चीन में विकास व दुनिया में परिवर्तन के कवरेज
यह चाइना रेडियो इन्टरनेशनल है। श्रोता दोस्तो, सीआरआई की 70वीं जयंती पर आयोजित ज्ञान प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आप का हार्दिक स्वागत है। दोस्तो, इस साल के 3 दिसंबर को सीआरआई की 70वीं जयंती होगी। पिछले 70 सालों में सीआरआई न सिर्फ विदेशी दोस्तों को चीन के विकास से अवगत कराता आ रहा है, साथ ही परिवर्तनशील अन्तरराष्ट्रीय स्थितियों का चश्मदीद साक्षी भी बना है और अपने सिलसिलेवार कवरेज से विभिन्न देशों के लोगों के बीच समझ को बढ़ावा दे रहा है। नई शताबदी में सीआरआई ने विदेशी मीडिया संस्थाओं व श्रोताओं के साथ आवाजाही पर और ज़्यादा ध्यान दिया है और विभिन्न अहम द्विपक्षीय व बहुपक्षीय गतिविधियों का आयोजन भी किया है। सीआरआई अब विश्व मैत्री के प्रचार का दूत बन गया है। इस के बारे में चर्चा करने से पहले आज हम आप से निम्न दो सवाल पूछेंगेः
1, सीआरआई की विदेशों में कितने क्षेत्रीय जनरल ब्यूरो स्थापित करने की योजना है?
2, "चीन-रूस मैत्री यात्रा के तहत रूस का दौरा" नामक गतिविधि किस साल में आयोजित हुई?
अब आप आज का आलेख ध्यान से सुनिए, इस में आप को सही उत्तर मिलेंगे।
विश्व भर में सबसे ज़्यादा भाषाओं में प्रसारण करने वाली संस्था होने के नाते सीआरआई दुनिया को चीन से और दुनिया को दुनिया से अवगत कराने का उत्तरदायित्व निभाता है। संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के हॉल में, कोसोवो युद्ध में, व्हाइट हाउस में राजनेताओं की भेंट-वार्ता में, अफ्रीकी देशों के राजाध्यक्षों के पद ग्रहण समारोह में......, जगह जगह सीआरआई संवाददाता कवरेज में व्यस्त रहते हुए देखने को मिलते हैं। वे न सिर्फ चीन से आए हैं, बल्कि विकासशील देशों से भी।
वर्ष 1999 के मार्च में कोसोवो युद्ध छिड़ा। शुरू शुरू में यूगोस्लाविया स्थित सीआरआई की तत्कालीन संवाददाता वांग ची मिन को बहुत डर लगती थी। लेकिन इस पतली दुबली लड़की ने साहस बटोर कर स्थानीय लोगों से इंटरव्यू लेने का पूरा प्रयास किया और सीआरआई के प्रसारण के ज़रिए दुनिया को वहां की सची स्थिति बताई। इस पर सुश्री वांग ची मिन ने कहाः
"शुरू में मैं बहुत डरती थी। जब युद्ध छिड़ा, मुझे पता भी नहीं क्या करना है। युद्ध से मेरा कोई अनुभव नहीं था, इसलिए शुरुआत में मुझे पता नहीं था कि युद्ध किस हद तक विकसित होगा। लेकिन मैंने साहस बटोर कर 8 घंटों तक कार चलाते हुए स्थानीय स्कूल, उपक्रम, हवाई हमले से शरणगाह व आवासीय क्षेत्र समेत बेलग्रेड के अधिकांश क्षेत्रों का दौरा किया। जहां कहीं मैं गई थी, स्थानीय लोगों ने मेरा हार्दिक स्वागत किया और मैंने उनसे बहुत बातें कीं। स्थानीय स्थिति देखने और संबंधित जानकारी लेने के बाद मुझे पता है कि मुझे क्या करना चाहिए।"
कोसोवो युद्ध करीब 80 दिनों तक चला। इसी दौरान वांग ची मिन की जान कई बार खतरे में भी पड़ी। उदाहरण के लिए एक बार बम उससे सिर्फ 50 मीटर की दूरी पर फट गया और एक बार निषिद्ध सैन्य क्षेत्र में इंटरव्यू करते समय उन्हें सैनिकों द्वारा ले लिया गया। किन्तु उस के असाधारण कवरेज काम के परिणास्वरूप उन्हें आदर भी मिला। उनके द्वारा बनाई गई रिपोर्ट श्रृंखला "युद्ध में यूगोस्लाविया" को चीनी राष्ट्रीय न्यूज़ पुरस्कार मिल गया।
