Web  hindi.cri.cn
दक्षिण एशिया पर आधारित कार्यक्रम पत्रिका-0520&0527
2011-05-20 19:28:44

 प्रोफेसर सलिल मिश्रा

भारत के दिल्ली में इगनों में कार्यरत प्रोफेसर व इतिहासकार

कुछ दशक पहले दुनिया में आतंकवाद का विस्तार और आतंक ऐसा नहीं था जैसा वह आज है। आज आतंकवाद के प्रभाव से दुनिया का शायद ही कोई देश बचा हो, विशेष कर आतंकवाद की काली छाया दक्षिण एशिया में काफी गहरी है। यह भी सच है कि आम तौर पर आतंकवाद का शिकार होने वालों में वह आम जन होते हैं, जिन का राजनीति से कोई लेना देना नहीं होता, बसों में ट्रेन में, भीड़भाड़ वाली जगहों पर बाजार में होटल में जब बम विस्फोट होते हैं तो मरने वालों में आम जन ही होते हैं। लगभग सभी सरकारें आतंकवाद से लड़ने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन यह कोशिश किस हद तक कारगर हुई है। यह हम देख ही सकते हैं। आतंकवाद को यदि जड़ से खत्म करना हो तो सब से पहले आतंकवाद को, आतंकवाद के कारणों को समझ कर उस की जड़ पहचानना जरूरी है। आतंकवादियों को मार कर आतंकवाद को खत्म नहीं किया जा सकता। जरूरत उस विचार को खत्म करने की है या जीतने की है जो आतंकवाद का कारण बनता है। वास्तव में आतंकवाद क्या केवल कुछ ऐसे लोगों की इच्छाओं की हिंसक अभिव्यक्ति है जो अपनी इच्छाओं को उपलब्ध सिस्टम में पूरा होने की प्रति आशावान नहीं है या आतंकवाद एक पुष्ट विचारधारा से प्रेरित होता है और धर्म राजनीति से भी ताकत ग्रहण करता है। आतंकवाद और इसके अन्य पहलुओं को समझने के लिये हम ने भारत के दिल्ली में इगनों में कार्यरत प्रोफेसर व इतिहासकार सलिल मिश्रा से बात की।

संदर्भ आलेख
आप की राय लिखें
सूचनापट्ट
• वेबसाइट का नया संस्करण आएगा
• ऑनलाइन खेल :रेलगाड़ी से ल्हासा तक यात्रा
• दस सर्वश्रेष्ठ श्रोता क्लबों का चयन
विस्तृत>>
श्रोता क्लब
• विशेष पुरस्कार विजेता की चीन यात्रा (दूसरा भाग)
विस्तृत>>
मत सर्वेक्षण
निम्न लिखित भारतीय नृत्यों में से आप को कौन कौन सा पसंद है?
कत्थक
मणिपुरी
भरत नाट्यम
ओड़िसी
लोक नृत्य
बॉलिवूड डांस


  
Stop Play
© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040