अरूण आनंद
बीजिंग, 17 सितम्बर। बीजिंग पहली बार आने वाले पर्यटकों के लिए दो महत्वपूर्ण स्थल हैं- बर्ड नेस्ट अर्थात ओलम्पिक स्टेडियम व वाटर क्यूब जिसे नेशनल एक्वेटिक्स सेंटर के नाम से भी जाना जाता है।
बर्ड नेस्ट स्टेडियम की खासियत यह है कि यह दुनिया के सबसे विषालकाय स्टेडियमों में से एक है। बीजिंग में 2008 में हुए ओलम्पिक खेलों का उद्घाटन इसी स्टेडियम मे हुआ था।
स्टेडियम में प्रवेश करते ही एक लम्बा गलियारा है जिसके बाद मशीन चालित सीढ़ियां हैं। यह गलियारा ओलम्पिक खेलों के दौरान एथलीटों के आने-जाने के लिए, स्पर्धाओ से पहले उनके अभ्यास के लिए तथा एथलीटों को मुख्य स्टेडियम में ले जाने के लिए इस्तेमाल किया गया था।
गलियारे के आसपास कुछ महत्वपूर्ण कमरे बने हुए हैं जहां ओलम्पिक खेंलों के दौरान हुई महत्वपूर्ण घटनाओं से जुड़े कई महत्वपूर्ण स्मृति-चिन्ह रखे हुए हैं। कमरों में आधुनिक स्थापत्य कला के साथ ही चीन की पारम्परिक सांस्कृतिक विरासत का सम्मिश्रण है।
स्टेडियम में लगभग एक लाख खेल प्रेमियों के बैठने की जगह है। बड़ी संख्या में पर्यटक इस स्टेडियम को देखने आते हैं।बाहर से देखने पर यह आठ के आकार का लगता है। आधुनिक वास्तु-कला का इसके निर्माण में जबरदस्त इस्तेमाल हुआ है।
स्टेडियम के ठीक सामने सड़क की एक ओर वाटर क्यूब है।वाटर क्यूब वास्तव में उस खेल प्रांगण का नाम है जहां 2008 में हुए बीजिंग ओलम्पिक में तैराकी और गोताखोरी की प्रतिस्पर्धाएं आयोजित की गई थीं। हाल ही में इसके बुनिययादी ढांचे को बदलकर इसे और बेहतर बनाया गया है।
इस खेल परिसर में गोताखारी और तैराकी के लिए अलग अलग पूल बनाए गए हैं। कुर्सियों को इस प्रकार नीले और सफेद रंग से रंगा गसा है,जिससे समुद्री लहरों का आभास होता है।
वाटर क्यूब का एक हिस्सा आम लोगों के लिए तैराकी करने हेतु खोल
दिया गया है। एक दूसरे हिस्से में बच्चों के खेल और मनोरंजन के लिए वाटर वार्क बनाया गया है जहां बच्चों के लिए कई प्रकार के पानी में चलने वाले झूले उपलब्ध हैं।
वाटर क्यूब के अंदर कुछ दुकानें हैं जहां पर्यटक चाहें तो स्मृति-चिन्ह के तौर पर पानी की बोतलें, चाबी के छल्ले, छोटे बैग और अन्य स्मूति-चिन्ह खरीद सकते हैं। इनकी कीमतें बहुत ज्यादा नहीं हैं।
बीजिंग की सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न अंग है यहां के कुछ ऐसे क्षेत्र जिन्हें हूथोंग के नाम से जाना जाता है। हूथोंग वास्तव में बीजिंग शहर के पुराने इलाके हैं। यहां नए निर्माण की इजाजत नहीं हैं। यहां गलियां पतली और तंग हैं लेकिन साफ सुथरी। आरामदेह चीनी रिक्शे पर आप इन गतियों में घूमने का आनंद ले सकते हैं। इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में ऐसे मकान मिल जाएंगे, जो 200 वर्षों से भी अधिक पुराने हैं। हूथोंग के निकट आपको चीनी परम्परागत व्यंजन परोसने वाले कई रेस्तरां मिल जाएंगे। ये रेस्तरां काफी सस्ते हैं। देर शाम को आप चाहें तो बीजिंग में खूबसूरत झील पर नाव पर ठंडी हवा के बीच चीनी चाय की चुस्की लेते हुए चीनी परम्परागत संगीत का आनेद उठा सकते हैं। युवा कलाकार नाव के एक सिरे पर बैठकर चीन के परम्परागत वाद्य यंत्रों को बजाते हैं। लगभग 45 मिनट तक आप लकड़ी की नाव पर सफर करते हैं।चाहें तो अपने लिए पैडल वाली नौका या मोटर-बोट भी ले सकते हैं।
-लेखक भारत की प्रमुख समाचार एजेंसी आईएएनएस की हिंदी सेवा के कार्यकारी सम्पादक हैं और 15 से 26 सितम्बर तक चीन की यात्रा पर हैं।-
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