गत शताबदी के 80 वाले दशक से लेकर अब तक सीआरआई ने विदेशों और हांगकांग व मकाओ विशेष प्रशासनिक क्षेत्रों में कुल 32 पत्रकार ब्यूरो की स्थापना की है और आने वाले 10 सालों में अफ्रीका, मध्य-पूर्व, यूरोप व उत्तर अमेरिका आदि क्षेत्रों में कुल 8 क्षेत्रीय जनलर ब्यूरो स्थापित करने की योजना भी बनाई है। ये सीआरआई ब्यूरो दुनिया के कोने कोने में उत्पन्न होने वाली स्थितियों पर ध्यान लगाएंगे। जहां स्थिति में हलचल मच रहा है, वहां सीआरआई के संवाददाता कवरेज में व्यस्त रहते हुए नजर आएंगे।
इस शताबदी के पहले 5 वर्षों का अनुभव पाकिस्तान स्थित पूर्व सीआरआई संवाददाता होंग लिन के लिए अविस्मरणीय है। उसी समय उन्होंने क्रमशः अफगानिस्तान युद्ध, इराक युद्ध, ईरान के परमाणु संकट व हिंद महासागर में सुनामी आदि बड़ी बड़ी घटनाओं को कवर करने में भाग लिया। होंग लिन के फोटो एलबम में उनकी बांहों में एक शिशु उठाने वाला फोटो अनमोल है, जिसमें 2003 में हुए इराक युद्ध के दौरान उन की कवरेज करने की कहानी सुनाई जा सकती है। होंग लिन ने कहाः
"जब मैं इराक व जोर्डन के सीमांत क्षेत्र स्थित शरणार्थी शिविर में इंटरव्यू ले रहा था, मुझे वहां सबसे कम उम्र वाली यह शरणार्थी देखने को मिली। वह इराक युद्ध छिड़ने के बाद बागदाद में पैदा हुई एक सोमालियाई है। इस शिशु की मां से साक्षात्कार लेने के लिए मुझे बड़ी मुश्किल मिली, क्योंकि इस्लाम धर्म में आस्था रखने वाली महिला बिना अपने पति या भाई के साथ होने की हालत में किसी अन्य पुरुष के साथ बातचीत नहीं कर सकती है। कई कोशिशों के बाद चीन के प्रति मैत्रीपूर्ण भावना के चलते उसने अंत में मुझे इंटरव्यू लेने का मौका दिया और उनकी शिशु को बांहों में उठाते हुए फोटो खिंचवाया गया। फोटो न्यूज़पेपर व टीवी के जरिए प्रकाशित होने के बाद इस पर लोगों का बड़ा ध्यान गया। इराक युद्ध की पहली वर्षगांठ पर भी एक विदेशी दोस्त ने फोन पर हमसे इस लड़की का हालचाल पूछा।"
हाल के वर्षों में चीन के विकास के चलते अन्तरराष्ट्रीय समुदाय में विकासशील देशों की आवाज और ज़्यादा ध्यानाकर्षक बन गई। जब कभी कोई अहम वैश्विक घटना हुई, तो सीआरआई चीन की आवाज़ सुनाने की कोशिश करता है। इसे लेकर होंग लिन ने बतायाः
"एक ही न्यूज़ पर चीनी व पश्चिमी पत्रकारों के अलग-अलग विचार हैं, इसलिए चीनी पत्रकारों को चीन की आवाज़ बताने की ज़िम्मेदारी है, क्योंकि कुछ स्थितियों में चीनी संवाददाताओं का रूख न सिर्फ चीन के है, बल्कि विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व भी करता है। अगर चीनी मीडिया अन्तरराष्ट्रीय समुदाय में सूचना का एक अहम स्रोत बने, तो न सिर्फ चीनी मीडिया के विकास, यहां तक कि विश्व शांति व स्थिरता के लिए भी लाभदायक सिद्ध होगा।"
चीन में सामाजिक विकास व दुनिया में परिवर्तनशील स्थिति से अवगत कराने के साथ साथ हाल के वर्षों में सीआरआई अन्तरराष्ट्रीय प्रसार के नए नए माध्यमों की भी सोच कल्पना कर रहा है। कई महत्वपूर्ण बहुराष्ट्रीय गतिविधियों के आयोजन से सीआरआई विदेशी दोस्तों को चीन से जुड़ी जानकारी बताने और विश्वव्यापी मैत्री कायम करने के पुल का काम कर रहा है।
वर्ष 2006 में चीनी व रूसी नेताओं ने एक दूसरे के यहां राष्ट्रीय वर्ष कार्यवाही आयोजित करने का फैसला किया। सीआरआई ने इस मौके का फायदा उठाकर "चीन-रूस मैत्री यात्रा के तहत रूस का दौरा" नामक कवरेज गतिविधि का आयोजन किया। रूस के तत्कालीन प्रथम उप प्रधानमंत्री, वर्तमान राष्ट्रपति मेडवेडेव ने बधाई देते हुए कहा कि यह एक प्रभावकारी, महान व अनूठी गतिविधि है। इसके बाद 2007 में रूस की कई मीडिया संस्थाओं ने चीन के 15 प्रांतों का दौरा भी किया, जिस का नाम "चीन-रूस मैत्री यात्रा के तहत चीन का दौरा" रखा गया।
