,न्याय व स्वतंत्रता की गारंटी है ।छंग तु शहर में तिब्बती समेत अल्पसंख्यकों की अस्थाई आबादी बढने से जाहिर है कि तिब्बती व अन्य अल्पसंख्यक छंग तु में सामाजिक व्यवस्था की अपेक्षित समानता व समावेशी को मान्यता देते हैं ।चीनी विशेषता वाली बाजार अर्थव्यवस्था में विभिन्न जातियों के आपस में पारस्परिक आवाजाही ,समावेशी व तालमेल एक मतैक्य तथा रूझान बन चुका है ।ऐसे जातीय संबंध चीन के जातीय संबंधों की मुख्य धारा हो गये हैं ।

चंग तु शहर में अस्थाई रूप से बसे तिब्बतियों के अध्ययन से यह निषकर्ष निकाला जा सकता है कि वर्ष 1949 से जातीय समानता ,एकता व समान प्रगति में लगी चीन सरकार की नीति सफल रही है ।खासकर सुधार व खुलेपन के बाद विभिन्न जातियों के नागरिकों की वैधिक मुक्त मूवमेंट को कानूनी गारंटी मिली है ।

चीन में हान जाति व तिब्बती जाति के बीच स्वतंत्र द्विपक्षीय व बहुपक्षीय मूवमेंट का नजारा आया है ।हान जाति समेत विभिन्न जातियों के लोग तिब्बत जाकर बिजनेस,काम ,तीर्थ यात्रा करने व घूमने जाते हैं ।उधर बडी संख्या वाले तिब्बती लोग भीतरी चीन के बडे शहर भी आते हैं ।इस से तिब्बती धर्म ,संस्कृति ,खानपान व रीति रिवाज का प्रभाव भीतरी चीन में भी आया है ,जिस ने भीतरी शहरों की बहुसंस्कृति और स्थानीय आर्थिक विकास को योगदान दिया है।

भूगोल व मौसम के कारण भीतरी चीन से तिब्बत स्वायत प्रदेश जाने वाले बहुत कम लोग वहां स्थाई रूप से ठहरना चाहते हैं ।उधर भीतरी चीन के शहर जाने वाले अधिकांश तिब्बतियों को वहां स्थाई रूप से बसने की चाहत है ।उन में से कई लोगों ने मकान भी खरीदा है ।भीतरी चीन में तिब्बती लोगों की बस्तियों की संख्या बढ रही है ।

खुलेपन और समावेशी मानव की प्रगति व सामंजस्य का अहम प्रतीक है ।60 साल की कोशिशों से तिब्बती क्षेत्रों के खुलेपन और हान व तिब्बती जाति के बीच पारस्परिक मान्यता व समावेशी में अभूतपूर्ण सुधार आया है । ।कहा जा सकता है कि वर्तमान हान जाति व तिब्बती जाति का संबंध इतिहास के सब से अच्छे काल से गुजर रहा है ।

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