स्थानीय तिब्बती ओपेरा मंडली के सदस्य ओपेरा की तैयारी में
वर्ष 2011 चीन में तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति की 60वीं वर्षगांठ है। बीते हुए वर्ष में तिब्बत के आर्थिक विकास, जनजीवन के सुधार, सांस्कृतिक प्रगति, सामाजिक सुस्थिरता तथा सुखमय जीवन में जो तरक्की हुई है, वह तिब्बत के इतिहास में सब से अद्भुत और अपूर्व है।
तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के पहले, तिब्बती जतना का जीवन अत्यन्त दुभर था, उनके पास न रहने का आवास था, न खाने का पर्याप्त आहार था, न ही पहनने के लिए ढंग के कपड़े थे। लेकिन मुक्ति के बाद पिछले 60 सालों के बाद तिब्बती किसानों और चरवाहों में प्रति व्यक्ति की औसत आय 4138 य्वान पहुंची और शहरी निवासियों में प्रति व्यक्ति की औसत आय 14980 य्वान है, जो लगातार आठ सालों तक अद्भुत इजाफा हुआ है। सन् 1950 में तिब्बत में शहरी निवासियों में प्रति व्यक्ति का औसत आवासी रकबा 3 वर्गमीटर से कम था. लेकिन 2010 तक इस का रकब औसतः 35 वर्गमीटर पहुंचा, इस के अलावा तिब्बत के हर क्षेत्र में नल का पानी, बिजली, पक्की सड़क, दूरसंचार, रसोई गैस, रेडियो व टीवी, डाकतार और सुन्दर पर्यावरण की बहुमुखी सुविधाएं प्राप्त हुई है।
वर्तमान तिब्बत में 1700 से ज्यादा धार्मिक स्थल हैं, भिक्षुओं व लामाओं की संख्या 46 हजार है, तिब्बत में धार्मिक विश्वास की पूर्ण स्वतंत्रता की रक्षा होती है।
चीन की केन्द्रीय सरकार के एक अरब 45 करोड़ य्वान के अनुदान से तिब्बत के पोताला महल, लोपुलिंका उद्यान और साक्या मठ आदि अनेकों ऐतिहासिक अवशेषों व धरोहरों का जीर्णोद्धार व रख-रखाव किया गया और तिब्बती हस्तकला, लोक ललित कला और तिब्बती ओपेरा जैसे 76 सांस्कृतिक मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर के गैर भौतिक सांस्कृतिक धरोहरों की सूची में शामिल किया गया और उन के 53 उत्तराधिकारियों के नाम राष्ट्रीय गैर भौतिक सांस्कृतिक धरोहरों की नामसूची में शुमार हुए हैं।