गतिविधि के आयोजन के उद्देश्य पर आयोजक, सीआरआई के रूसी विभाग की प्रमुख सुश्री फान पिंग पिंग ने कहाः
" हमारा उद्देश्य बहुत साफ है, यानिकी चीनियों व रूसियों को एक दूसरे को समझाना। गत शताबदी के 90 वाले दशक में मैंने रूस की यात्रा की थी। स्थानीय लोगों ने मुझे चीन के बारे में बहुत सवाल पूछे। मुझे लगता था कि रूसी लोग चीन में बड़ी रुचि रखते थे, लेकिन उन्हें चीन के बारे में कम जानकारी है। उसी समय से ही मेरे दिमाग में इस तरह की गतिविधि आयोजित करने का विचार आया है।"
"चीन-रूस मैत्री यात्रा" के आयोजन के दो साल बाद, सीआरआई ने चीनियों में रूसी गीत गाने की प्रतियोगिता आयोजित की। पुरस्कार समारोह में चीनी प्रधानमंत्री वन च्या पाओ व रूसी प्रधानमंत्री पुटिन भी उपस्थित थे। मौके पर श्री पुटिन ने कहाः
"बड़ी खुशी की बात है कि चीन के सभी लोग रूसी संस्कृति में रुचि रखते हैं। बहुतसे युवा लोगों ने भी इस प्रतियोगिता में भाग लिया है। यह देखकर हम बहुत खुश हैं।"
वन च्या पाओ का विचार है कि चीनियों में रूसी गीत गाने की प्रतियोगिता जैसी सांस्कृतिक कार्यवाहियों से न सिर्फ दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ेगा, बल्कि द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए भी लाभदायक है। वन च्या पाओ का कहना हैः
"चीन व रूस दोनों महान देश हैं, जिनका लम्बा इतिहास है। मैं प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी लोगों का आभार करता हूं कि आप लोगों ने संगीत से दोनों देशों के लोगों के बीच आवाजाही बढ़ा दी है।"
मैत्री की आवाज़ निरंतर गूंजती रहती है। 2010 में चीन व वियतनाम के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में सीआरआई ने दोनों देशों की कई मीडिया संस्थाओं के साथ चीनी व वियतनामी गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया। 300 से अधिक प्रतिस्पर्द्धियों ने इसमें बढ़-चढ़कर भाग लिया।
दोस्तो, अभी जो गीत आप सुन रहे हैं, वह वियतनामी लड़की ट्रन थु हा द्वारा गाया गया चीनी गाना आज तुम्हारा जन्मदिन है। हाल के वर्षों में सीआरआई के कई विभागों ने विदेशी मीडिया के साथ अनेक आवाजाही गतिविधियों का आयोजन किया, जिससे न केवल चीन व विदेशों के बीच समझ व मैत्री, बल्कि दोनों देशों की सांस्कृतिक आवाजाही भी बढ़ाई गई है। सीआरआई के उप निदेशक यिन ली ने इसकी प्रशंसा करते हुए कहाः
"सीआरआई एक अन्तरराष्ट्रीय मीडिया होने के नाते देशों के बीच सांस्कृतिक आवाजाही, मैत्री व समझ बढ़ाने की गतिविधि आयोजित करने का जिम्मा उठाता है। आज यह सब साकार हो गया है।"
दोस्तो, अभी आप सीआरआई की 70वीं जयंती पर ज्ञान-प्रतियोगिता का एक आलेख सुन रहे थे। हम इस लेख से जुड़े सवाल फिर से पूछेंगे।
पहला सवाल हैः सीआरआई की विदेशों में अपने कितने क्षेत्रीय जनरल ब्यूरो स्थापित करने की योजना है?
दूसरा सवाल हैः "चीन-रूस मैत्री यात्रा के तहत रूस का दौरा" नामक गतिविधि कब आयोजित हुई?
आशा है कि आप सक्रिय रूप से इस ज्ञान-प्रतियोगिता में भाग लेंगे और पुरस्कार जीतने की कोशिश करेंगे। अच्छा अब आज्ञा दें, नमस्कार।