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सीआरआई की 70वीं वर्षगांठ पर ज्ञान-प्रतियोगिता (1)
2011-06-28 15:49:39
दोस्तो,इस साल चाइना रेडियो इंटरनेशनल (सीआरआई)की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ है।विश्व फ़ासिस्ट विरोधी युद्ध के दौरान शुरू हुआ यह रेडियो स्टेशन विकसित होकर इस समय 61 भाषाओं में विश्व के विभिन्न देशों तक सूचनाएं एवं जानकारियां पहुंचाने वाला एक अंतर्राष्ट्रीय मीडिया बन गया है। पिछले 70 वर्षों में सीआरआई ने रिपोर्टों व कार्यक्रमों के जरिए विभिन्न देशों की जनता तक लगातार अपनी मैत्री-भावना पहुंचाई है,शांति व न्याय के प्रति अपना समर्थन और बहुतत्वीय सभ्यता के प्रति अपना सम्मान व्यक्त किया है।आज से शुरू कर हम लगातार 4 दिन तक आप को सीआरआई की कहानी सुनाएंगे और साथ ही आप को सीआरआई की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ पर ज्ञान-प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रण दे रहे हैं।

ध्यान रहे आज हम आप से निम्न सवाल पूछेंगेः

1,सीआरआई की प्रसारण सेवा सब से पहले किस भाषा में शुरु हुई ?

2,सीआरआई ने किस देश के किस शहर में अपना पहला एफ़ एम रेडियो स्टेशन स्थापित किया है?

सही जवाबों के लिए आप यह आलेख सुनिए

(आवाज 1)

विश्वास है कि हमारे कार्यक्रम सुनने वाले श्रोता जरूर इस धुन से परिचित होंगे।हां, यह सीआरआई की प्रतीक-ध्वनि है।

सीआरआई के मुख्यालय की इमारत की पहली मंजिल की मुख्य दीवार पर लगे `चीन का रुख,विश्व की दृष्टि,मानव की महत्वाकांक्षा`जैसे शब्द खास ध्यानाकर्षक करते हैं।यह सीआरआई की प्रसारण की अवधारणा है।तो आखिरकार चीन का रूख कैसा है? विश्व दृष्टि कैसे अपनाई जाए ? और मानव की महात्वाकांक्षा कैसे प्रकट की जाए?

पिछली सदी के 40 वाले दशक के शुरू में चीनी जनता फ़ासिस्ट विरोधी युद्ध के दौरान जापानी आक्रमणकारियों से कठोर संघर्ष कर रही थी।जापानी आक्रमण के खिलाफ़ प्रचार-प्रसार के लिए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने देश के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित यैनआन क्षेत्र में सिनह्वा रेडियो स्टेशन कायम किया और वर्ष 1941 की तीसरी दिसम्बर को इस रेडियो स्टेशन ने जापानी भाषा में अपना पहला प्रसारण शुरू किया।उस की प्रथम उद्घोषिका चीन में रहने वाली जापानी सुश्री हारा कियोशी हैं।

इस प्रकार 3 दिसम्बर 1941 चाइना रेडियो इंटरनेशनल का जन्मदिन भी बन गया।

उस समय प्रसारण-कक्ष सिर्फ एक सादे गुफा रूपी कमरे में था और प्रसारण की क्षमता भी सिर्फ 300 वाट थी।सुश्री हारा कियोशी ने कहा,

`मैं यैनआन में रेडियो-कार्यक्रम प्रसारित करने का काम करती थी।कठोर परिस्थिति में भी मेरी अच्छी देखभाल की जाती थी। `

जापानी भाषा में प्रसारित कार्यक्रमों ने जापानी आक्रमणकारी सैनिकों के हौसले को कम करने का काम किया और उनमें से अनेक अफसर व जवान रेडियो से युद्ध की असलियत जानकर युद्धविरोधी कार्य में लग गए।

जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध के बाद यैनआन सिनह्वा रेडियो स्टेशन ने वर्ष 1947 में अंग्रेजी में प्रसारण शुरू किया।दसियों वर्षों से विकसित होकर सीआरआई के अंग्रेजी रेडियो-कार्यक्रम इस समय विश्व के कोने-कोने में सुने जा सकते हैं।

