सुबह करीब 7 बजे सान छिंग शान के होटल से बस पर बैठकर हम सभी लोग नानछांग के लिये चले। घंटों बाद बस में कुछ खराबी आने से समय का विलंब हुआ। हलकी हलकी बारिश में पहाड़ों को नज़ारा लेते रोड के किनारे खड़े हुए थे। जब तक एक दूसरी बस का प्रबंध हुआ। और हम सब लोग दूसरी बस में सवार होकर फिर नानछांग के लिये चले। हम सभी श्रोताओं ने च्यांगशी के भ्रमण करने का एक दूसरे को अनुभव सुने और बताए। और उस के साथ दस देशों से आए श्रोताओं ने च्यांगशी सरकार और सी.आर.आई. का आभार व्यक्त करते हुए अपने अपने देशों का गाना भी सुनाया गया। यह कार्यक्रम लगभग दो घंटे तक चला। सुहाने मौसम में बस में खाते पीते करीब 2 बजकर 30 मिनट पर नानछांग पहुंचे। वहां कुछ देर तक बैठे और सभी को उस सुन्दर दृश्य से पिछड़ने की याद सताती रही। लेकिन दूसरी तरफ़ लंबी दिवार देखने की उत्सुकता बनी रही। जिस के कारण दुख को भूलकर खुशी का आभार प्रकट होता रहा। कुछ देर बाद जहाज का टिकट लेने के बाद पेइचिंग के लिये रवाना हुए। लगभग शाम को 7 बजे पेइचिंग के प्रसिद्ध होटल हॉलेटे इन में पहुंचे। यहां वेटिंग हॉल में बैठकर सुन्दर सुन्दर दृश्यों की विश्व के दस देशों से आए च्यांशी प्रतियोगिता के विजेता आपस में खूब चर्चाएं कीं। सभी लोगों की बात सुनकर एहसास हुआ कि सच में च्यांशी की यात्रा बहुत सफल हुई। उस के बाद सभी सामान हॉटल में रखकर दस श्रोता और उन के साथ अनुवादक पैदल पेइचिंग की अवध देखते भोजनालय पहुंचे। जहां अनेक प्रकार के भोजन खाते पिते घंटों तक फिर वही सुन्दर दृश्यों की चर्चाएं होती रही। वहां से करीब आठ बजे वापस आकर हॉटल के वेटिंग हॉल में बैठकर फिर से अगले दिनों की यात्रा के बारे में बातें हुई। जिस से मालूम हुआ दस देशों से आए श्रोताओं ने चीन की लंबी दिवार को किसी ने नहीं देखा है। जिस के बेचानी सभी के दिलों में बनकर उभर रही है। और प्रातः होने की उत्सुकता सभी के दिलों में छायी हुई है।