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सुरक्षित मकान में रहने लगे तिब्बती चरवाहे
2012-04-16 16:27:58

"पहले हम शिविर में रहते थे। अगर हवा बहती थी, तो हर जगह पर रेत उड़कर आती थी। जीवन मुश्किलों भरा था। लेकिन आज हमारा जीवन बेहतर हो गया है। मेरा यह मकान वर्ष 2007 में तैयार हुआ था, जो सरकारी आवास परियोजना का एक भाग है। मकान का क्षेत्रफल 256 वर्ग मीटर है। सरकार ने भत्ते के रूप में हमें बीस हज़ार युआन और ऋण के रूप में तीस हज़ार युआन दिए।"

दोस्तो, यह आवाज़ तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की तांश्योंग कांउटी के वूमा जिला स्थित नालोंग गांव वासी गेको की है। हमारे संवाददाता के साथ हुए एक साक्षात्कार में उसने बड़ी खुशी के साथ अपने नए मकान के बारे में बताया। गेको का नया मकान तिब्बती शैली का है, आंगन की दीवार का रंग सफेद है और दीवार बहुत ऊंची है। कमरे साफ़ सुथरे हैं और सुविधापूर्ण। उसने कहा कि पहले गांववासी घास के मैदान में घुमंतू जीवन बिताते थे, वे शिविर में रहते थे और तेल वाले दीपक का प्रयोग करते थे, जीवन बहुत गरीब था। इधर उधर घूमंतू जीवन बिताने के कारण चरवाहे सार्वजनिक उपकरणों का इस्तेमाल नहीं कर पाते थे, बच्चे स्कूल नहीं जा सकते थे और बूढ़े लोग चिकित्सा सेवा का उपभोग नहीं कर सकते। इस तरह वे लोग आधुनिक समाज की सुविधा का लाभ नहीं उठा सकते थे।

ऐसी स्थिति बदलने के लिए चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के तिब्बती प्रतिनिधियों ने वर्ष 2003 में किसानों व चरवाहों को भत्ता देकर सुरक्षित मकान निर्माण का प्रस्ताव पेश किया, जिस पर केंद्र सरकार व तिब्बत सरकार ने महत्व दिया। वर्ष 2006 में केंद्र सरकार ने तिब्बती किसान व चरवाहे की जीवन गुणवत्ता उन्नत करने के लिए 17 अरब युआन की राशि देकर तिब्बत में सबसे बड़े दायरे वाली जन जीवन परियोजना लागू की। तिब्बत प्रदेश के लोका प्रिफैक्चर की त्सोना कांउटी के मामा जिले की प्रधान, चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की मनपा जातीय प्रतिनिधि पाइतान त्सोमू ने जानकारी देते हुए कहा:

"तिब्बत में आवास परियोजना लागू होने के बाद हमारे यहां लेग्पो क्षेत्र में 253 परिवार के 685 लोग नए मकान में रहने लगे। मार्ग की स्थिति सुधर गई और हर परिवार पेयजल पाइप से स्वच्छ पानी पीने लगे। आज हमारा जीवन बहुत सुविधापूर्ण हो गया है।"

बताया जाता है कि आवास परियोजना से तिब्बत के तीन लाख परिवारों के 14 लाख से अधिक किसानों व चरवाहों को लाभ मिला। मात्र वर्ष 2011 में 60 हज़ार परिवार के 3 लाख 40 हज़ार किसानों व चरवाहों ने नए मकान में प्रवेश किए। इसके साथ ही आवास परियोजना के कार्यान्वयन से तिब्बत में नए गाव एवं पशुपालन क्षेत्र के निर्माण में तेज़ी आई, जिससे स्थानीय आर्थिक विकास के तरीके में भी परिवर्तन आया है। इसकी चर्चा में पाइतान त्सोमू ने कहा कि तिब्बत के लोका प्रिफैक्चर में परम्परागत कृषि व पशुपालन उत्पादन के अलावा, अधिक किसान व चरवाहे व्यापार व पर्यटन व्यवसाय में हिस्सा ले रहे हैं। इस वर्ष के मार्च माह में चीन की राजधानी पेइचिंग में आयोजित चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के वार्षिक पूर्णाधिवेशन में उन्होंने विशेष तौर पर त्सोना कांउटी से लेग्पो क्षेत्र तक राजमार्ग के निर्माण वाला प्रस्ताव पेश किया, आशा है कि सरकार त्सोना कांउटी शहर से लेग्पो क्षेत्र तक 68 किलोमीटर लम्बाई वाले राजमार्ग का निर्माण कर सकेगी, ताकि स्थानीय पर्यटन उद्योग के विकास को आगे बढ़ाकर किसानों व चरवाहों की आय बढ़ सके।