जून 1949 में चीन लोक गणराज्य की स्थापना से थोड़े समय पहले सिनह्वा रेडियो स्टेशन यैनआन से पेइचिंग में स्थानांतरित किया गया और उस ने चीनी भाषा विभाग कायम किया,जिस ने छाओचो,क्वांगचो और फुचैन तीन स्थानीय बोलियों में दक्षिण चीन के वासियों और दक्षिण-पूर्वी एशिया में रह रहे चीनी प्रवासियों के लिए रेडियो कार्यक्रम प्रसारित करना शुरु किया।

वर्ष 1949 की पहली अक्तूबर को नए चीन की स्थापना हुई।इस अवसर पर आयोजित भव्य समारोह का सीधा प्रसारण उद्घोषिका तिन ई-लान ने किया था।बाद में वह सीआरआई की महानिदेशक बनी। (आवाज)

सिनह्वा रेडियो स्टेशन के पेइचिंग में स्थानांतरित होने के बाद कई बार अपना नाम बदला है।चाइना रेडियो इंटरनेशनल यानी सीआरआई उस का वर्तमान नाम है।अब वह 61 भाषाओं में प्रसारण का काम करता है।भाषाओं की संख्या की दृष्टि से वह दुनिया में सब से बड़ा अंतर्राष्ट्रीय मीडिया-संस्थान बन गया है।

पिछली शताब्दी के 70 वाले दशक के अंत में चीन ने सुधार व खुलेपन का कार्य शुरु किया,जिससे सीआरआई के बड़े विकास के लिए स्थितियां तैयार हो गईँ।सीआरआई ने अपने प्रसारण की अवधारणा,कार्यक्रमों की विषयवस्तु और प्रसारण की शैली में बड़ा सुधार लाया।तत्कालीन महानिदेशक सुश्री तिन ई-लान ने विदेशों में सीआरआई के कार्यालयों की स्थापना के लिए अमरीका,जर्मनी और दक्षिणी अमरीका के कई देशों का निरीक्षण-दौरा किया।

अब तक सीआरआई ने विश्व के विभिन्न देशों में अपने 32 कार्यालय स्थापित किए हैं।आने वाले एक दशक में वह अफ्रीका,मध्यपूर्व,यूरोप और अमरीका में 8 क्षेत्रीय मुख्यालय कायम करेगा।

प्रसारण-प्रौद्योगिकी में लगातार प्रगति होने के साथ-साथ सीआरआई ने फरवरी 2006 में केन्या के नेरोबी में एफ़एम प्रसारण शुरू किया।यह विदेशों में सीआरआई का पहला एफ़एम रेडियो स्टेशन है।

नेरोबी में सीआरआई का एफ़एम रेडियो शुरू होने के एक महीने के बाद तत्कालीन विदेश मंत्री ली चाओ-शिंग ने पेइचिंग के जनवृहद सभागार में आयोजित एक संवाददाता-सम्मेलन में कहा,

`कुछ समय पहले मैं ने अफ्रीका की यात्रा की।वहां अनेक देशों में मैं ने पाया कि सीआरआई के रेडियो-कार्यक्रमों का वहां बहुत स्वागत किया गया है।`

2006 के नवम्बर में सीआरआई ने लाओस की राजधानी वियमतियन में अपना दूसरा एफएम रेडियो स्टेशन कायम किया।चीन के राष्ट्राध्यक्ष हू चिन-थाओ और लाओस के राष्ट्राध्यक्ष छोम्माली सायासोन दोनों ने उस के उद्घोटन-समारोह में हिस्सा लिया।उल्लेखनीय है कि छोम्माली सायासोन और उन के परिवारवाले सीआरआई के पुराने श्रोता हैं।उन का कहना है,

`सीआरआई के कार्यक्रम लाओस में बहुत लोकप्रिय हैं।मैं और व्यापक लाओसी जनता निश्चित समय पर ये कार्यक्रम सुनते हैं।सीआरआई द्वारा प्रसारित रिपोर्टें सामयिक और विश्वसनीय हैं।सीआरआई लाओसी जनता को चीन से वाकिफ़ कराने में अहम भूमिका अदा कर रहा है।मेरा विचार है कि सीआरआई लाओस के सामाजिक मीडिया का एक अंग है,जो एक सेतु के रूप में दोनों देशों के बीच समझ व मैत्री बढाने का काम कर रहा है।`

