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मातृभूमि के विशाल परिवार में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश का वैधिक स्थान बदला नहीं जा सकता
2012-04-09 10:22:08

दलाई गुट की प्रशासनिक संस्था के नये प्रमुख को अपना पद संभाले आधा साल हो गया है ।अब तक दलाई लामा और तथाकथित तिब्बती प्रशासनिक केंद्र ने उन के कार्य पर टिप्पणी नहीं की है ।10 मार्च को उस ने प्रशासनिक संस्था के प्रमुख की हैसियत से एक बयान जारी किया ।इस बयान में उस ने कहा कि ऐतिहासिक राजनीतिक हस्तांतरण ,जनता की नियुक्ति और तिब्बत के अंदर तिब्बतियों के समर्थन व एकता से मैं गर्व व विश्वास के साथ कह सकता हूं कि तिब्बती प्रशासनिक केंद्र वैधिक रूप से 60 लाख तिब्बतियों का प्रतिनिधि करता है और उन के कल्याण के लिए काम करता है ।

क्या यह बात सच है ।हम पहले 14वें दलाई लामा के नेतृत्व में विदेश में पचास साल से अधिक लंबे समय तक मौजूद तथाकथित तिब्बती निर्वासित सरकार की वैधता की चर्चा करेंगे ।तिब्बती निर्वासित सरकार तो तिब्बती प्रशासनिक केंद्र का पुराना नाम है ।13वीं शताब्दी के मध्य से तिब्बत चीन के केंद्रीय सरकार के अधीन एक प्रशासनिक इकाई बन गया।केंद्रीय सरकार ने स्थानीय सरकार को तिब्बत में प्रबंध का अधिकार सौंपा। इस के साथ तिब्बती स्थानीय सरकार को केंद्रीय सरकार का प्रशासनिक प्रबंधन स्वीकार करना और स्थानीय सरकार की विभिन्न जिम्मेदारियां लेना है ।केंद्रीय सरकार और तिब्बती स्थानीय सरकार के बीच प्रशासनिक प्रंबध का संबंध मौजूद है ।आज बडी संख्या वाले ऐतिहासिक फाइल ,सरकारी दस्तावेज व अवशेष यह साबित कर सकते हैं ।उदाहरण के लिए छिंग राजवंश के छिएन लोंग बादशाह के 58वें साल में तिब्बती स्थानीय सरकार ने तिब्बत स्थित केंद्रीय सरकार के प्रतिनिधि कार्यालय से बडी संख्या वाले दस्तावेज मिले ,जिन में केंद्रीय सरकार के आदेश ,सूचना व बयान शामिल हैं ।इन दस्तावेजों से पर्याप्त रूप से जाहिर है कि तिब्बत स्थानीय सरकार की राजनीतिक गतिविधियां केंद्रीय सरकार के प्रबंधन में चलती थीं ।

वर्ष 1949 चीन लोक गणराज्य की स्थापना के बाद राष्ट्रीय संविधान और बुनियादी राजनीतिक व्यवस्था के ढांचे के तहत तिब्बत ने जातीय क्षेत्रीय स्वायत्तता लागू की ।तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की जन प्रतिनिधि सभा और स्वायत्त प्रदेश सरकार को संविधान व जातीय स्वायत्त कानून से निर्धारित विभिन्न अधिकार है ,जिस की वैधता को कानूनी सुरक्षा मिली है।संबंधित कानून के अनुसार वर्ष 1961 में तिब्बत के विभिन्न स्थानों में लोकतांत्रिक चुनाव शुरू हुआ ।स्वायत्त प्रदेश के विभिन्न स्तरों के जन प्रतिनिधि चुनाव के द्वारा चुने जाते हैं ।वर्ष 1965 में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की स्थापना से अब तक स्वायत्त प्रदेश के 8 अध्यक्ष तिब्बती हैं

।पचास से अधिक वर्षों में तिब्बती जाति के कार्यकत्ताओं की संख्या में तेज वृद्धि दर्ज हुई है।बडी संख्या वाले भूदास सरकारी अधिकारी बन गये । सुधार व खुलेपन के बाद तिब्बती कार्यकर्ताओं की संख्या व गुणवत्ता में बडा इजाफा हु्आ है।चीन की तिब्बत स्वायत्त प्रदेश सरकार की वैधता पर कोई संदेह नहीं है ।

उधर दलाई गुट ने वर्ष 1959 में सशस्त्र विद्रोह छेड़ा और हारने के बाद तिब्बत से भाग गया ।उन की निर्वासित सरकार को न सिर्फ चीनी केंद्रीय सरकार की मान्यता नहीं मिली ,बल्कि किसी देश की सरकार की मान्यता नहीं मिली ।28 मई 2011 को निर्वासित तिब्बतियों की तथाकथित 14वां तिब्बती जन सम्मेलन ने निर्वासित संविधान का संशोधन प्रस्ताव पारित किया ,जिस में निर्वासित सरकार का नाम तिब्बती प्रशासनिक केंद्र के रूप में बदल दिया गया ।एक गैर सरकारी संगठन के नाम जैसा तिब्बती प्रशासनिक केंद्र की कोई वैधता नहीं है ।उस की 60 लाख तिब्बती जनता का प्रतिनिधित्व करने की संभावना नहीं है ।

अब हम इस संस्था के प्रमुख की पृष्ठभूमि पर चर्चा करेंगे ।इस प्रमुख का निर्वाचित होना अमेरिकियों के समर्थन व मदद से अलग नहीं हो सकता ।दलाई लामा ने पहले उस पर संदेह व्यक्त किया था ।पर बाद में उन को अमेरिका से आये इस युवा का समर्थन करना पडा ।एक तरफ उस का निर्वाचित होना अमेरिकियों की इच्छा है ।दूसरी तरफ उस का निर्वाचित होना निर्वासित तिब्बतियों में संतुलित भूमिका निभा सकता है ।यह प्रमुख अमेरिकी हार्वड युनिवर्सिटी में पढा था और अनेक साल तक तिब्बती युवा कांग्रस के नेता रहे । पर चीन की वस्तुगत स्थिति और तिब्बती क्षेत्र के बारे में उन को बहुत कम जानकारी है ।मीडिया व पर्यवेक्षकों के विचार में निर्वाचित होने के बाद उसे कई कठिन समस्याओं का सामना करना पडा ,जैसे निर्वासित तिब्बतियों के बीच उसे व्यक्तिगत संबंधों का अभाव है और परंपरागत धार्मिक व सांस्कृतिक पृष्ठभूमि की कमी है ।चीनी केंद्रीय सरकार ने उसे बचने का रूख अपनाया ।अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी देखने का रवैया लिया ।इस गतिरोध को तोडने के लिए उस ने 10 मार्च को अपने ब्यान में बढाचढाकर 60 लाख तिब्बतियों में कल्याण लाने का वायदा किया ।

लंबे अरसे से चीनी केंद्रीय सरकार दलाई लामा व उन के पास के लोगों को युगधारा का पहचान करने के लिए समझाती आयी है ।तिब्बती स्वाधीनता असंभव है ।मातृभूमि की मजबूती और तिब्बत का विकास व्यापक प्रवासी तिब्बतियों की निर्भरता है।

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