Web  hindi.cri.cn
हान व तिब्बती जाति के बीच व्यापक आदान-प्रदान
2012-04-16 16:27:00

हाल ही में आयोजित चीन के भीतरी इलाकों की तिब्बती अस्थायी आबादी के अध्ययन शीर्षक संगोष्ठी में मिली खबर के अनुसार वर्तमान में चीन की हान जाति व तिब्बती जाति के बीच संबंधों में नया बदलाव आया है। बाज़ारोन्मुखी व शहरीकरण की प्रक्रिया में हान जाति व तिब्बती जाति के बीच गैरसरकारी आदान-प्रदान का पैमाना अभूतपूर्व रहा है।

संगोष्ठी में चीन के तिब्बती शास्त्र जगत से आए विशेषज्ञों व तिब्बती जाति के उद्योगपतियों ने छंगतू शहर की तिब्बती अस्थायी आबादी की स्थिति के सवाल से शुरू होकर भीतरी इलाकों में तिब्बती अस्थायी आबादी से हान जाति व तिब्बती जाति के बीच संबंध पर प्रभाव जैसे सवालों पर विचार-विमर्श किया।

हाल ही में छंगतू के घरेलू रजिस्टर होने वाले तिब्बती लोगों की संख्या 30 हजार से भी अधिक है और वहां तिब्बती अस्थायी आबादी 10 लाख है। संगोष्ठी में भाग लेने वाले विशेषज्ञों का विचार है कि पश्चिमी चीन की जातियों के लोगों का पूर्वी चीन में काम करना व रहना एक प्रवृत्ति बन गया है। तिब्बती लोग भीतरी चीन पहुंचकर स्थानीय राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक जीवन में शामिल होते हैं। यह नए युग में चीन के जातीय संबंधों की विरासत व विकास है।

कुछ विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि आजकल हान जाति व तिब्बती जाति के बीच आदान-प्रदान गैर सरकारी की दिशा में आगे बढ गया है। छंगतू के व्यापारिक क्षेत्र में तिब्बती लोगों को व्यस्त होने की स्थिति के प्रति सछ्वान विश्वविद्यालय के पश्चिमी इलाका विकास विद्यालय के सदस्य रान रुंग क्वांग का विचार है कि तिब्बती व्यापारी देश की नीति, सामाजिक वातावरण व सांस्कृतिक वातावरण के बारे में जानकारी से अपने स्वयं के मूल्यों का अहसास करते हैं और उन्हें चीन की सुधार व खुलेपन की नीति लागू होने के बाद प्राप्त उपलब्धियों से लाभ मिला है। रान रुंग क्वांग ने जोर देते हुए कहा कि तिब्बती लोगों को अपनी सफलता से हान जाति के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का विश्वास बढ़ा है। ये अनवरत जातीय संबंध हैं।

हान जाति व तिब्बती जाति के लोगों के बीच समरक्तता व सांस्कृतिक बराबरी है। स्छवान नॉर्मल विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रोफेसर वांग छुए ने कहा कि डी एन ए से हान जाति व तिब्बती जाति के लोगों के बीच समरक्तता संबंध साबित हुए हैं। संस्कृति व विश्वास के पहलू में दोनों जातियों का बौद्ध धर्म में विश्वास है। तिब्बती बौद्ध धर्म केवल पूर्व की दिशा से प्रचार-प्रसार कर सकता है।

संदर्भ आलेख
आप की राय लिखें
सूचनापट्ट
• वेबसाइट का नया संस्करण आएगा
• ऑनलाइन खेल :रेलगाड़ी से ल्हासा तक यात्रा
• दस सर्वश्रेष्ठ श्रोता क्लबों का चयन
विस्तृत>>
श्रोता क्लब
• विशेष पुरस्कार विजेता की चीन यात्रा (दूसरा भाग)
विस्तृत>>
मत सर्वेक्षण
निम्न लिखित भारतीय नृत्यों में से आप को कौन कौन सा पसंद है?
कत्थक
मणिपुरी
भरत नाट्यम
ओड़िसी
लोक नृत्य
बॉलिवूड डांस


  
Stop Play
© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040