इस साल पहली फरवरी को सीआरआई ने इटली के मिलान शहर में भी एफ़एम रेडियो प्रसारण शुरू किया।बहुत से श्रोताओं ने यह समान विचार व्यक्त किया कि सीआरआई के एफ़एम प्रसारण के जरिए उन्हें चीन की अधिक जानकारी हासिल हुई है।वे जरूर चीन की यात्रा करेंगे।

गत पहली जून तक सीआरआई दुनिया में अपने 60 एफ़एम रेडियो स्टेशन कायम कर चुका है।ये रेडियो स्टेशन चीन की अधिक जानकारी प्राप्त करने के विभिन्न देशों के श्रोताओं की जरूरत को पूरा करने के उद्देश्य से रोजाना करीब 1200 घंटों के कार्यक्रम प्रसारित करते हैं।

विदेशों में सीआरआई का प्रभाव बढने के साथ-साथ अनेक अंतर्राष्ट्रीय मीडियाकर्मी भी सीआरआई में काम करने के लिए चीन आए हैं।उदाहरण के लिए बीबीसी की पूर्व मुख्य उद्घोषिका सुसान ओस्मान इस समय सीआरआई के अंग्रेजी प्रसारण-केंद्र में काम कर रही हैं।

वर्षों से सीआरआई सार्वजनिक सेवा के सिद्धांत पर कायम रहा है और इस सिद्धांत पर आधारित उन के कार्यक्रम लोकप्रिय रहे हैं।चीनी कम्युनिकेशन यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर सुश्री छाओ लु के अनुसार वैश्विक परिस्थिति में बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है।अंतर्राष्ट्रीय रेडियो-प्रसारण विकसित होकर इस कोशिश में हो गया है कि वह दूसरे देशों में अपने और अपने कार्यक्रमों को स्वीकार करवाने में सफल रहे।पिछले एक दशक में सीआरआई ने जो कार्यक्रम प्रसारित किए हैं,उनमें आधुनिक मीडिया के विचार खू-ब-खू अभिव्यक्त किए गए हैं।

अपने कार्यक्रमों को और प्रभावी बनाने के लिए सीआरआई ने बहुमीडिया का रूप भी लिया है।आप सीआरआई ऑनलाइन वेबसाइट पर जाकर सीआरआई के कार्यक्रम और वर्तमान स्थिति जान सकते हैं।

2011 के शुरू में सीआरआई ने सूचना-संसाधनों के बेहतर प्रयोग के लिए सीआईबीएन यानी चाइना इंटरनेशनल ब्रोडकस्टिंग नेटवर्क बनाया।यह नेटवर्क इंटरनेट पर और मोबाइल हैंडसेटों पर रेडियो कार्यक्रम और टी.वी कार्यक्रम उपलब्ध कराने के अलावा आईपीटीवी सेवा भी प्रदान करता है।ऐसे में सीआरआई को एक बड़े आधुनिक मीडिया ग्रुप के रूप में देखा जा सकता है।सीआरआई के वर्तमान महानिदेशक वांग कंग-न्यान के अनुसार यह इस बात का प्रतीक है कि 70 वर्ष पुराना सीआरआई बहुमुखी तौर पर मीडिया के नए दौर से गुजर रहा है।आने वाले 5 वर्षों में सीआरआई के विकास का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा,

`भावी 5 सालों में सीआरआई अपनी बहुभाषी वरीयता और समृद्ध मानव-संसाधन के सहारे सीआईबीएन यानि चाइना इंटरनेशनल ब्रोडकस्टिंग नेटवर्क को अंतर्राष्ट्रीय मीडिया-जगत में एक ध्वज-जहाज बनाएगा।`

दोस्तो,अभी आप सीआरआई की 70वीं वर्षगांठ पर ज्ञान-प्रतियोगिता का पहला आलेख सुन रहे थे।हम इस लेख से जुड़े सवाल फिर से पूछें

पहला सवाल है कि सीआरआई की प्रसारण सेवा सब से पहले किस भाषा में शुरु हुई?

दूसरा सवाल है कि सीआरआई ने किस देश के किस शहर में अपना पहला एफ़एम रेडियो प्रसारण शुरू किया?

संदर्भ आलेख
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