आवास परियोजना के साथ-साथ तिब्बत में पानी, बिजली, मार्ग, दूरसंचार, गैस, रेडियो व टीवी, डाक-तार और पर्यावरण आदि परियोजनाओं का कार्यान्वयन भी किया जा रहा है। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के अध्यक्ष पाइमा त्सेलिन ने जानकारी देते हुए कहा:

"इन कदमों से 20 लाख किसानों व चरवाहों तथा 23 हज़ार ग्रामीण शिक्षकों व विद्यार्थियों के पेयजल स्वच्छता समस्या हल की जाएगी। इसके साथ ही 89 हज़ार लोग बिजली का प्रयोग करने लगे। 86.4 प्रतिशत वाले प्रशासनिक गांवों में सुविधापूर्ण मार्ग निर्मित हुआ है और 65 प्रतिशत कृषि व पशुपालन क्षेत्र में मोबाइल जाल स्थापित हुआ। 35 हज़ार किसान परिवारों में मैथेन गैस का इस्तेमाल होता है और रेडियो व टीवी का उपभोक्ताओं की दर 91.6 प्रतिशत और 92.8 प्रतिशत है। इनके अलावा तिब्बत में एक हज़ार प्रशासनिक गांवों में पर्यावरण संरक्षण निपटारा किया गया है।"

तिब्बत में लागू की जाने वाली सबसे बड़े पैमाने वाली परियोना के रूप में आवास परियोजना के कार्यान्वयन से स्वायत्त प्रदेश में गरीबी व पिछड़ी स्थिति बदल गई। विशेषकर जीवन से संबंधित उपकरणों के निर्माण से स्थानीय किसानों व चरवाहों की जीवन स्थिति काफी हद तक बदल गई। तिब्बतियों का सांस्कृतिक जीवन सुधर गया और बाहर दुनिया के साथ संपर्क ज्यादा तौर पर विस्तार हुआ। इसकी चर्चा में चीनी तिब्बती विद अनुसंधान केंद्र के सामाजिक आर्थिक विभाग के प्रधान चो वेइ ने कहा:

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"मुझे लगता है कि तिब्बत में आवास परियोजना, सामंजस्यपूर्ण समाज व नए गांव के निर्माण के जरिए आम तिब्बती नागरिकों को वास्तविक लाभ मिल सकता है।"

सूत्रों के अनुसार वर्ष 2012 में तिब्बत की स्थानीय सरकार किसानों व चरवाहों के आवास परियोजना का कार्यान्वयन जारी करने के लिए 17 अरब युआन खर्च किए। भविष्य के तीन सालों में 1 लाख 85 हज़ार 5 सौ परिवार इस परियोजना में शामिल कर सुरक्षित मकान में रह सकेंगे। तिब्बत प्रदेश की विकास व रूपांतरण समिति के उप प्रधान मा छिंगलिन ने कहा:

"इस वर्ष विशेष तौर पर 64 परियोजनाओं का इन्तज़ाम किया जाएगा, जिनमें ग्रामीण क्षेत्र में पानी, बिजली, मार्ग, गैस और निवास स्थान आदि जन जीवन संबंधी परियोजनाएं शामिल हैं। इन परियोजनाओं से तिब्बत के कृषि व पशुपालन क्षेत्रों में बुनियादी संस्थापन की परिस्थिति स्पष्टतः सुधरेगी, किसानों व चरवाहों के उत्पादन व जीवन सुधार कर उनकी आय उन्नत होगी।"

थोड़े कम समय में आवास परियोजना से तिब्बती किसानों व चरवाहों के रिहायशी मकान स्थिति में बड़ा परिवर्तन आया है। वे घूमंतू जीवन से सुरक्षित पेयजल पीने लगे, रंगबिरंगे टीवी प्रोग्राम देखने के साथ-साथ इंटरनेट का प्रयोग भी करते हैं। इन सबसे दूरस्थ स्थलों पर रहने वाले तिब्बती किसानों व चरवाहों की बाहरी दुनिया से दूरी कम हो रही है।

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