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मेरी चीन यात्रा
2011-08-19 09:27:04

जब मैंने अपनी चीन यात्रा का श्रीगणेश अपने निवास स्थान ढोली सकरा से14 अगस्त 2011 को किया तो उस समय 8:30 बजे का था। उस समय हिंदी दैनिक जागरण के पत्रकार श्री रहमान जी ने अपने गाड़ी से मुझे मुजफ्फरपुर जकश पर वैसाली सुपर फास्ट ट्रेन में बिठाया और अन्य पत्रकारों ने मेरी चीन यात्रा की हार्दिक शुभकामनाएं दीं एवं सी आर आई को धन्यवाद दिया।मैं जब ट्रेन से यात्रा कर रहा था ,तो मुझे पता ही नहीं था कि अब मैं चीन जा रहा हूं।खैर..............

15 अगस्त को मैं नई दिल्ली प्रातः काल 7 बजे पहुंचा। फिर मैं एक होटल में कुछ समय के लिये ठहरा। करीब 3 बजे शाम को महमद अमीर द्वारा मेरी चीन यात्रा की खुशी में एक श्रोता सभा का आयोजन किया गया,जिस में सी आर आई के साप्ताहिक कार्यक्रमों पर श्रोताओं ने अपने विचार प्रस्तुत किये। साथ ही मुझे चीन यात्रा की सभी श्रोतों ने हार्दिक शुभकामनाएं दीं। मैं रात्री 9 बजे इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा । जब वहां पर इंतजार करते करते तीन घंटे होने को थे , तो प्रवेश द्वार पर सुरक्षा गार्ड एवं दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने मेरी पासपोर्ट की जांच की।उसके बाद मैं एयरचाइना के काउन्टर से पेइचिंग के लिये एमीग्रैशन फर्म भरा। भारतीय समय के अनुसार रात्री 3:15 बजे मेरी एयर बस ने किसी विशाल चिड़िया की तरह आकाश में उड़ान भरी। यह मेरी प्रथम विदेश यात्रा थी। मुझे यह यात्रा बड़ी सुखद हो रही थी। एयर बस के भीतर में ठंडी ठंडी हवा का झोका जिस्म को आनंद दे रहा था। एक घंटे के बाद मेरी आंखों में निंद ने दस्तक दे दिया और मैं सो गया।जब मेरी आंखे खुली तो सुबह हो चुकी थी।एयर बस के खिड़की से रोशनी आ रही थी।मैंने खिड़की से चीन के विशाल भू-भाग को देख लिया। चीन की धरती पर चारों ओर हरे-भरे पेड़-पौधे नजर आए और छोटे छोटे गांवों का दृश्य काफी सुदर था। कुछ समय बाद पेइचिंग शहर आ पहुंचा और हवाई अड्डे के रणवे पर एयर बस उतरी ।सच में यात्रा में काफी आनंद आ रहा था। फिर एयर बस के बाहर आया और मीनी बस द्वारा एमीग्रैशन के गेट के पास गया। फिर मुख्य गेट पर सी आर आई की हिंदी सेवा की संवाददाता चांग श्याओ जी मेरे नाम का प्लेट लिये खड़ी थी।साथ में भारतीय पत्रकार श्री विकास कुमार जी मुझे शीघ्र पहचान लिया ।उन्होंने जब मेरे नाम से पुकारा तो मेरे बदन के रोगंटे एकदम खड़े हो गये ,साथ ही बड़ा सुखद अनुभव प्राप्त हुआ। इस के बाद मैंने चांग श्याओ व विकास जी के साथ शी चिंग शान सड़क पर अवस्थित सी आर आई के विशाल भवन की बारहवीं मंजिल पर हिंदी सेवा के कार्यलय में प्रवेश किया।जहां चंद्रिमा जी ,विभाग अध्यक्ष यांग जी, राकेश जी , च्यौह्वा दीदी , देव जी,अनील जी ,वैतुंग भाई आदी से मुलाकात की ।सभी ने मेरा स्वागत किया।दो घंटे बाद मैं सी आर आई की बांगला सेवा के दोस्तों एवं विभाग अध्यक्ष से मिला।सभी ने मेरा काफी स्वागत किया।शाम 5 जबे सी आर आई की हिंदी सेवा द्वारा विशेष डिनर दिया गया।इस डिनर पार्टी में चीनी व्यंजनों का मैं ने काफी बड़ा मजा लिया। इस व्यंजन में चीनी मछली का काफी अच्छा स्वाद था।और राजमा स्वाद का खूब लूत्फ उठाया। शाम 6:30 बजे हम शीआन की ऐतिहासिक यात्रा पर आधुनिक वाताणाकुल ट्रेन से चल दिए।साथ में सी आर आई की हिंदी सेवा की संवादाता चांग श्याओ और सी आर आई के श्रोता संपर्क विभाक की कर्मचारी ली फन हुं थी। इस ट्रेन के कौच 5 सितारे होटल जैसे सुविधापूर्ण साजसामानों से सुसज्जित होकर बहुत आरामदेह हैं।

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