पंचरंग के धार्मिक ध्वज को तिब्बती भाषा में लूंदा भी कहलाया जाता है।तिब्बत में लगभग हर जगह जैसे पहाड़ की चोटी,घाटी के द्वार और नदी के तट पर इस तरह का ध्वज फहराते हुए देखा जा सकता है,जो एक विशेष स्थानीय अद्भुत दृश्य देखते ही बनता है।
जैसे ही नाम से मालूम हो सकता है कि पंचरंग का मतलब है पांच रंग।हां,तिब्बत में वह धार्मिक ध्वज नीले,सफेद,लाल,हरे और पीले जैसे पांज रंगों से बनता है।उन में हरेक रंग का अपना-अपना अर्थ होता है।नीला आसमान का प्रतीक माना जाता है,सफेद को बादल,लाल को आग की लपट,हरे को स्वच्छ जल और पीले को जमीन के प्रतीक के रुप में मान्यता दी जाती है।
पंचरंग के धार्मिक ध्वज पर तिब्बती बौद्धसूत्र,गोदम बुद्ध की तस्वीरें या शुभंकर छापे जाते हैं।तिब्बती लोग जब इस ध्वज को हवा में फहराते देखते हैं,तो वे मन में बौद्धसूत्रों का पाठ करते हैं।वे समझते हैं कि ऐसा करना ईश्वर की कामना है और पुण्यकर्म जमा किया जाना है।इस तरह के ध्वज से तिब्बती बौद्ध-भिक्षुओं की सुन्दर अभिलाषा बंधी है।